अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
युवाओं के रोजगार के संदर्भ में पूछे एक प्रश्न के उत्तर में श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि युवाओं के लिए हमने बहुत स्पष्ट किया हुआ है, कहा हुआ है कि हम युवाओं को कहना चाहते हैं, आपको रोजगार की जरुरत है, आप अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं, उसके लिए आपको मदद की जरुरत है। आपकी जिम्मेदारी है कि इस चुनाव में आप उन मुद्दों पर चर्चा कराएं, जो आपके मतलब के मुद्दे हैं। आप बेरोजगार रहेंगे, आपका भविष्य नहीं बनेगा। तमाम जो पॉलिटिकल पार्टियाँ हैं, जो राजनीतिक दल हैं, सिर्फ इधर-उधर की बातें करेंगे। आपके भविष्य की बात नहीं कर रहे हैं, आपके विकास की बात नहीं कर रहे हैं। हम कह रहे हैं कि विकास की बात होनी चाहिए। हमने नौजवानों के लिए एक अलग घोषणा पत्र निकाला है, उसका नाम है, ‘भर्ती विधान’, क्योंकि हमने सोचा कि हर राजनीतिक दल कहता है कि 20 लाख नौकरियां दे रहे हैं हम, 25 लाख रोजगार दे रहे हैं, लेकिन ये कभी नहीं कहते कि ये रोजगार आएंगे कहाँ से, किस तरह से दिए जाएंगे। तो हमने ये तय किया कि नौजवानों को हम बताना चाहते हैं कि आपको रोजगार हम कहाँ से देंगे, कैसे आएंगे ये रोजगार – 12 लाख रोजगार जो सरकार में खाली पड़े हुए हैं, उसको हम किस तरह से भरेंगे। आप अगर अपना छोटा बिजनेस शुरु करना चाहते हैं, तो किस तरह से सरकार आपकी मदद करेगी।
आपने देखा होगा, एनटीपीसी के जो छात्र हैं, कितने त्रस्त हैं, परेशान हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं, उन पर लाठियां बरसाई जा रही हैं, लेकिन कोई उनकी बात नहीं सुन रहा है। दो सालों से मैं यूपी में काम कर रही हूं, मैंने बार-बार देखा है कि जब-जब ये टेस्ट आते हैं, जब ये भर्ती के जो एग्जाम होते हैं, या तो रद्द हो जाते हैं या तो पेपर लीक हो जाता है या फिर एग्जाम के बाद कट ऑफ चेंज हो जाती है और तमाम ऐसे स्टूडेंट्स हैं, ऐसे नौजवान हैं, जिनके करियर बर्बाद हो चुके हैं। जो पांच-पांच, छह-छह सालों से इंतजार कर रहे हैं, इस आशा में कि मैंने एग्जाम दिया, मुझे नौकरी मिलेगी और बार-बार घोटाले किए जा रहे हैं, बार-बार उनको त्रस्त किया जा रहा है। जब वो आवाज उठाते हैं, उनको आप पीटते हैं। तो हमने उनके लिए खास इस भर्ती विधान में हमने लिखा है कि हम इन चीजों को दूर कैसे करेंगे। इन समस्याओं को हल करने के लिए हम क्या करना चाहते हैं कि हम एक स्पेशल रिक्रूटमेंट कमीशन बनाना चाहते हैं, जो इन समस्याओं को समझे और इनको सुलझाने का काम करे कि हम ये एग्जाम निःशुल्क कराएंगे। आप अगर ट्रेन से जा रहे हैं या बस से जा रहे हैं, इस एग्जाम को देने के लिए, तो आपकी वो भी यात्रा निशुल्क होगी और रोजगार के लिए हम एक टाइम टेबल जैसा बनाने चाह रहे हैं, एक जॉब कैलेंडर, हर एक भर्ती के लिए अलग, जिसमें लिखा जाएगा कि आपका एग्जाम इस डेट पर होगा, इसका रिजल्ट इस डेट पर आएगा, इसके बाद आपको नौकरी इस डेट पर मिलेगी और छह महीनों से ज्यादा नहीं होना चाहिए, वो गैप। आज एग्जाम और रिजल्ट में ही डेढ़ साल का गैप है, बताइए कैसे हो सकता है। आप सोच रहे हैं कि नौजवान त्रस्त नहीं होगा, दुखी नहीं होगा और आप उनकी बात नहीं सुन रहे हैं, उनको मार रहे हैं, पीट रहे हैं, जेल में डाल रहे हैं, उनका करियर खत्म कर रहे हैं। उन पर ऐसी-ऐसी धाराएं लगा रहे हैं कि वो जेल चले जाते हैं, बाद