अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बहुमंजिला इमारतें मानसिक रूप से परेशान लोगों के लिए आत्महत्या का आसान जरिया बन रही हैं। इको विलेज-3 हाउसिंग सोसायटी में 35 वर्षीय एक महिला ने 16 मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची कोतवाली बिसरख की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, वह आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। इस साल अक्टूबर तक कुल 323 सुसाइड के मामले आ चुके हैं जिनमें से 92 लोगों ने बहुमंजिला इमारत से कूदकर जान दे चुके है।
श्वेता यादव अपने पति सुभाष यादव और बेटी के साथ सुपरटेक इको-3 हाउसिंग सोसाइटी में टावर नंबर- 19 फ्लैट नंबर- 1601 में रहती थी। वह नॉलेज पार्क की बिनेट कॉलेज से पीएचडी कर रही थ। बिसरख थाना प्रभारी उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि श्वेता उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की रहने वाली है। उसने तीन साल पहले सुभाष यादव से लव मैरिज की थी। श्वेता के पति सुभाष यादव न्यूज़ चैनल में काम करते हैं और प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आपस में दोनों के बीच पारिवारिक विवाद रहता था और आए दिन झगड़े होते थे। आत्महत्या से पहले भी दोनों के बीच विवाद हुआ था,
इसके बाद सुबह करीब 3:30 श्वेता मैं बालकनी से नीचे छलांग लगा दी और उसकी मौत मौके पर ही हो गई। श्वेता के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है पुलिस आगे की कार्रवाई करने में जुटी है। इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर तक कुल 323 सुसाइड के मामले आ चुके हैं जिनमें से 92 लोगों ने बहुमंजिला इमारत से कूदकर जान दे चुके है। इसके अलावा फांसी लगाकर या फिर जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर चुके है।
इस मामले में सबसे दुखद पहलू यह है कि मानसिक रूप से अवसाद ग्रस्त लोगों की काउंसलिंग के लिए पुलिस द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। कुछ एनजीओ जरूर है जो कि जो जागरूकता के लिए प्रयास कर रहे हैं।
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