अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: पीएस बवाना, दिल्ली ने आज आमजनों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया हैं, पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को अरेस्ट किया हैं। इन लोगों ने अब तक 20 लोगों से 20 लाख रूपए की ठगी की हैं। पुलिस ने इन ठगों के कब्जे से नगद 35000 रूपए, 1 आयशर टैम्पो व दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। अरेस्ट किए गए आरोपितों के नाम इंद्रपाल,उम्र 30 वर्ष, निवासी माया अपार्टमेंट,गाजियाबाद,उत्तरप्रदेश, दीपक झा, उम्र 25 साल, पंचशील कालोनी, गाज़ियाबाद ,उत्तरप्रदेश व श्याम सिंह, उम्र 29 वर्ष, निवासी गणेश एन्क्लेव, गाजियाबाद ,उत्तरप्रदेश हैं।
पुलिस के मुताबिक बीते 08 जुलाई -2021 को पूठ खुर्द के एक फैक्ट्री मालिक ने बीट स्टाफ को एक सूचना दी कि 1 संदिग्ध व्यक्ति उसकी फैक्ट्री में वस्तुओं में सौदा करने के लिए आया था, लेकिन उसकी गतिविधियां संदिग्ध थीं। सूचना के आधार पर तत्काल कार्रवाई कर आगे की जानकारी हासिल की गई। इसी के अनुसार एसएचओ बवाना के नेतृत्व में एक टीम ने एसआई रिंकू भाकर, एसआई शिवकुमार, एएसआई परवीन, एचसी सुरेश, एसीपी बवाना की सघन देख रेख में एचसी अनिल और सीटी राजीव का गठन किया गया। टीम ने फैक्ट्री मालिक से मुलाकात की; उसे विश्वास में लिया गया और उसे संदिग्ध व्यक्तियों को बुलाने का निर्देश दिया गया, जो पहले उनके पास आए थे । छापा मारने वाली टीम को फैक्ट्री के पास सादे कपड़ों में तैनात किया गया था। कुछ समय बाद तीन कथित व्यक्ति सामान लेने के लिए वाहन के साथ फैक्ट्री पहुंचे। टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर सभी को गिरफ्तार कर लिया और बाद में उनकी पहचान इंद्रपाल, श्याम सिंह और दीपक झा के रूप में की गई। से पता चला कि कथित व्यक्ति वहां एक फर्म बीएस सिंह के मालिक होने का प्रतिनिधित्व करते हुए वहां आए थे। जिसका नाम आरोपित इंद्रपाल के नाम पर दर्ज है। यह भी पता चला है किआरोपित व्यक्ति पहले ही वर्तमान फैक्ट्री मालिक को 2,80,000 रुपये की ठगी कर चुके थे।एफआईआर नंबर- 467/21 अंडर 420/34 आईपीसी, पीएस बवाना, दिल्ली के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और तीनों आरोपितों को अरेस्ट कर लिया गया है। पूछताछ के दौरान आरोपितों ने खुलासा किया कि उन्होंने सिर्फ फर्म को रजिस्टर करने के लिए 5-6 दिनों के लिए झूठे पते (आमतौर पर किराए पर रहने वाले आवास) पर फर्जी कंपनी बनाई और उसके बाद वे गैर पॉलीथिन उत्पादों जैसे बैग, ग्लास, कार्टून ऑर्डर करते हैं और झूठे वादों पर चेक के जरिए भुगतान करते हैं और उक्त चेक कभी क्लीयर नहीं होते । उन्होंने आगे अपने सरगना रिंकू गुप्ता के नाम का खुलासा किया, जो अभी फरार हैं।
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