अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एस.एन श्रीवास्तव ने आज देर सांय साढ़े 7 बजे पुलिस हेड कवाटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के साथ जिन शर्तों के साथ दिल्ली में ट्रेक्टर रैली निकालने की अनुमति दी गई थी। उन सभी शर्तों पर संयुक्त किसान मोर्चा ने बिल्कुल अमल नहीं किया। शर्त के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा को 26 जनवरी को गणत्रंत दिवस करीब दोपहर के 12 बजे खत्म हो जाती हैं, के बाद दिल्ली में दिए गए तीनों रूटों पर किसानों को ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत दी गई थी। इसके अनुसार जगह-जगह सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किया जाना था। उनका कहना हैं कि उन्हें 25 जनवरी शाम को सूचना मिली की जिन शर्तों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा को ट्रेक्टर रैली निकालने अनुमति दी गई थी, उससे वह बिल्कुल अलग चल रहे हैं,
वही हुआ , किसानों को दोपहर के 12 बजे के बाद ट्रेक्टर रैली निकालने थे पर उन किसानों ने प्रात 7 बजे के बाद से रैली निकाल दिए हैं। उनका कहना हैं कि शर्त के मुताबिक किसानों को कहा गया था कि प्रत्येक जथ्था के साथ किसान लीडर सबसे आगे रहेंगें। ताकि रैली बेकाबू ना हो,पर किसान नेताओं ने बैड एलिमेंट को सबसे आगे कर दिया। नतीजा दिल्ली में हिंसा हो गई, किसान नेताओं ने उकसाने का काम किया जिससे दिल्ली में जगह -जगह हिंसा हो गई। इस हिंसा में 394 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं, प्रॉपर्टी के जो नुकशान हुए हैं,
इनमें 428 बेरीगेट , 8 टायर पिलर्स , 4 एक्सप्रेस मशीन, 30 सरकारी गाड़ियां , जिसमें पुलिस वेन और जिप्सी शामिल हैं, इसके अतिरिक्त 6 कंटेनर जिसे बीच सड़क को जाम किया गया था और स्टील गेट आदि शामिल हैं। उनका कहना हैं कि पुलिस के शर्तों के मुताबिक पुलिस कर्मियों ने काफी संयम से काम किया हैं। किसान नेताओं के वीडियो हैं जिसमें किसानों को उकसाने का काम किया हैं, मैं राकेश सिंह टिकैत ने लाल किला जाने की बात कहीं हैं , जबकि लाल किला की तरफ उनका कोई रुट नहीं था और दूसरा नाम सतनाम सिंह पन्नू का हैं, जोकि पुलिस जारी किया हैं।