अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा विभाग के सलाहकारों, अधिकारियों, शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों के साथ ‘पैरेंटिग इन द टाइम ऑफ कोरोना’ के 5वीं सत्र की बैठक की अध्यक्षता की। शाम चार बजे से प्रसारित हुए इस समीक्षा बैठक में शिक्षा निदेशक बैठक में श्री बिनय भूषण, दिल्ली शिक्षा निदेशालय के उपनिदेशक योगेश प्रताप और शिक्षा निदेशक के मुख्य सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा भी मौजूद रहे। बैठक के बारे में मनीष सिसोदिया ने बताया कि हमारी यह बैठक दिल्ली सरकार की टीम और उसके विभिन्न जिम्मेदार पदों की समीक्षा के लिए थी। हमने अभी ऑनलाइन क्लासेज़ की शुरूआत की है, जो नियमित क्लास से आधुनिकता की ओर शिक्षकों और बच्चों के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही है। कुछ बच्चों के पास बेहतरीन संसाधन और इंटरनेट है, कुछ के पास नहीं हैं। तो अभी मैं ये जानना चाहता था कि ये प्लान किस हद तक कामयाब रहा है, और यह भी प्रयास है कि कैसे अधिक से अधिक बच्चों को इस क्लास से जोड़ा जा सकता है।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के पूरा होने और रिजल्ट के इंतजार में लगे बच्चों के लिए विशेष प्रयासों की शुरूआत की गयी है, जिसमें ‘प्रतिदिन इंग्लिश और पर्सनैलिटी डेवलपमेन्ट क्लास’ चलाने की तैयारी है, जिससे बच्चों की सॉफ्ट स्किल बढ़ेगी। बच्चों के लिए इस सत्र की शुरूआत सोमवार से हो जाएगी। यह क्लास ब्रिटिश कॉउंसिल और मैकमिलन एजूकेशन के सहयोग से संचालित हो रही है। शिक्षा विभाग के निदेशक श्री बिनय भूषण ने बताया कि स्पोकन इंग्लिश और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट” क्लास 10वीं और 12वीं के बच्चों को वह अवसर देगा, जिसमें वे वर्तमान समय का उपयोग आवश्यक स्किल सीखने में कर सकेंगे। यह क्लास मई और जून में संचालित होंगी और बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली के 10वीं के करीब 1,60,000 और 12वीं के 1,12,000 बच्चे बोर्ड परीक्षा के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग परसैनिलिटी डेवलेपमेंट और स्पोकन इंग्लिश की ऑनलाइन क्लास चलाएगी, ताकि बच्चे अपने खाली समय का सदुपयोग कर सकें। हमने 9वीं क्लास के बच्चों के लिए ऑनलाइन मैथ्स की क्लास शुरू की है, जो बच्चों में भय को कम करेगा, लेकिन इंग्लिश बोलने की कला पर काम करने की भी जरूरत है। एक भी बच्चा ऐसा नहीं होना चाहिए जिसमें यह हीनभावना हो कि वह अच्छी तरीके से संवाद नहीं कर सकता है। हिन्दी हमारी भाषा है, शिक्षा का माध्यम भी हिन्दी है, लेकिन यह समझने की जरूरत है कि हम अंग्रेजी के महत्व को कम नहीं आँक सकते हैं। भविष्य में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे बच्चों में भाषा पर नियंत्रण होना चाहिए। और यही कारण है कि आने वाले सोमवार से इस तरह की गतिविधियाँ शुरू की जा रही हैं।
कोर्स की प्रकृति और स्थिति को बताते हुए ब्रिटिश काउंसिल और मैकमिलन एजुकेशन के प्रतिनिधि ने कहा कि इस पूरे कोर्स को दो भागों में बांटा गया है। पहला वह है, जो बच्चों को रोजाना की प्रयोग में आने वाली इंग्लिश के बारे में जानकारी देगा। जबकि दूसरे भाग में बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर काम किया जाएगा। जिसमें बच्चों को यह सिखाया जाएगा कि वह तनाव को किस तरह से लें और इंटरव्यू जैसे सामान्य परिस्थितियों में किस तरह का व्यवहार करें। रोजाना 10वीं और 12वीं क्लास के बच्चों को एक लिंक s.m.s. द्वारा भेजा जाएगा। इस लिंक में के जरिए वे एक विशेष पेज पर पहुंचेंगे, जहां पर उस दिन की गतिविधियों को संचालित किया जाएगा। इस कोर्स के जरिए बच्चे अपना आंकलन भी समय-समय पर कर सकेंगे।