में यूनिवर्सिटी नहीं जा सकते हैं। तो हम कह रहे हैं कि, हम समझ रहे हैं कि ये आपकी समस्याएं हैं, इनको सुलझाने के लिए हमने एक पूरा विधान बनाया है, इसको पढ़िए, ऑनलाइन भी पढ़िए और जहाँ से भी ये आपको उपलब्ध हो सकता है, आप उसको देखकर पढ़िए, क्योंकि हम ठोस बात कर रहे हैं, हम इधर-उधर की बातें नहीं कर रहे हैं। हम कह रहे हैं कि चुनाव असली मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए, विकास पर लड़ा जाना चाहिए। आपके मोहल्ले में नल क्यों नहीं है, पानी क्यों नही, बिजली क्यों नहीं, सड़क नहीं है, आपको रोजगार क्यों नहीं मिल रहा है, आपकी शिक्षा में आपका बजट क्या है? आप 80 प्रतिशत, 20 प्रतिशत की बातें कर रहे हैं, आप ये क्यों नहीं कह रहे हैं कि कितने प्रतिशत बेरोजगार बैठे हुए हैं उत्तर प्रदेश में? आप ये क्यों नहीं कह रहे हैं कि शिक्षा के जो बजट में आपने जितने प्रतिशत पैसे खर्चे हैं, वो पहले से कम हो गए हैं, ये क्यों नहीं कह रहे हैं? आप ये क्यों नहीं कह रहे हैं कि आप कितने प्रतिशत खर्चेंगे सेहत के लिए, सेहत की सुविधाओं के लिए? तो हम कह रहे हैं कि इन बातों पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए और हम कह रहे हैं कि जातिवाद और सांप्रदायिकता को फैलाने से सिर्फ राजनैतिक दलों का फायदा होता है, पब्लिक का कोई फायदा नहीं है इसमें। पब्लिक का फायदा इसमें है कि हर नेता को पब्लिक जवाबदेह बनाए। पब्लिक पूछे कि हमारे ये काम क्यों नहीं किए हैं? अगर आप काम नहीं करेंगे, तो हमारा वोट आपको नहीं मिलेगा। तो मैं आप सबसे आग्रह करना चाहती हूँ, सारे नौजवानों से, उत्तर प्रदेश के नौजवानों से, महिलाओं से, सबसे आग्रह करना चाहती हूँ कि आप इस चुनाव को अपने बारे में बनाइए। आपका विकास कैसे होगा, आपका भविष्य मजबूत कैसे होगा, आपको रोजगार कैसे मिलेंगे, आपको अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए सरकार किस तरह से मदद करेगी, ये पूछिए और जवाबदेह बनाइए इन लोगों को, जो आपको गुमराह कर रहे हैं, बार-बार।एक अन्य प्रश्न पर कि कांग्रेस जहाँ-जहाँ कैंपेन कर रही हैं, वहाँ उनके खिलाफ एफआईआर हो रही है, ऐसे में जब आप यहाँ आई हैं, तो क्या आप इसके लिए मैंटली प्रिपेयर हैं, श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि करिए बहुत अच्छी बात है। जब से मैं उत्तर प्रदेश पर काम कर रही हूँ तो मैं पूरी तरह से मैंटली प्रिपेयर हूँ। मुकदमे करिए, हिरासत में ले लीजिए, जेल में डाल दीजिए, क्या होगा? हम तो लड़ते रहेंगे। ये हमारा संघर्ष है। एक अन्य प्रश्न पर कि आपने बड़ी चुनौती स्वीकार की है, पहले ही कैंपेनिंग से, क्या कहेंगी, श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि ये लड़की, पंखुड़ी, यहाँ रहती है। यहाँ की समस्याओं को समझती है। आज से नहीं, चुनाव के समय से नहीं, ये महीनों से हर जन के लिए उपलब्ध होती है। आप फोन करिए, फोन उठाती है, जाती है, सबसे मिलती है, सबकी समस्याओं को समझती है, आप देखिए, ये जीतेगी। ये जीतेगी, क्योंकि जनता त्रस्त है यहाँ नोएडा की। परेशान है, सारे ग्रुप्स परेशान हैं, कोई सुनवाई नहीं है उनकी। वो कह रहे हैं कि विधायक तो दिखते ही नहीं हैं, लेकिन उनका चेहरा हम सिर्फ बसों पर विज्ञापन में ही दिखता है। लेकिन पंखुड़ी लड़की तो यहाँ रहती हैं, संघर्ष करने वाली लड़की है, इसका छोटा बच्चा है, तब भी कोरोना के समय इसने सबसे ज्यादा काम किया है, इसलिए इसको टिकट मिला है।