अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज गुरूग्राम में कहा कि हरियाणा से मारूति का प्लांट कहीं नही जा रहा है, बल्कि यहीं रहेगा। उन्होंने मानेसर से मारूति डिजायर का प्लांट गुजरात के अहमदाबाद जाने के बारे में कांग्रेस द्वारा दिए गए बयान पर कहा कि इसमें कोई दम नही है। मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस के समय में मारूति एक बार अपना एक प्लांट गुजरात ले गई थी , इस बात के लिए कांग्रेस के लोगों को शर्म आनी चाहिए कि उनके समय में मारूति का एक प्लांट पहले गुजरात जा चुका है, इसलिए वे हमारे सिर पर भंडा फोड़ेंगे यह गलत है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज गुरूग्राम में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता करने आए थे। इस बैठक में रखी गई ज्यादातर समस्याओं का उन्होंने समाधान कर दिया। बैठक के बाद मीडिया प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने मारूति प्लांट के बारे में स्थिति स्पष्ट की । उन्होंने कहा कि मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के अधिकारियो के साथ हमारी बातचीत चल रही है, उन्होंने खरखौदा में भी जमीन देखी है, बहुत जल्दी हमारा उनका जमीन का मामला सैटल होगा और यह प्लांट यहीं चलता रहेगा।
मनोहर लाल ने कहा कि जितनी बातचीत हमारी हो रही है , उससे वे भी संतुष्ट हैं और हम भी। इसलिए मुझे नही लगता कि वे इस प्रकार का कोई काम करेंगे। निवेश के बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत बड़ी कंपनियां गुरूग्राम में तथा प्रदेश के अन्य हिस्सों निवेश कर रही हैं। नए नए प्रोजेक्ट्स प्रदेश में लग रहे हैं। गुरूग्राम में निवेश पर्याप्त आ रहा है और रोजगार के नाते से भी हरियाणा के लोगों के लिए 75 प्रतिशत रोजगार का प्रावधान किया गया है और हमारे यहां आवश्यकतानुसार लोग नही मिलेंगे तो वे बाहर से भी वर्कफोर्स ला सकते हैं। दिल्ली और हरियाणा प्रदेश के बीच चल रहे पानी के विवाद के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को विज्ञापन का शौक है और उच्चतम न्यायालय में जितनी मात्रा निर्धारित कर रखी है उतना पानी हरियाणा दिल्ली को दे रहा है। पानी की आवश्यकता तो हरियाणा की भी दिल्ली से कम नही है। मुख्य रूप से जहां हरियाणा की 2 करोड़ 90 लाख आबादी है वहीं दिल्ली की आबादी 2 करोड़ है। इस लिहाज से हमें उनसे डेढ़ गुना ज्यादा पानी चाहिए। यमुना से हमें 2 हजार कयूसिक पानी मिलता है जिसमे से 1 हजार 50 क्यूसेक पानी दिल्ली को दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में जल प्रबंधन की कुव्यवस्था के चलते दिल्लीवासियों को पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए झूठी राजनीतिक बयानबाजी कर रही है। चाहे कोरोना में आॅक्सीजन की जरूरत का मामला हो या प्रदूषण का, हर मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री हमारे सिर भंडा फोड़ देते हैं, जबकि सब इन्होंने अपने आप क्रिएट किया हुआ है। अगर उनसे दिल्ली नही संभल रही तो हमे दे दो, हम संभाल लेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्मरण करवाया कि किस प्रकार दिल्ली सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के समय जरूरत से ज्यादा आॅक्सीजन लेकर उसका अनावश्यक रूप से भंडारण किया । उन्होंने कहा कि हमारे यहां केस ज्यादा थे और दिल्ली से भी मरीज ईलाज के लिए हमारे यहां आ रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में जहाँ दो करोड़ नब्बे लाख की आबादी पर 282 मीट्रिक टन आॅक्सीजन की आपूर्ति की गई वहीं दिल्ली सरकार अपनी मात्र दो करोड़ की आबादी के लिए सुप्रीम कोर्ट से 700 मीट्रिक टन की आपूर्ति का निर्णय ले आई। कम ऑक्सीजन मिलने के बावजूद भी हमने अपने कुशल प्रबंधन से जरूरतमंदो तक ऑक्सीजन पहुंचाई।
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