अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के डीसीपी (क्राइम) राजेश देव ने शरजील इमाम को गिरफ्तार किए जाने की पूरी कहानी बताई कि कैसे बिहार पुलिस के सहयोग से 26 जनवरी से ही तमाम जगहों पर छापे मारे जा रहे थे। उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस के सहयोग से दिल्ली पुलिस ने जहानाबाद के काको स्थित शरजील के गांव से उसे गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि शरजील फिलहाल जेएनयू का छात्र है। उन्होंने उसके भड़काऊ भाषण का एक विडियो भी जारी किया।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी से पहले शरजील इमाम को आखिरी बार 25 जनवरी को बिहार के फुलवारी शरीफ एरिया में एक रैली के दौरान देखा गया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस की टीम 25 को ही बिहार पहुंच गई थी। बिहार पुलिस के सहयोग से दिल्ली पुलिस ने तमाम जगहों पर छापेमारी की। डीसीपी राजेश देव ने बताया कि एक दिन पहले 27 जनवरी को जब शरजील के घर पर छापा मारा गया तो उसका भाई मुजम्मिल इमाम मिला। उसके एक दिन बाद मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद शरजील को जहानाबाद की एक अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया, जिसके बाद उसे दिल्ली लाया जा रहा है। इससे पहले दिल्ली पुलिस के डीसीपी (क्राइम) राजेश देव ने बताया कि शरजील को दिल्ली लाने की प्रक्रिया चल रही है और उसे वहां से जल्द से जल्द सबसे छोटे रूट से दिल्ली लाया जाएगा। बता दें कि शरजील के खिलाफ दिल्ली, यूपी, असम अरुणाचल और मिजोरम में देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम के वकील के उस दावे को खारिज किया है कि उसने पुलिस के सामने सरेंडर किया था।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि सरेंडर कोर्ट के सामने होता है, उसे गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि शरजील को मंगलवार दोपहर 2 बजे के करीब जहानाबाद में गिरफ्तार किया गया। बिहार के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस जीतेंद्र कुमार ने बताया कि बिहार पुलिस के सहयोग से दिल्ली पुलिस ने शरजील को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस बिहार आई थी और बिहार पुलिस के सहयोग से शरजील इमाम को आज जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शरजील के दिए भाषण का एक वीडियो वायरल होने के बाद 26 जनवरी को उसके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था। इस मामले में अरुणाचल प्रदेश, असम, उप्र के अलावा दिल्ली पुलिस ने भी केस दर्ज किया था। वीडियो में कह असम तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश से काटने की बात कहता नजर आ रहा है। इसमें उसने कहा है कि यदि पांच लाख लोग संगठित हो जाएं तो हम पूर्वोत्तर को भारत से हमेशा के लिए काट सकते हैं। यदि हमेशा के लिए नहीं तो कम से कम एक या आधा महीने के लिए के लिए कर ही सकते हैं। रेलवे ट्रैकों और सड़कों पर इतना मलबा डालो कि सेना को उसकी सफाई में एक महीना तो लग ही जाए। असम को (भारत से) काटना हमारी जिम्मेदारी है, तभी वे (सरकार) हमारी बातें सुनेंगे। हम असम में मुस्लिमों की स्थिति जानते हैं.. उन्हें डिटेंशन कैंपों में डाला जा रहा है।