भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को स्वाइन फ्लू होने के बाद दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है, उन्होंने स्वयं अपनी सेहत की जानकारी देते हुए ट्वीट किया कि उन्हें स्वाइन फ्लू हुआ है, जिसका उपचार चल रहा है और वे जल्द ही स्वस्थ्य होकर लौटेंगे. बेहद सक्रिय रहने वाले बीजेपी अध्यक्ष के बीमार पड़ने का असर उनके नेतृत्व में होने वाले पार्टी के कई कार्यक्रमों पर पड़ सकता है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीमार होने का सबसे बड़ा असर पश्चिम बंगाल में 20 जनवरी से शुरू होने वाले पार्टी के अभियान पर पड़ सकता है. सुप्रीम कोर्ट से राज्य में रथयात्रा निकालने की मंजूरी नहीं मिलने के बाद बीजेपी की प्रदेश इकाई ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की 5 रैलियों का खाका तैयार किया है. जिसमें पहली जनसभा मालदा जिले में 20 जनवरी को होनी थी. इसके बाद 21 जनवरी को 2 रैलियां बीरभूम और पश्चिम मिदनापुर में होनी थीं. वहीं 22 जनवरी को 2 अन्य जनसभाएं दक्षिण 24 परगना और नादिया जिले में तय थी. इसके अलावा 8 फरवरी को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी जनसभा की योजना भी बनाई गई है. जिसे लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. ऐसे में अपने कप्तान के बिना बीजेपी की बंगाल इकाई के मनोबल पर इसका सीधा असर पड़ सकता है, दूसरी तरफ, कर्नाटक के 104 बीजेपी विधायक पूर्व मुख्यमंत्री येदियूरप्पा के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नजदीक गुरुग्राम के एक होटल में कैंप किए हुए हैं और येदियूरप्पा की तरफ से लगातार पार्टी हाईकमान से मुलाकात का समय मांगा जा रहा था. माना जा रहा था कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक के पार्टी विधायकों से जल्द मुलाकात भी करने वाले थे. लिहाजा शाह की गैरमौजूदगी में बीजेपी का कर्नाटक प्लान भी खटाई में पड़ सकता है.
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के चुनावी घोषणापत्र के लिए बैंठकें भी शुरू कर दी हैं. इसके साथ ही वे लगातार विभिन्न राज्यों में शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं, पन्ना प्रमुखों और प्रबुद्धजनों के साथ सम्मेलन भी कर रहे थे. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को जनता तक पहुचाने के लिए बीजेपी ने अगले चार दिनों में देश के 70 अलग-अलग जगहों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की योजना बनाई है. इन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पार्टी पीएम मोदी और अध्यक्ष अमित शाह का संदेश आम लोगों तक पहुंचाना चाहती है,इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ सांसदों को शामिल होना है. इसी क्रम में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा बुधवार को लखनऊ में थे, लेकिन शाह के बीमार होने की खबर मिलते ही वह फौरन दिल्ली के लिए रवाना हुए और एम्स पहुंच गए. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि पार्टी के इन वृहद कार्यक्रमों पर हाईकमान के बीमार होने का कितना असर पड़ सकता है,हाल ही में दिल्ली में हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी पदाधिकारियों को जीत का मंत्र दिया. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में कई नेताओं को पार्टी की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई. इससे ठीक पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव हार चुके पू्र्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और रमन सिंह को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया. अब शाह के अचानक बीमार पड़ने से इन सभी बड़े नेताओं की जिम्मेदारी तो बढ़ेगी ही साथ ही उनका ध्यान आम चुनाव की रणनीति से संबंधित कार्यों के अलावा पार्टी अध्यक्ष के स्वास्थ्य की ओर चले जाना भी लाजमी है.