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अपराध दिल्ली नई दिल्ली

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गृह मंत्री के निजी सचिव का करीबी बनकर करोड़ों के लोन दिलाने के नाम पर 44 लाख ठगे,अरेस्ट  

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आज एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया हैं,जो एक गृहमंत्री के निजी सचिव का नजदीकी बता कर कारोबारियों को करोड़ों का लोन दिलाने और उनसे स्टाम्प पेपर के नाम पर 44 लाख रूपए ठगने वाले पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया हैं। ये शख्स  जब फॉर्चूनर गाडी में चलता था तो उसके आगे और पीछे पायलट जिप्सी गाडी चलती थी और सुरक्षा के लिए उस पर बाउंसर बैठे होते थे। जब लोग इस गैंग के सरगना रमेश तिवारी से मिलने उसके घर जाते थे तो बाउंसर लोग पूरी तरह से उनकी तलाशी लेते थे।  

पुलिस के मुताबिक दिल्ली पुलिस को एक शिकायत मिली कि एक रितेश तिवारी नाम का शख्स जो अपने आप को गृह मंत्री के निजी सचिव  का करीबी बताता है और उसने कई लोगों को झांसे दिए कि वह उनका रुका हुआ काम करवा देगा| जब इस सूचना के आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई गई तो दो और शिकायतें जिसमें यह बताया गया कि रितेश तिवारी अपने कुछ गैंग मेंबर्स की सहायता से लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी का काम कर रहा है। एक शख्स  जिसे उसने ₹ 25 करोड़ का लोन दिलाने का भरोसा जताया था और स्टाम्प पेपर  के खर्चे के नाम पर 1200000 रुपए ठग लिए। उसने दिल्ली पुलिस को इस बाबत एक शिकायत दी।

इसी तरह एक शख्स  ने यह शिकायत दी कि इसी गैंग के सदस्यों ने उन्हें भी 50 करोड़ का लोन दिलाने के नाम पर 3200000 रुपए ठग लिए। इन शिकायतों के ऊपर केस दर्ज किए गए और आगे की तफ्तीश अमल में लाई गई। तफ्तीश के दौरान यह पता चला कि रितेश तिवारी जोकि सिविल लाइंस इलाके का निवासी है अपने कुछ मित्रों की मदद से ठगी का काम कर रहा है |  इस गैंग ने एक फार्म हाउस किराए पर लेकर वहां एक सेटअप तैयार किया जहां बाउंसर्स रखे गए और लोगों की तलाशी के इंतजाम किए गए।  जो लोग वहां लाए जाते थे उनको यह झांसा दिया जाता था कि यह एक महत्वपूर्ण शख्स  का निवास स्थान है और शिकायत कर्ताओं की लोन संबंधी बातें कर ली गई है। उसके बाद स्टाम्प  पेपर खरीदने के नाम पर उनसे कुछ पैसे ठग लिए जाते थे। 

जैसा कि बताया गया एक शिकायतकर्ता से 1200000 और दूसरे शिकायतकर्ता से 3200000 रुपए इसी तरह से ठग लिए गए| दिल्ली पुलिस ने इस गैंग के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिनका नाम पता  इस प्रकार  मालूम चला।  रितेश तिवारी इस गैंग का सरगना है और क्लब रोड ,सिविल लाइंस इलाके में रहता है। यह अपने आप को एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करता है और लोगों को यह झांसा देता है कि उनका काम  करा देगा। इस कार्य के लिए 1 फॉर्च्यूनर  गाड़ी रखी हुई है साथ में दो जिप्सी जिसमें  बाउंसर पायलट और एस्कॉर्ट  में चलते हैं। अजय जैन जो इसका साथी है वह किसी वित्तीय संस्था में कार्य करता है और पिछले कुछ समय से राकेश तिवारी के साथ कार्य कर रहा है। भास्कर नाथ एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी का बेटा है और पिछले कुछ दिनों से रितेश तिवारी के गैंग में काम कर रहा है। अमन कश्यप एक प्रॉपर्टी डीलर है और पिछले 12 सालों से रितेश तिवारी से परिचित है। करीब 3 सालों से यह रितेश के साथ इस कार्य में जुड़ा हुआ है। भीम पंडित कांग्रेस के 24 अकबर रोड स्थित कार्यालय में एक क्लर्क का काम करता है  और अपने आप को कई वरिष्ठ नेताओं का करीबी बताता है। इस गैंग के कुछ अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाना है। अब तक इनसे एक फॉर्च्यूनर कार,दो जिप्सी और मोबाइल फोन बरामद किए गए  है|

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