अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:इलेक्ट्रिक बसों के मामले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अब पूरे देश में नंबर वन बन गई है। दिल्ली सरकार ने गुरुवार को दिल्ली की सड़कों पर 500 और नई इलेक्ट्रिक बसें उतारी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी वीके सक्सेना के साथ मिलकर आईपी डिपो से इन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन 500 बसों को बेड़े में शामिल करने के बाद दिल्ली में अब ईलेक्ट्रिक बसों की संख्या 1300 हो गई है। जबकि सीएनजी बसों को मिलाकर कुल 7232 बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं। ये सभी इलेक्ट्रिक बसें बैटरी से चलेंगी और किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होगा। साथ ही, ये बसें पूरी तरह वातानुकूलित, सीसीटीवी, पैनिक बटन और जीपीएस से लैस हैं। इन बसों के आने से दिल्ली वालों का सफर और आसान हो जाएगा। ई-बसों के संचालन से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में भी काफी कमी आएगी। इससे दिल्ली के अंदर वायु प्रदूषण में कमी आएगी और वातावरण साफ-सुथरा होगा।
वहीं, दिल्ली परिवहन निगम के बेड़े में 500 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज 500 और इलेक्ट्रिक बसें परिवहन विभाग के बेड़े में शामिल की गई हैं। इसके लिए मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देता हूं। अब दिल्ली के पास 1300 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं और दिल्ली इलेक्ट्रिक बसों के मामले में देश में नंबर वन बन गया है। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने को लेकर हमारी कोशिशें आगे भी जारी रहेंगी।सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, उपराज्यपाल के साथ आज दिल्ली में 500 नई इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत की। अब दिल्ली में 1300 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं। 2025 तक हमारा लक्ष्य कुल 8000 इलेक्ट्रिक बसों का है। उस वक्त दिल्ली में 10 हज़ार से ज्यादा बसें होंगी, जिनमें 80 फीसद बसें इलेक्ट्रिक होंगी। हमारी शानदार इलेक्ट्रिक बसें अब दिल्ली की नई पहचान बन रही हैं।गुरुवार को सुबह इंद्रप्रस्थ डिपो में इलेक्ट्रिक बसों का उद्घाटन कार्यक्रम राष्ट्रगान से शुरू हुआ। एलजी वीके सक्सेना व सीएम अरविंद केजरीवाल ने नई इलेक्ट्रिक बसों में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में मौजूद अत्याधुनिक सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इसके उपरांत हरी झंडी दिखाकर बसों को रवाना किया गया। इस मौके पर परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। उधर, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली सचिवालय में प्रेसवार्ता कर बेडे़ में शामिल की गई 500 नई इलेक्ट्रिक बसों के बारे में विस्तार जानकारी दी। उन्होंने दिल्लीवासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज दिल्लीवासियों के लिए बहुत बड़ा और शुभ दिन है। आज 500 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाया गया है। दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब 500 ई-बसें एक साथ सड़क पर उतारी गई हैं। इसके साथ ही, दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा अब 1300 का हो गया है। आज दिल्ली की सड़कों पर जितनी इलेक्ट्रिक बसें दौड़ रही हैं, उतनी संख्या में देश के किसी भी दूसरे राज्य में ई-बसें नहीं दौड़ रही हैं। सरकार ने इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतार कर प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में ठोक कदम बढ़ाया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अलग-अलग रिपोटर्स का हवाला देते हुए कहा कि एक सीएनजी बस एक किलोमीटर चलती है तो 800 ग्राम कार्बनडाई ऑक्साइड पैदा करती है। इसका मतलब ये है कि अगर एक सीएनजी की जगह एक इलेक्ट्रिक बस एक किलोमीटर चलती है तो उससे 800 ग्राम कार्बनडाई ऑक्साइज का उत्सर्जन कम होता है। वहीं, अगर इलेक्ट्रिक बस की जगह कोई और बस होती तो वो वातावरण में 800 ग्राम कार्बनडाई ऑक्साइड और बढ़ा देती। दिल्ली में प्रत्येक बस रोजाना कम से कम 200 किलोमीटर का सफर तय करती हैं। इस तरह पूरे साल में एक बस करीब 70 हजार किलोमीटर का सफर तय करती है। अगर पूरे साल का देखे तो एक इलेक्ट्रिक बस के संचालन से साल में करीब 56 टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम होता है। दिल्ली में पहले से ही 800 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। इन 800 ई-बसों के चलने पिछले डेढ़ साल में करीब 34 हजार टन कार्बनडाई ऑक्साइड कम पैसा हुआ है। प्रदूषण के मद्देनजर देखे तो ये ई-बसें बहुत ज्यादा राहत देंगी। ये ई-बसें जब अपना लाइफ साइकल पूरा करेंगी, तब सालाना 4.67 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड पैदा होने से बचाएंगी। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ बहुत ही ठोस कदम उठाया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि अब दिल्ली में ई-बसों की संख्या बढ़कर 1300 हो गई है। ये सभी ई-बसें बैटरी से संचालित होंगी। हाईब्रिड नहीं है। इन बसों से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं पैदा होगा। पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। इन बसों में सफर करने वाले यात्रियों का एसी को लेकर काफी अच्छा फीडबैक आया है। ये बसें आरामदायक है। सुरक्षा के मद्देनजर हर बस में तीन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हर बस में जीपीएस है। जिसके माध्यम से सभी बसों की लाइफ ट्रैकिंग की जा रही है। ये कमांड सेंटर से भी जुड़ा हुआ है। बस में पैनिक बटन है। दो सीट छोड़कर पैनिक बटन लगा है ताकि जरूरत पड़ने पर यात्री मदद ले सकें। पैनिक बटन को दबाने से सीसीटीवी कैमरे का लाइफ फीड कमांड सेंटर से जुड़ जाता है। कमांड सेंटर में बैठे अफसर कैमरे की मदद से पूरी बस में देख सकते हैं कि क्या हो रहा है? साथ ही, इसकी लोकेशन और फीड दिल्ली पुलिस को भी जाता है। पैनिक बटन दबने के बाद बस चालक को बस रोकना होता है। कमांड सेंटर के अफसर चालक से समस्या पूछते हैं। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक पूरे बस बेड़े को इलेक्ट्रिक बसों में बदलना है। 2025 के अंत तक दिल्ली में कुल बसों की संख्या 10480 हो जाएगी। इसमें 80 फीसद इलेक्ट्रिक बसें होंगी। हमारा लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाकर 8 हजार के पार ले जाना है। इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 8 हजार के पार होने पर दिल्ली दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो जाएगा, जहां सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। उन्होंने बताया कि 8 हजार ई-बसों में से 6 हजार ई-बसों का वर्क ऑर्डर जारी कर चुके हैं। अब लगभग हर महीने 50 से लेकर 100 ई-बसें बेड़े में शामिल करते जाएंगे। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली में स्थित सभी डिपो का विद्युतीकरण किया जा रहा है। दिल्ली में हमारे 60 से अधिक बस डिपो हैं। इन सब में विद्युतीकरण का बड़े स्तर पर काम चल रहा है। ये 500 ई-बसें रोहिणी, हसनपुर 160, वजीरपुर में 130, सुभाष प्लेस और बीबीएम डिपो में भी बसों को शामिल किया जाएगा। इन डिपो के आसपास के इलाके को काफी लाभ होगा।
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