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दिल्ली नई दिल्ली

संविधान के कारण भारत एक साथ भी है और खूब तरक्की भी कर रहा है: सीएम

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: भारत का संविधान इतना बेहतर है कि अगर एक दिन के लिए उसे इमानदारी से लागू कर दिया जाए तो देश को दुनिया में नंबर एक बनने से कोई नहीं रोक सकता। पिछले पांच साल के अंदर दिल्ली में दिल्ली सरकार इसी संविधान से चलने की कोशिश कर रही है। हमने समानता व शिक्षा जैसे अधिकारों को वास्तविक रूप में दिल्ली के अंदर लागू किया है। बाबा साहेब आंबेडकर के सपनों को दिल्ली में पूरा किया। दिल्ली में अमीर व गरीब के बीच की दीवार गिर गई है। पानी व बिजली पर सबका एक समान अधिकार है। आज सस्ती व 24 घंटे बिजली सभी को मिल रही है। सरकारी स्कूलों में निजी स्कूल जैसी शिक्षा मिल रही है। सरकारी अस्पताल में दवा व इलाज सभी को मुफ्त व बेहतर मिल रही है। यह कहना है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के तीन माह से चल रहे कांस्टीट्यूशन एट 70 कैंपेन के समापन सत्र के दौरान दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपल, टीचर व छात्रों को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में संबोधित कर रहे थें। इस दौरान उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्य सचिव विजय देव, शिक्षा विभाग के अधिकारी व अन्य लोग उपस्थित थें।

सीएम ने कहा सबसे पहले जो हमने बच्चों के सवाल जवाब देखे, उससे बेहद खुशी होती है। बच्चों ने जीतने अच्छे से सवाल किया, वह काबिले तारीफ है। साथ ही उसी बेहतर तरीके से बच्चों ने सवाल का जवाब देकर अपना आत्म-विश्वास दिखाया। सीएम ने कहा मुझसे तो सातवें क्लास में स्टेज पर भी चढ़ा नहीं जाता। जिस तरह बच्चों ने सवाल किए और जवाब दिया, उससे पता चलता है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में तीन माह में स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व को कितना आत्मसात किया है। बच्चों ने अपने अभिभावक व रिश्तेदारों से इस संबंध में कितनी बात की है। सीएम ने कहा मेरे हिसाब से असली शिक्षा यही है। हम कागजों में कुछ भी पढ़ाते रहे,उसका कोई मतलब नहीं है। जब तक शिक्षा को महसूस नहीं करेंगे, उसका कोई मतलब नहीं है। सीएम ने कहा आज हमलोग संविधान दिवस पर एकत्र है। हमारा संविधान 70 साल का हो गया। वह समय के साथ बहुत मैच्योर हो गया है। हमारे देश में इतनी विविधता है, इतनी संस्कृति है, धर्म है। इतनी विविधता वाले देश में, एक तरह सरदार बल्लभ भाई पटेल देश को एक धागे में पीरो रहे थें, एकजूट कर रहे थें, ऐसे देश को एकजूट रख पाना हंसी खेल नहीं था। पूरी दुनिया इस बात को देख रही थी कि क्या भारत एक साथ रह पाएगा। अंग्रेज कह रहे थें कि वह हम थें कि भारत को एकजूट रख पाए। अब भारत बिखर जाएगा। अब देश नहीं चलने वाला। आज 70 साल हो गए। भारत एक साथ भी है और खूब तरक्की भी कर रहा है। उसका केवल एक ही कारण है, देश का संविधान।

