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गुडगाँव

गुरूग्राम में कचरा प्रबंधन को लेकर विश्व बैंक की टीम के साथ हुई चर्चा।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गुरुग्राम: गुरुग्राम में कचरा प्रबंधन को लेकर विश्व बैंक की टीम ने आज जिला के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की और इस कार्य मंे सहयोग देने की पेशकश की। यह बैठक गुरुग्राम के मंडल आयुक्त रमेश चंद्र बिढान के कार्यालय में हुई जिसमें गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त मुकेश आहुजा तथा उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने भाग लिया। विश्व बैंक की टीम में होराओ टैरेजा, थियरी मारटिन तथा पूनम अहलूवालिया शामिल थे। इस बैठक में विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया गया कि नगर निगम गुरुग्राम पूरे शहर में वर्तमान में लागू किए जा रहे कचरा प्रबंधन संबंधी सिटी प्लान तैयार करेगा और उसमें सामने आ रहे गैप प्रदर्शित करेगा जहां पर कि विश्व बैंक के हस्तक्षेप की आवश्यकता है। मण्डलायुक्त बिढान ने कहा कि गुरुग्राम नगर निगम को कचरा प्रबंधन के लिए धन की आवश्यकता नही है बल्कि वैज्ञानिक तकनीक की जरूरत है।
   
बैठक में उपस्थित नगर निगम आयुक्त मुकेश आहुजा ने ठोस कचरा प्रबंधन की वर्तमान व्यवस्था को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि निगम को शहर में कचरा इकट्ठा करने के 40 स्थानों (खत्तों) के प्रबंधन तथा उनके आस-पास रहने वाले लोगों पर उसके दुष्प्रभावों को कम करने के कार्य में साइंटिफिक इंजीनियरिंग सोल्युशन की जरूरत है। इसमें विश्व बैंक के पास किसी देश या प्रांत में कोई प्रोजेक्ट चल रहा हो तो उसके बारे में बताएं। विश्व बैंक की टीम ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की शर्तों को पूरा करने में बैंक मदद कर सकता है क्योंकि वित आयोग इस मिशन में दिए गए सभी गतिविधियों के लिए धन राशि उपलब्ध नहीं करवाता।

उन गतिविधियों के लिए एक पैकेज के तौर पर विश्व बैंक धन उपलब्ध करवा सकता है। टीम ने बताया कि केरल में विश्व बैंक बड़ा प्रोजेक्ट चला रहा है। टीम ने यह भी कहा कि कचरा प्रबंधन में वे भारत मंे कौन से प्रोजेक्टो पर काम कर रहे हैं और वे गुरूग्राम को किसी प्रकार से मदद कर सकते हैं, इसके बारे में नगर निगम से सिटी प्लान मिलने के बाद वे बताएंगे। टीम ने यह भी कहा कि वे इस विषय को लेकर शहरी स्थानीय निकाय के प्रधान सचिव के साथ भी चण्डीगढ़ में बैठक करेंगे।  

उपायुक्त निशंात कुमार यादव ने इस मौके पर सुझाव दिया कि डोर टू डोर कचरा इक्कट्ठा करने, बायो डिग्रेडेबल तथा अन्य कचरे को अलग-अलग करने तथा उसके बाद कचरा इक्कट्ठा होने के स्थानों के प्रबंधन में विश्व बैंक तकनीकि सहायता दे सकता है। इसके लिए विश्व बैंक की टीम को चाहिए कि वह गुरूग्राम में कचरा प्रबंधन की वर्तमान व्यवस्था का अध्ययन करें और उसके आधार पर बेहतरी के सुझाव दे। निगम आयुक्त आहुजा ने कहा कि बंधवाड़ी में इक्कट्ठा हुआ भारी मात्रा में कचरा, उससे निकलने वाली लीचेट नगर निगम के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि शहर में कचरे के प्रोसेसिंग प्लांट कई जगहों पर होने चाहिए ताकि अंतिम डंमिंग साईट पर कम से कम कचरा पहुंचे। इस कार्य मंे भी  विश्व बैंक अपनी विेशेषज्ञता अथवा तकनीक से गुरूग्राम की मदद कर सकता है। टीम ने बताया कि उनके पास कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजी भी है, जो नागरिकों को जागरूक करने में सहायक हो सकती है। मण्डलायुक्त बिढान ने कहा कि कचरे का सेग्रीगेशन अर्थात् बायो डिग्रेडेबल तथा दूसरे कचरे की छंटनी घर से ही होनी चाहिए। इस बारे में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

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