अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:देश की राजधानी दिल्ली अब मेडिकल ऑक्सीजन के मामले पूरी तरह आत्मनिर्भर बनेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली कैबिनेट ने मंगलवार को मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी- 2021 को मंजूरी दे दी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि भविष्य में किसी भी मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए दिल्ली को मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाए। मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी- 2021 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने, भंडारण सुविधाएं और ऑक्सीजन टैंकर स्थापित करने के क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को कई प्रोत्साहन प्रदान करती है। यह पॉलिसी दिल्ली में ऑक्सीजन की उपलब्धता में सुधार करने में मदद करेगी, जो पिछली कोविड-19 लहर को संभालने में एक बड़ी बांधा बन गई थी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली मंत्रिमंडल ने विभिन्न प्रोत्साहनों का प्रावधान करते हुए मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी- 2021 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह पॉलिसी भविष्य में किसी भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली को मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी-2021 को मंजूरी दे दी गई है। यह निजी क्षेत्र को ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने, ऑक्सीजन टैंकरों में निवेश करने और ऑक्सीजन भंडारण सुविधाएं स्थापित करने के लिए कई प्रोत्साहन प्रदान करता है। इससे दिल्ली में ऑक्सीजन की उपलब्धता में सुधार करने में मदद मिलेगी, जो पिछली कोविड लहर को संभालने में एक बड़ी बाधा बन गई थी।”
1- दिल्ली को चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है। यह पॉलिसी दिल्ली में या तो नए विनिर्माण उद्यमों की स्थापना के माध्यम से ऑक्सीजन के उत्पादन में वृद्धि करके कोविड-19 या अन्य कारणों से स्वास्थ्य संकट के दौरान अस्पतालों या नर्सिंग होम में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए मौजूदा इकाइयों में उत्पादन क्षमता का विस्तार करके किया जाएगा।
2- दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन के भंडारण और परिवहन की सुविधा को बढावा देना।
*पॉलिसी का लक्ष्य-*
मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी- 2021 का उद्देश्य निम्नलिखित लक्ष्यों की समयबद्ध पूर्ति सुनिश्चित करना है-
1 – कुल 100 मीट्रिक टन तक न्यूनतम 50 मीट्रिक टन क्षमता की तरल ऑक्सीजन (एलओएक्स) विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना।
2 – न्यूनतम 10 मीट्रिक टन के गैर-कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों (पीएसए/एयर सेपरेशन यूनिट प्रौद्योगिकी) और कुल 100 मीट्रिक टन तक अधिकतम 50 मीट्रिक टन क्षमता की स्थापना।
3 – अस्पतालों और नर्सिंग होम में न्यूनतम 500 एलपीएम क्षमता के कैप्टिव ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट (पीएसए/एयर सेपरेशन यूनिट टेक्नोलॉजी) की स्थापना, ताकि 200 मीट्रिक टन की कुल क्षमता तक मेडिकल ऑक्सीजन की उनकी अधिकतम मांग को पूरा किया जा सके।
4 – 500 मीट्रिक टन की कुल क्षमता तक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन ढोने के विशेष उद्देश्य से 10 मीट्रिक टन की न्यूनतम वहन क्षमता के क्रायोजेनिक टैंकरों की स्थापना।
5 – 1000 मीट्रिक टन की कुल क्षमता तक न्यूनतम 10 मीट्रिक टन क्षमता के एलएमओ भंडारण टैंकों की स्थापना।
*विद्युत सब्सिडी-*
विद्युत सब्सिडी वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की तारीख से पहले पांच वर्षों के लिए विनिर्माण प्रक्रिया में खपत 4 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से तरल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों और गैर-कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों (पीएसए/एएसयू) को उपलब्ध कराई जाएगी।
*एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति-*
संयंत्र के चालू होने के एक महीने के अंदर तरल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों और गैर-कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों (पीएसए/एएसयू) को सकल एसजीएसटी की भरपाई की जाएगी।
*पॉलिसी की अवधि-*
इस पॉलिसी की अधिसूचना की तारीख से 15 दिनों के अंदर सब्सिडी/प्रोत्साहन अनुदान के लिए आवेदन लिए जाएंगे। यदि आखिरी तिथि तक आवेदन तय लक्ष्य क्षमता से अधिक आते हैं, तो इसका चयन सभी पात्र आवेदनों का ड्रा करके किया जाएगा। यदि आवेदन करने वालों की क्षमता, लक्ष्य क्षमता से कम है, तो सभी आवेदनों पर विचार किया जाएगा। इसके बाद, हर माह 15 दिन तक आवेदन लिए जाएंगे, जब तक कि लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता है। पॉलिसी की अधिसूचना जारी होने की तारीख से अधिकतम 6 माह तक आवेदन लिए जाएंगे।