अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा किराज्यसभा के सदन के नेता ने एक सवाल उठाया है और वो जो सवाल उन्होंने उठाया था हमारे सदन का कोई संबंध नहीं था। क्योंकि डेमोक्रसी के बारे में जो राहुल गांधी ने वहां के कॉलेजों में और सेमिनार में कहा था उस बात को उन्होंने राज्यसभा में उठाया। एक तो रूल्स के तहत ये गलत है और मुझे समझ में नहीं आ रहा है जो हमारे चेयरमेन हमेशा रूल्स की बात करते हैं तो किस रूल में और एक व्यक्ति और दूसरे सदन का सदस्य है और उसके बारे में यहां पर आरोप लगाना और उनके भाषण को अपने ढंग से पेश करना ये काम सदन के नेता गोयल ने किया और ऐसी अभद्र भाषा का उन्होंने इस्तेमाल किया कि शर्म आना चाहिए।अरे जो चीजें राज्यसभा में आप बोल नहीं सकते, अगर आपको बोलना है तो नोटिस देकर लोकसभा में बोल सकते थे, लेकिन उन्होंने ये नहीं किया क्योंकि इस देश की डेमोक्रसी का अपमान करने का उनका सारा प्रयत्न है और खुद डेमोक्रसी को यहां कुचल रहे हैं। डेमोक्रसी की और संविधान की कोई जगह पीएम मोदी की सरकार में नहीं है और बीजेपी की सरकार में नहीं है क्योंकि हर एक ऑटोनॉमस बॉडी का वो दुरुपयोग कर रहे हैं, हर एक एजेंसी का वो दुरुपयोग कर रहे हैं और कोई नोटिस नहीं, रूल ऑफ लॉ नहीं है, लेकिन वो मनमाने… जैसा एक तानाशाह देश को चलाता है, वैसा ही वो काम यहां पर कर रहे हैं और ये लोग डेमोक्रसी की बात करते हैं, ये लोग देशभक्ति की बात करते हैं और ये लोग देश के मान-सम्मान की बात करते हैं।तो मैं पूछना चाहता हूं पीएम मोदी मैं आपको 4 उदाहरण देता हूं, ऐसे तो बहुत हैं।
आप जो चीन गए, शंघाई में क्या कहा? मैं यही शब्द आपके सामने रखूंगा ताकि तोड़-मरोड़ कर बोल रहे हैं ऐसा नहीं होना कि The earlier you felt ashamed of being born in India. Now you feel proud to represent the country. Indians abroad had all hoped for a change in the government last yearये किसने कहा प्रधानमंत्री ने कहा और प्रधानमंत्री ये कहते हैं। देश की मर्यादा चली गई अगर डेमोक्रसी और संविधान पर बात करते हैं किसी कॉलेज में, किसी सेमिनार में तो आप उनको टोकते हैं और हमें देशद्रोही बताते हैं, ये देशभक्ति, वहां जाकर ये बात उन्होंने कही। फिर उसके बाद साउथ कोरिया में उन्होंने क्या कहा – साउथ कोरिया में भी यही कहा Earlier people would lament. They would ask what sin they had committed to have been born in India. Businessmen wanted to leave the country for better opportunities abroad. But these people are now saying that they will come back even if their incomes are lower than in other places.यानि 70 साल में जो कुछ इस देश में हुआ या जो उद्योगपति बढ़े, जो इन्वेस्टमेंट हुआ उसका उन्होंने ऐसा कंडेम्न किया कि उस वक्त के बिजनेसमेन बेकार थे, उस वक्त के लोग बेकार थे, उस वक्त के लोगों की कोई इज्जत नहीं थी, सिर्फ इनके आने के बाद ही इज्जत बढ़ा दी, ये उन्होंने इसमें कहा। फिर उन्होंने और एक बात कही कनाडा में, उन्होंने वहां क्या कहा – उन्होंने वहां कहा कि जिनको गंदगी करनी थी, वो गंदगी करके चले गए, पर हम सफाई करेंगे और दूसरी बात भी कहे मैं ज्यादा कुछ नहीं बताना चाहूंगा। अरे गंदगी तो आप कर रहे हैं, डेमोक्रसी को आप डेस्ट्राय कर रहे हैं, संविधान की धज्जियां उड़ा दे रहे हैं और सब एजेंसियों को हाथ में लेकर हर अपोजिशन पार्टी को दबाने की, कुचलने की बात आप कर रहे हैं और ये ऐसा है ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ये ऐसे हैं खुद तो डेमोक्रसी को खत्म कर रहे हैं और डेमोक्रसी को बचाने के लोग हैं… तो ये कहावत भी है और सबको मालूम भी है और एक बात जो यूएई में गए और यूएई में मोदी जी क्या बोले – देखो पहले की गवर्नमेंट लथार्जिक थी और वो काम नहीं कर सके तो हम और प्रायोरिटी बेसिस पर… यानि और भी बहुत से हैं जो अभी कल-परसों कर्नाटक में कुछ दूसरे जगह भी… जो इंसान, जो व्यक्ति इस देश के प्रधानमंत्री हैं अगर वो जाकर बाहर ये सब बातें बोल सकते हैं। अगर राहुल जी जाकर वहां पर सेमिनार में, डिबेट में अगर बात कहें तो अपराध हो जाता है तो ये उनको समझ में आना चाहिए… जो लोग खुद डेमोक्रसी को कुचल रहे हैं, वो लोग ये सब बातें कर रहे हैं।इसीलिए आप सभी पार्टी के लोग… हमने यही कहा देखो भाई आपको ये मसला उठाना भी है तो आप उस सदन में उठा सकते हैं जिस सदन के वो सदस्य हैं, इस सदन के वो सदस्य नहीं हैं तो इसीलिए हम आपके सामने ये बात कहने के लिए सभी पार्टी के नेता, 16-17 पार्टी के नेता लोग आए हैं और हम क्या डिमांड कर रहे हैं – हम ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बैठाओ, जेपीसी बैठाओ अडानी के इशू पर, उसको डायवर्ट करने के लिए वो इशू को अलग करने के लिए ये बीच में… उठते ही उनको 10 मिनट का टाइम मिला और मुझे सिर्फ 2 मिनट भी बोलने नहीं दिया यानि ये क्या है? मैं किसी की कमजोरी नहीं बोल रहा हूं, ये क्यों ऐसा भेदभाव हो रहा है और जब अडानी की बात हम उठाते हैं, जेपीसी की उठाते हैं तो फोरन एक तो माइक भी बंद होता है, दूसरी तरफ हंगामा भी शुरू होता है। ये जो है इसके लिए आज भी हम जेपीसी डिमांड कर रहे हैं, सब मिलकर इसके लिए एक हैं और हम लड़ेंगे इसके लिए।उनको क्या करना है, कैसा… वो तो छुपा लेने की बात कर रहे हैं, डिफेंड करने की बात कर रहे हैं, कर लेने दो, लेकिन हम छोड़ेंगे नहीं उनके पीछे हम विक्रम-बेताल के जैसे लगे ही हैं, उनको छोड़ेंगे नहीं…
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