ऐसे देश का संविधान लिखना आसान नहीं था, जिसमें इतनी विविधता, इतने धर्म, संस्कृति। बाबा साहेब ने पूरी दुनिया का संविधान पढ़ा। उसमें जितनी अच्छी बातें थी, उसे अपने संविधान में डाला और इतना अच्छा संविधान दिया। मैं जीतना संविधान को पढ़ाता हूं, उससे लगता है कि अगर एक दिन के लिए इमानदारी से लागू कर दिया जाए तो हमारे देश को दुनिया में नंबर एक बनने से कोई नहीं रोक सकता। सीएम ने कहा पिछले पांच साल के अंदर दिल्ली में दिल्ली सरकार इसी संविधान से चलाने की कोशिश कर रहे हैं। संविधान में लिखा है बराबरी का अधिकार होगा। अभी तक कोई बच्चा गरीब घर में पैदा होता था, कोई अमीर घर में पैदा होता था, क्या उसे बराबरी की शिक्षा मिलती थी, नहीं मिलती थी। मेरे लिए, मुख्यमंत्री के लिए दोनों बच्चे बराबर है। मैं दोनों बच्चों में फर्क नहीं कर सकता। मैं फर्क नहीं कर सकता।  हमारी सरकारी बनी। हमने प्रण लिया कि गरीब के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दिलाकर रहेंगे, दिल्ली में गरीब हो या अमीर का बच्चा हो, दोनों को एक समान शिक्षा मिलेगी। हमने बाबा साहेब का एक सपना पूरा दिया। पहले दिल्ली में किसी को बिजली मिलती थी, किसी को नहीं मिलती थी। हमने सभी को बराबरी का अधिकार दिया। अब सबको सबसे सस्ती व 24 घंटे बिजली मिलती है। गरीबों को फ्री बिजली मिलती है, अमीरों को सस्ती बिजली मिलती है।
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अब बिजली पर सभी का अधिकार है। इसी तरह कुछ लोगों का पानी मिलता था, कुछ लोगों को नहीं मिलता था। संविधान में जीने का अधिकार लिखा है। सरकारी अस्पताल का बुरा हाल था। अब सरकारी अस्पताल में भी निजी अस्पताल जैसी मिलती है। पहले दुर्घटना होने पर कोई किसी की मदद नहीं करता था। अब हमने कहा है कि किसी की दुर्घटना हो जाए, पीड़ित तो नजदीकी अस्पताल पहुंचाओ। सारे इलाज का पैसा सरकार देगी। संविधान में लिखा है गरीबी दूर करो, वह नारों से दूर नहीं होगी। हमने गरीबों को न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 15-15 हजार रुपये उनके जेब में डालने का प्रयास किया जिससे वो इज्जत की जिंदगी जी सके। हमारे सामने तमाम अड़चने आई कि दिल्ली के अंदर संविधान लागू न हो लेकिन हमने उसे लागू किया। सीएम ने कहा पिछले तीन माह से हम दिल्ली के स्कूली बच्चों को संविधान बता रहे हैं, साथ ही बच्चों को संविधान को महसूस करा रहे हैं। आने वाले समय में बच्चों को क्या और कैदी पढ़ाना चाहिए, इसके बारे में भी दिल्ली देश को दिशा देगी। हमें बच्चों को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए,  जिससे उन्हे अच्छा नागरिक व इंसान बन सकें।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कांस्टीट्यूशन एट 70 कैंपेन की नई शुरूआत के लिए हमलोग एकत्र हुए हैं। संविधान को हमने 26 नवंबर 1949 को स्वीकार कर हमने तय किया था कि हम एक-दूसरे के साथ जीएंगे कैसे। तीन माह पहले हमने स्कूलों में इस कैंपेन को प्रारंभ किया, तभी तय कर लिया कि कर्तव्य व अधिकार दोनों के बारे में बताएंगे। समानता हमारा कर्तव्य व अधिकार भी है। संविधान की प्रस्तावना यह बताती है कि एक इंसान दूसरे इंसान के साथ कैसे जी सकता है। हमारे देश में एक समय ऐसा भी था जब एक रास्ते से एक जाति के लोग जाते थें, तो उसपर दूसरी जाति के लोगों को जाने की इजाजत नहीं थी। आज 70 साल में हम इन चीजों से उपर उठ चुके है तो वह संविधान व शिक्षा की वजह से। पहले शिक्षा पर भी एकाधिकार था लेकिन आज ऐसा नहीं है। संविधान की ताकत है कि हमें समानता का अधिकार मिला है। हमने संविधान की प्रस्तावना को सभी किताबों के पहले पन्ने पर इसी कारण छापते हैं कि पढ़े हुए को जीवन में लागू कर सकें। 70 साल में कहां थें, कहां आ गए हैं, उसकी नीव हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में तीन माह में रखी है। आज लोग संविधान दिवस पर शपथ लेकर बैठ जाएंगे लेकिन हमने संविधान के मूल्यों का अंगीकार करना एक अभियान बना दिया।

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