एक अन्य प्रश्न पर के उत्तर में श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि 403 सीट लड़ रही है कांग्रेस। मेरे ख्याल से तीन दशकों के बाद। तो मेरे ख्याल से बहुत बड़ी बात है और हम सीट पर संघर्ष करेंगे, हर सीट पर लड़ेंगे। एक अन्य प्रश्न पर कि ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’, आपने नारा दिया, उसके बाद भी महिला सुरक्षित नहीं हैं यूपी की, क्या कहेंगी, श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि इसलिए तो मैं सब महिलाओं से कहती हूँ समझिए। आप भी महिला हैं, आप समझिए कि आपमें कितनी शक्ति है। आज आपको राजनैतिक शक्ति माना नहीं जा रहा है, क्यों? आप 50 प्रतिशत आबादी हैं, फिर भी आपको सीरियसली क्यों नहीं ले रहे हैं, राजनीति में- क्योंकि आप एकजुट नहीं हो रही हैं। आप एकजुट बनकर खड़ी हो जाएं और आप कहें कि हम अपने भविष्य की राजनीति चाहते हैं, हम अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं, हमें असुरक्षित रखने का आप काम कर रहे हो, हमें सुरक्षित बनाओ और हमें सक्षम बनाओ और हमें लड़ने का मौका दो, यही कह रही हूँ, मैं। On another question that survey reports are not good, Smt Priyanka Gandhi said- That’s okay! So what? We are fighting. Yes! We are fighting.एक अन्य प्रश्न पर कि विपक्ष आपका कम आकलन कर रहा है, श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि करने दीजिए न, हम तो लड़ रहे हैं। हम हर सीट पर लड़ रहे हैं। हम संघर्ष कर रहे हैं, हम करेंगे और आगे भी करेंगे। एक अन्य प्रश्न पर कि यूपी में सबसे ज्यादा तुष्टिवाद की राजनीति हो रही है, क्या कहेंगी, श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि अभी तो मैंने पूरा लेक्चर दिया उस पर। कि राजनीति को जब तक पब्लिक जवाबदेह नहीं बनाएगी, तब तक विकास के मुद्दों को सामने एकदम राजनैतिक चर्चा का सबसे बड़ा पार्ट नहीं बनाएगी, तब तक ये राजनीति बदलेगी नहीं। मैं कहती हूँ कि पब्लिक की एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि आप राजनीति को, सारे राजनैतिक दलों को जवाबदेह बनाइए। अपने विकास के मुद्दों से गुमराह होना बंद कर दीजिए, जागरुक बनिए।
On another question that new reports are saying that the government lied in the Parliament House on Pegasus, what do you say, Smt Priyanka Gandhi said- Well! From the new reports, it is pretty clear that the government lied in Parliament.
एक अन्य प्रश्न पर कि आज आपने कालीबाड़ी मंदिर में दर्शन किए, यहाँ बंगाली वोटरों की संख्या काफी है, आज आपने अनेक वोटरों से भी बात की, उनसे आपको क्या रुझान मिला, श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि रुझान ये मिला कि सब त्रस्त हैं, सब परेशान हैं। सब चाहते हैं कि उनकी बात हो, उनकी सुनवाई हो। सब चाहते हैं कि उनकी जो समस्याएं हैं, उनकी सुनवाई हो, वो सुनवाई हो नहीं रही है और तमाम ऐसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं, जिनसे उनकी समस्याओं का कोई सरोकार नहीं है। तो सब चाह रहे हैं कि उनकी समस्याओं पर ये चुनाव लड़ा जाए और जो उनके लिए, जैसे मैंने कहा, पंखुड़ी जी यहाँ हैं, यहाँ रहती हैं, जब इनको बुलाएं, तो वो आती हैं, उनको इस तरह का एक उम्मीदवार चाहिए। उनको इस तरह (नोएडा) का एक प्रतिनिधि चाहिए।