अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली हिंदी अकादमी द्वारा बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की 130वीं जयंती के उपलक्ष्य में बाबा साहब अम्बेडकर के मूल्यों, शिक्षा और उनके जीवन के संघर्ष को याद करने के लिए वर्चुअल माध्यम से डिजिटल कला महोत्सव-2021 का आयोजन किया गया। इस दौरान ‘नीले आसमान के नीचे सभी सामान’थीम पर अलग-अलग कला विधाओं में प्रविष्टियाँ मंगवाई गई। इस आयोजन के तहत 14 अप्रैल 2021 को 3 ऑनलाइन प्रतियोगिताओं की घोषणा की गई। सोमवार को तीनों प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की गई व उन्हें पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, “बाबासाहब के जीवन के तथ्य जैसे उनकी जन्मतिथि, उनका जन्म कहाँ हमारी शिक्षा यहाँ तक सीमित न रहे, बल्कि सही मायनों में बाबासाहब के संघर्ष और उनकी शिक्षा को आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने न केवल आजादी की लड़ाई लड़ी बल्कि आजादी के बाद देश में सभी लोगों को उनका हक दिलाने की लड़ाई भी लड़ी। आज इस बात की जरूरत है कि हमारी युवा पीढ़ी बाबा साहब के विचारों को जाने और उनपर चल कर ऐसे देश का निर्माण करे जहां सभी लोग एक साथ खड़े हो और देश की तरक़्क़ी में भागीदार बने। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल कला महोत्सव का उद्देश्य कला की नई विधाओं के सहारे बाबा साहब के विचारों न केवल युवा पीढ़ी बल्कि जन-जन तक पहुंचाना था। दिल्ली सरकार का प्रयास है कि लोग बाबा साहब के चिंतन को समझे और उन्हें अपने जीवन में अपनाए।
इस महोत्सव में कलाकारों को कला के लोकप्रिय माध्यमों द्वारा ‘नीले आसमान के नीचे सभी समान’ थीम पर अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति करने का मौका मिला। इस प्रतियोगिता में कई कलाकारों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। अलग-अलग उम्र और अनुभव के कलाकारों ने बड़ी रोचक और कलात्मक गीत,चित्र, कविता,वीडियो भेजे। प्रत्येक कलाकार ने अपने ढंग से बाबासाहब और उनके सन्देश को अपनी कला के माध्यम से अभिव्यक्त किया। इन प्रतियोगिताओं को आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यमों और युवाओं में लोकप्रिय होने के आधार पर चुना गया। पहली श्रेणी रील्स (30 सेकंड से छोटा लघु विडियो) थी, जो आजकल इंस्टाग्राम आदि माध्यमों पर प्रचलित है। दूसरी श्रेणी गीतों/कविताओं की थी, जिसमे साथ में युवाओं में पसंद किए जाने वाले रैप गीतों को भी प्रोत्साहित किया गया। तीसरी श्रेणी चित्रकला की थी। तीनों श्रेणियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं के लिए क्रमशः 75 हज़ार, 50 हज़ार और 25 हज़ार रुपयों की पुरस्कार राशि रखी गई।गीत श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली ज्योत्स्ना विद्या ने कहा कि , “बाबासाहब ही मेरी कला की प्रेरणा है, हम है क्योंकि वो थे। बाबासाहब ने हमारे उत्थान के लिए शिक्षा के महत्त्व को समझाया।” समारोह में सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम,कला, भाषा और संस्कृति विभाग की सचिव स्वाति शर्मा, कला संस्कृति विभाग की सलाहकार अभिनंदिता माथुर व दिल्ली हिंदी अकादमी के सचिव जीतराम भट्ट शामिल रहे।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments