अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: ग्रीन फील्ड कालोनी में डीटीपी इंफोर्स्मेंट की ढीलाढाला रवैया के कारण बिल्डरों के होंसले इतने बुलंद हैं जो कानूनी नियमों खुलेआम ठेंगा दिखा रहे हैं। जी हैं ग्रीन फिल्ड कालोनी के मेन रोड पर एक के बाद एक कई नई बिल्डिंगें बनाई जा रहीं हैं, उन सभी बिल्डिंगों में पार्किंग की जगहों पर बेसमेंट व दुकानें और फ्लैट बना दी गई हैं।इस मामले में डीटीपी इन्फ़ोर्मेंट नरेश कुमार को सभी नव-निर्माणों का फोटों मुहैया कर दी गई हैं जिस पर उन्होनें निर्माणकर्ता बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिया हैं।
खबर के मुताबिक ग्रीन फिल्ड कालोनी के मेन रोड पर बिल्डरों के द्वारा चार नए अवैध निर्माण किए हैं जिनमें पार्किंग की जगह बेसमेंट , दुकानें व फ्लैट बनाई गई हैं। जबकि कायदा से निचले हिस्से में पार्किंग बनाई जाती हैं पर इन अवैध निर्माणों में तीन चार मंजिलों तक बन चुकी हैं, यह सब बिल्डरों ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव के आड़ में बिल्डिंगें तैयार की हैं। इस दौरान जिला प्रशासन के तक़रीबन सभी अधिकारी व्यस्त थे। जिन बिल्डिगों में अवैध निर्माण किए गए हैं उन के नंबर इस प्रकार हैं :- बी -118 , बी -474 व 1886 ए हैं जोकि गेट नंबर 6 के पास हैं जो सफ़ेद रंग की बिल्डिंग हैं।
लोगों का कहना हैं कि बी-469 में पार्किंग की जगह पर बीकानेर के नाम से एक मिठाई की बड़ी दुकान खोल दी गई हैं जो हाल में ही खोली गई हैं। यह दुकान कैसे खोली गई हैं। उनका कहना हैं कि जब शराब का ठेका खोला गया था तब तो वहां की दर्जनों महिलाएं डीटीपी इंफोर्स्मेंट से काफी शिकायतें की थी अब वह महिलाएं कहा चली गई। अब वह लोग पार्किंग की जगह पर मिठाई की दुकान खोली गई हैं उसका विरोध क्यों नहीं किया। कुल मिला कर डीटीपी इंफोर्स्मेंट जिसके नाम से अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों में खोप हुआ करती थी। दरअसल में वह खौफ ख़त्म हो गई हैं शायद इसी वजह से अवैध निर्माणों का सिलसला थमने का नाम नहीं ले रहा हैं।
लोगों ने यह भी कहा कि पिछले दिनों कई फ्लैटों, दुकानों और बिल्डिंगों को सील किए थे। उन सभी बिल्डिंगों, दुकानों व फ्लैटों के सील तोड़ दी गई हैं। जिसकी जानकारी सम्बंधित अधिकारी को भलि भांति मालूम हैं और उन्होनें पहले भी कहा था कि जिन लोगों ने उनके लगाए गए सील को तोडा हैं, के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। वह लोग आज अपने मसूबें में कामयाब होने के बाद डीटीपी अधिकारी का खुलेआम मजाक उडा रहे हैं। देखना हैं कि इस मामले में डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार जी कोई कार्रवाई करते भी हैं या खामोश रहना पसंद करते हैं।