इस अवसर पर शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार के लगभग 270000 बच्चे रोजाना लिंक प्राप्त करेंगे और कोर्स से जुड़ सकेंगे। इस कोर्स की शुरुआत के साथ ही हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे के साथ अलग-अलग पाठ्यक्रम के जरिए जुड़ जाएंगे। दिल्ली सरकार द्वारा खान एकेडमी के साथ पिछले सप्ताह शुरू की गई गणित की ऑनलाइन क्लास पर बात करते हुए शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि “नौवीं कक्षा के सभी 480000 बच्चे, जो इस बार आठवीं से 9वी में आए हैं, उन्हें ऑनलाइन मैथ क्लास के लिए मैसेज प्राप्त हो रहे हैं। पहले दिन 35000 बच्चों ने इस पाठ्यक्रम में भाग लिया और अभी तक 6 से अधिक सत्र संचालित कर चुके हैं, जबकि पहले सप्ताह में 120000 से अधिक बच्चों ने भाग लिया है। राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, रोहिणी सेक्टर 11 की छात्रा साक्षी जो गणित की ऑनलाइन क्लासेज में लगातार भाग ले रही है, उसने बताया कि मेरी मैथ्स थोड़ी कमजोर है और सब लोग कहते हैं कि यह एक कठिन विषय है, लेकिन खान एकेडमी के जरिए क्लास लेने के बाद मैं इसमें काफी सुविधा महसूस कर रही हूं। मुझे ऑनलाइन वीडियो काफी सरलता से समझ में आए हैं और इसकी टेस्ट सीरीज भी मेरे लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो गई है। दिल्ली सरकार की शिक्षिका डॉ सुषमा ने कहा कि पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम पूरी तरह से एनसीईआरटी और सीबीएसई के पाठ्यक्रम के अनुसार ही होगा।
अधिक जानकारी देते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इस तरह की ऑनलाइन कोर्स को नियमित पाठ्यक्रम के समानांतर न लिया जाए। हमारे अध्यापकों को यह सोचने की जरूरत बिल्कुल नहीं है कि जब वे स्कूल में जाएंगे तो उन्हें बिल्कुल शुरुआत से पढ़ाना होगा। यह उनकी अध्यापन में सहयोग के लिए ही है। डॉ. सुषमा ने बताया कि हम बच्चों को बिल्कुल शुरुआत से पढ़ा रहे हैं और उनकी बेसिक नॉलेज को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही उनका सिलेबस भी पढ़ाया जा रहा है। ऐसा इसलिए कि बच्चे स्कूल खुलने पर फिर से अपनी क्लासेज के साथ जुड़ सकें।
विभिन्न स्कूलों के स्तर पर दिल्ली सरकार के शिक्षक, लोगों और बच्चों तक असाइनमेंट पहुंचाने की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने उनसे भी आज बातचीत की। शिक्षा मंत्री ने बच्चों के अभिभावकों से भी बात की कि क्या उन्हें प्रतिदिन s.m.s. और आईवीआर के जरिए होमवर्क मिल रहा है? और उस पर लोगों की राय जानी। जिस पर अभिभावकों की तरफ से जो फीडबैक प्राप्त हुआ वह सकारात्मक था। लक्ष्मी नगर के श्री भरत ने कहा कि हमारे बच्चों को हर दिन कुछ नया सीखने को मिल रहा है और हम भी उनकी गतिविधियों में भाग ले रहे हैं। उत्तम नगर की रहने वाली श्रीमती रजनी ने कहा कि न केवल मैं बल्कि मेरे बच्चे के ग्रैंड पेरेंट्स भी बच्चों के साथ उनकी गतिविधि में भाग ले रहे हैं और उनकी मदद कर रहे हैं। बैठक के समापन पर जानकारी देते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे लगता है कि ऑन लाइन शिक्षा और इस तरह की गतिविधियों का शिक्षा में समाहित किया जाना आने वाले समय की मांग है। हम इस पूरी प्रक्रिया में अभिभावकों की राय भी जाना चाहते हैं। और आने वाली पीढ़ी के स्कूलों की एक झलक आज हमारे सामने खड़ी है।