अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने प्रदेश के लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए सड़कों का जाल बिछा दिया है, जिससे लोग वाहनों से प्रदेश के एक छोर से दूसरे छोर तक चंद घंटों में पहुंच रहे हैं। उनके समय और धन की बचत हो रही है। प्रदेश में 1130 किलोमीटर लंबे 20 नये राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हैं, जिनमें से 8 का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि 12 का काम प्रगति पर है। आज प्रदेश का हर जिला राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ चुका है।
देश की राजधानी दिल्ली के चारों तरफ यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुंडली-मानेसर-पलवल और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस-वे पर यातायात शुरू हो गया है। अब वाहन चालकों को दिल्ली व इसके आसपास जाम से नहीं जूझना पड़ता है। इसी तरह से अंबाला से कोटपुतली ग्रीनफील्ड कॉरिडोर (152-डी) 10,646 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हो चुका है। यहां से वाहन सरपट दौड़ते हैं और सैकड़ों किलोमीटर की दूरी कुछ ही घंटों में पूरी होती है।
3,642 करोड़ रुपये से 6,863 किलोमीटर लम्बी नई सड़कों का किया निर्माण
प्रदेश में सड़कों व राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों का दबाव ज्यादा बढ़ गया था, जिससे जाम की स्थिति रहती थी। सरकार ने लोगों को राहत देते हुए 3,642 करोड़ रुपये की लागत से 6,863 किलोमीटर लम्बी नई सड़कों का निर्माण किया और साथ ही साथ 41,869 किलोमीटर लम्बी सड़कों का 21,133 करोड़ रुपये की लागत से सुधार किया। इतना ही नहीं, यातायात को सुगम बनाने के लिए सरकार ने 17 टोल टैक्स बैरियर भी हटाये। पंचकूला-यमुनानगर, अंबाला-कैथल, जींद-नरवाना-पंजाब सीमा तक, सोनीपत-झज्जर राष्ट्रीय राजमार्गों को चार मार्गी बनाया है। इसी वजह से अब इन मार्गों पर जाम नहीं लगता। इसी तरह से 2577 करोड़ रुपये की लागत से 63 रेलवे ऊपरगामी व भूमिगत पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। 50 पुलों का कार्य प्रगति पर है। इन पुलों की वजह से यातायात जाम के काफी हद तक छुटकारा मिलेगा।
मेट्रो रेल सेवा लोगों के लिए हुई कारगर साबित
सरकार द्वारा शुरू की गई मेट्रो सेवा लोगों के लिए कारगर साबित हुई है। 580 करोड़ रुपये की लागत से वाई.एम.सी.ए. चौक से बल्लभगढ़ तक मेट्रो सेवा शुरू हो चुकी है, जिससे आसपास के क्षेत्र के लोगों की यात्रा सुविधापूर्वक हो गई है। इसी तरह से बहादुरगढ़-मुंडका (दिल्ली) तक 2029 करोड़ रुपये की लागत से मैट्रो सेवा शुरू हुई है। 2494 करोड़ रुपये की लागत से बदरपुर मुजेसर (वाईएमसीए चौक) तक और 2143 करोड़ रुपये की लागत से सिकंदरपुर स्टेशन से सेक्टर-56 तक मेट्रो रेल सेवा शुरू की गई है। लगभग 70 हजार करोड़ रुपये की लागत से सराय कालेखां-करनाल और सराय-कालेखां से अलवर राजस्थान बॉर्डर के बीच रीजनल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम कनेक्टिविटी परियोजना शुरू की गई है। वहीं नरेला से कुंडली, हुडा सिटी सेंटर-साइबर सिटी गुरुग्राम व रेजांगला चौक से सेक्टर 21 द्वारका तक मेट्रो रेल मंजूर की गई है।
भविष्य में लोगों को इन योजनाओं का भी लाभ मिलेगा
मनोहर सरकार ने लोगों को भविष्य में भी सड़क व रेल तंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए कई योजनाओं पर काम शुरू कर रखा है। इसी क्रम में दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है। पानीपत-सफीदों-नगूरा-ऊचाना-प्रभुवाला-भूना-रतिया-सरदूलगढ़-कालांवाली-मंडी डबवाली को जोड़ने वाला पूर्व-पश्चिम एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है। इसी तरह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जिलों जैसे कि अंबाला और भिवानी के रिंग रोड और के. एम.पी. एक्सप्रेस-वे के साथ पृथला (पलवल) से सोनीपत तक 5,500 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे लाइन की स्वीकृति मिली है।
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