अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक लाख के ईनामी व कुख्यात गैंगेस्टर गुलजार खानको गिरफ्तार किया हैं। गिरफ्तार किए गए कुख्यात गैंगेस्टर गुलजार खान पर हत्या, हत्या की कोशिश, डकैती से एक दर्जन से अधिक संगीन मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक मक़सूद खान , उम्र 32 साल , निवासी नई बस्ती औरगांबाद,बुलंदशहर,उत्तरप्रदेश हैं
दिसंबर 2019 में एक सूचना मिली थी कि यूपी का एक हताश गैंगस्टर अर्थात् गुलजार खान, जो बुलंदशहर, उत्तरप्रदेश का रहने वाला है और कई मामलों में जमानत पर बाहर है, वर्तमान में आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय है। जांच करने पर पता चला कि आरोपी गुलजार कई मामलों में शामिल था और हाईवे लुटेरों का गिरोह चलाता था, जिसने ड्राइवरों और सहायिकाओं की हत्या करने के बाद ट्रकों को लूट लिया था। सेक्टर-20, नॉएडा उत्तर प्रदेश के ऐसे ही एक मामले में वह 2017 से फरार है और उसे उद्घोषित अपराधी भी घोषित किया जा चुका है।आगे की जांच करने पर पता चला कि आरोपी गुलजार को दिल्ली पुलिस ने तीन अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया था, लेकिन जमानत हासिल करने के बाद वह सभी मामलों में जमानत पर छूट गया और कभी अदालत में पेश नहीं हुआ, इसलिए अदालत ने सभी मामलों में उन्हें अपराधी घोषित कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये का नकद इनाम भी घोषित किया है। आगे की जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपी को डकैती, हत्या (2) और गैंगस्टर एक्ट के चार अलग-अलग मामलों में उत्तरप्रदेश में अपराधी घोषित किया गया था।
वांटेड आरोपी गुलजार खान के बारे में शुरुआती जानकारी एकत्र करने के बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए एक टीम बनाई गई। शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपी गुलजार फिलहाल मुंबई में छिपा है। उसे ढूंढने और गिरफ्तार करने के लिए एक टीम मुंबई भेजी गई थी। टीम ने वहां डेरा डाल कर पता लगाया कि आरोपी गुलजार और उसके साथी महाराष्ट्र, गुजरात में सक्रिय हैं और अवैध मीट सप्लाई का गोरखधंधा चला रहे हैं। वे गाय-ऑक्सन चुराते थे और पास के जंगल में अवैध रूप से उनका वध करते थे और फिर इस बीफ को मुंबई के मांस विक्रेताओं को बेच देते थे। एक मवेशी ने उसे 15-20 हजार रुपए दिलवाए। हालांकि उन्हें रत्नागिरी और पालघर जिले में ऐसे चार मामलों में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली के साथ-साथ गुजरात पुलिस के लगातार दबाव के चलते वह मुंबई से अज्ञात स्थान पर चला गया। हालांकि स्पेशल सेल की टीम ने लगन के साथ उसका पीछा करना जारी रखा। चार महीने लगातार प्रयासों से लाभांश का भुगतान किया गया। एक टीम बिस्वान भेजी गई और ज़ोरदार प्रयासों के बाद उक्त मकान स्थित था। 3 मई के क्षेप में आरोपी गुलजार को उसके ससुराल वाले घर से पकड़ा गया,जहां से उसे गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया।