अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज शनिवार को विद्युत अधिनियम-2003 के तहत गठित चयन समिति की सिफारिश पर दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के नए अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति शबीहुल हुसनैन (सेवानिवृत्त) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बात पर बल दिया कि दिल्ली सरकार राजधानी में निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और पिछले दशक में बिजली क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। सीएम ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार का उद्देश्य न्यायमूर्ति शबीहुल हुसनैन के सक्षम प्रशासन के तहत डीईआरसी का अधिक से अधिक कामकाज को देखना है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी ने इस पद के लिए उनकी पुरजोर सिफारिश की थी। ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी न्यायमूर्ति हुसनैन की नियुक्ति पर पूरा भरोसा जताया और कहा कि सरकार दिल्ली में बिजली आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के नवनियुक्त अध्यक्ष को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के नए अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति शबीहुल हुसनैन (सेवानिवृत्त) की नियुक्ति को मंजूरी दी। रियायती और निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करना दिल्ली सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उनके सफल कार्यकाल के लिए मेरी
शुभकामनाएं।’’
इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी ने डीईआरसी अध्यक्ष पद के लिए उनकी पुरजोर सिफारिश करते हुए कहा था, ‘वह संस्था के लिए एक बड़ी संपत्ति होंगे। उन्होंने 12 साल से अधिक समय तक चली इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में उनकी शानदार न्यायिक सेवा के आधार पर न्यायमूर्ति शबीहुल हुसनैन का समर्थन किया था।’
न्यायमूर्ति शबीहुल हुसनैन के शानदार करियर और अनुभवों की सराहना करते हुए दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि डीईआरसी नवनियुक्त अध्यक्ष के अनुकरणीय नेतृत्व में नया और महत्वपूर्ण मुकाम हासिल करेगा। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी क्षेत्र में पर्याप्त और रियायती विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। डीईआरसी अध्यक्ष का पद 4 जुलाई से खाली था, जब न्यायमूर्ति सत्येंद्र चौहान सेवानिवृत्त हुए थे। न्यायमूर्ति चौहान ने डीईआरसी के पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी कार्य किया था।न्यायमूर्ति शबीहुल हुसनैन ने मई 2008 से जनवरी 2020 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुके हैं। न्यायमूर्ति शबीहुल हुसनैन ने उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य स्थायी वकील के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने उन्होंने यूपी डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के स्थाई वकील के पद पर भी काम किया। वह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू-अरबी फ़ारसी विश्वविद्यालय के न्यायिक सदस्य भी थे और लखनऊ विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज के निर्वाचित कार्यकारी सलाहकार के रूप में भी काम किया। न्यायमूर्ति शबीहुल हुसनैन ने लखनऊ उच्च न्यायालय में 24 वर्षों से अधिक समय तक अधिवक्ता के रूप में वकालत की है। वह लखनऊ विश्वविद्यालय के राज्यपाल से मनोनीत कार्यकारी सदस्य भी हैं।