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अपराध फरीदाबाद

पुलिस व डॉक्टर की लापरवाही के कारण झगड़े में घायल शख्स दर्द से तड़पता रहा और हॉस्पिटल बदलता रहा,मौत

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : बीती रात एनएच -3 इलाके में मामूली बात को लेकर हुए झगडे में गंभीर रूप से घायल शख्स ने पुलिस और डॉक्टर की लापरवाही के चलते दम तोड़ दिया। आज सुबह के वक़्त शख्स के मौत के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को अपने कब्जे में लेकर जिले के नागरिक अस्पताल के शव गृह में रखवा दिया जहां उसके शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौप दिया हैं। इस मामले में एसजीएम नगर थाना पुलिस ने अज्ञात हमलाबारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह के मुताबिक इस लख्मी हत्याकांड के तीन आरोपियों को एसजीएम नगर थाना पुलिस ने हिरासत में लिया हैं।

पीड़ित अजय का कहना हैं कि रविवार रात तक़रीबन 10 -11 बजे के बीच वह बाइक पर सवार होकर अपने बड़े भाई लख्मी के साथ मुल्हा होटल के रास्ते घर की ओर जा रहे थे कि रास्ते में एक पिकअप गाडी पर सवार लड़कों ने साइड देने को लेकर, बिना वजह उन्हें गंदी गालियां दे दी। इसके बाद बाइक सवार लख्मी ने उससे कहा कि चलते पिकअप गाडी वाले से पूछते हैं कि उसने उसे आखिरकार गाली क्यों दिया। जैसे ही लख्मी ने पिकअप सवार शख्स से गाली देने का कारण पूछा तो पिककप सवार शख्स ने अपने गाडी से उत्तर कर उसके साथ मार पीट करने लगा। इस दौरान पिकअप सवार शख्स ने फोन करके 3 -4 और लोगों को मौके पर बुला लिया। इसके बाद उसे और उस के भाइयों को बेरहमी से बहुत मारा। उनका कहना हैं कि इसके बाद उसके बड़े भाई लख्मी की तबियत ज्यादा ख़राब हो गई,अपने भाई लख्मी को गंभीर अवस्था में किसी तरह से एसजीएम नगर थाने में ले गया और वहां पर उपस्थित पुलिस वालों को बताया कि उसे और उसके भाई लख्मी को मामूली बातों को लेकर हुए झगड़े के दौरान ज्यादा चोटें लगी हैं। इसके बाद पुलिस वाले ने उसे कहा कि अपने भाई लख्मी को हॉस्पिटल ईलाज के लिए लेजा जब उसने कहा कि किसी पुलिस वाले को मेरे साथ भेज दो तो उन्होनें किसी भी पुलिस वाले को उसके साथ थाने से नहीं भेजा।



नाही उसे सरकारी गाडी से जिले के नागरिक अस्पताल में ईलाज के लिए नहीं भिजवाया। उसका भाई लख्मी लगी चोट के कारण दर्द से तड़पता रहा। उनका कहनाहैं कि इसके बाद वह जैसे तैसे अपने भाई लख्मी को लहूलुहान अवस्था में जिले के नागरिक अस्पताल ले आया। वहां पर भी डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीरता से नहीं ली और उसे मामूली उपचार देकर कर घर भेज दिया। जैसे वह अपने घर की दहलीज पर पहुंचा तो उसके भाई लख्मी की ज्यादा ख़राब हो गई। इसके बाद घर परिवार के सदस्यों और आसपास के लोगों की सहायता से उसे फिर से नागरिक अस्पताल में लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे कहा कि दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रैफर करेंगें।उनका कहना हैं कि उसका बड़ा भाई लख्मी दर्द के कारण जोर जोर से चिल्ला रहा था ऐसे में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ले जाना असंभव था। फिर उसने डॉक्टर की सलाह पर एनएच 5 स्थित एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। जहां पर डॉक्टर ने वेंटिलेटर सूविधा नहीं होने की बात बताई, फिर उसे एस्कॉर्ट फोर्टिस्ट अस्पताल में ले आया जहां पर उसकी मौत हो गईं।इस मामले में एसजीएम नगर थाने के एसएचओ सुखबीर सिंह का कहना हैं कि आज सुबह उन्हें सूचना मिली थी कि झगड़े में घायल लख्मी की मौत हो गई हैं। इसके बाद वह मौके पर पहुंच गए और बदमाशों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया हैं। शुरूआती दौर में उन्होनें कहा कि जिस शख्स की मौत हुई हैं वह और उसका भाई दोनों थाने में आए थे पर उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने को कहा गया था।

जब उनसे पूछा गया कि इस मामले में आपकी लापरवाही हैं, आपने उसके साथ किसी पुलिस वाले को क्यों नहीं भेजा और सरकारी गाडी में उसे हॉस्पिटल क्यों नहीं पहुंचाया तो उन्होनें अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। इसी प्रकार से नागरिक अस्पताल के डॉक्टर ने उसका सही तरीके से ईलाज करते तो उसे दोबारा अपने घर से साथ के साथ फिर से वापिस तबियत ख़राब होने के बाद अस्पताल नहीं आना पड़ता वहां भी जिले के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर की लापरवाही बरतना साफ़ दिखाई दे रहा हैं। पुलिस व डॉक्टर की लापरवाही बरतने के पीछे एक गरीब इंसान दिखाई दे रहा था। एक इंसान लहूलुहान अवस्था में एक रात में तीन हॉस्पिटलों में ले जाया जाता हैं इसका क्या मतलब समझा जाए। आपकों बतातें दे कि जिले के उद्योगपतियों ने पुलिस प्रशासन को जिले में जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए तक़रीबन 30 -32 पीसीआर गाड़ियां ,मोटरसिकिलें दी हैं,ताकि पुलिस को जरूरत मंद तक पुलिस को पहुंचने और घायलों को पहुंचाने में दिक्कत न हो और जरुरत मंद लोगों को इसका लाभ मिल सकें। इसके अलावा पुलिस प्रशासन के पास उद्योगपतियों ने एम्बुलेंस भी दिया हुआ हैं. ताकि झगड़े और हादसे में घायलों को तुरंत इलाज हेतु नजदीक के अस्पताल में पहुंचाया जा सकें पर यह सब तब होता जब पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेती पर मरने वाला शख्स लख्मी इन्हीं साधनों की कमी से जूझते हुए अंत में दम तोड़ दिया।

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