अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
महेंद्रगढ़/चंडीगढ़, 15 नवंबर। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ में आयोजित भारतीय जीवाणुतत्ववेत्त संगठन के 60वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पर्यावरण के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर चिंता जाहिर करते हुए विश्वविद्यालय से अपील की कि वह जलवायु परिवर्तन को पाठ्यक्रम में जगह देकर विद्यार्थियों को इस विषय में जागरूक करने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस कोशिश से अग्रणी पहल कर सकता है। उप-मुख्यमंत्री ने इस सम्मेलन के विषय ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि और स्वास्थ्य के सतत विकास में सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी को समसामयिक बताया और इसे जन-सरोकार से जोड़ते हुए सभागार में मौजूद देश-विदेश के वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों से इन विषयों पर मानव जाति के कल्याण हेतु शोध के लिए प्रेरित किया। इससे पूर्व विश्वविद्यालय पहुँचे उपमुख्यमंत्री ने नए प्रशासनिक खंड का उद्घाटन क्षेत्रीय सांसद धर्मबीर सिंह व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ के साथ किया।
विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने अपने अनुभव साझा करते हुए विश्वविद्यालय की प्रगति पर खुशी जाहिर की और कहा कि प्रो. आर.सी. कुहाड़ के नेतृत्व में विश्वविद्यालय का कायाकल्प काबिले तारीफ है। उन्होंने बताया कि चार साल पहले संसद सदस्य के रूप में जब वे हकेंवि आए थे, तब यहाँ धूल उड़ती थी लेकिन अब इसकी सफलता की कहानी ही कुछ और है। उन्होंने इस मौके पर उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की समस्या का उल्लेख करते हुए उम्मीद जताई कि इस कांफ्रेंस के माध्यम से अवश्य ही सतत विकास व सुधार का मार्ग प्रशस्त होगा।इस अवसर पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या समूचे विश्व के समक्ष विद्यमान है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि न सिर्फ स्कूली बल्कि विश्वविद्यालय स्तरप पर भी विद्यार्थी पाठ्यक्रमों में इस विषय को पढ़े और समझें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में वे सभी संभावनाएं विद्यमान है जो कि इसे प्रतिष्ठित विख्यात संस्थान बना सकती हैं। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए आश्वस्त किया।