अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: संभार्य फोर्थ थियेटर फेस्टिवल के दूसरे दिन नाटक काला ताजमहल का मंचन किया गया। बुधवार देर शाम सेक्टर 12 स्थित हूडा कंवेंशन सेंटर में इस नाटक का आयोजन किया गया। नाटक के माध्यम से निर्देशक मुकेश भाटी ने राजाओं व देश को चलाने वालों की महत्वकांक्षाओं पर कटाक्ष किया। काला ताजमहल नाटक में शाहजहां और औरंगजेब की महत्वकांक्षाओं को दिखाया गया, जिसमें मुकेश भाटी के साथ मयंक दहिया, जयप्रकाश, योगेश कुमार, रितिक दास, अभिषेक चंदीला, देव कुमार, अरुण राठौर ने अभियन किया। नाटक का सह निर्देशन राधा भाटी, म्यूजिक संचालन तैयब आलम व लाइटिंग रोहित केसी ने की।
मुकेश भाटी ने बताया कि पुराने समय से ही राजा – महाराजा अपनी महत्वकांक्षाओं व सपनों को जनता पर थोपते आ रहे हैं। आज उसी काम को हमारी सरकारें कर रही हैं। शाहजहां से अपने सपनों को पूरा करने के लिए ताजमहल का निर्माण कराया और इसमें करोड़ों रुपये खर्च हुए। उसी तरह आज भी सरकारें ऐसे निर्माण कर रहे हैं, जिससे जनता को कोई लाभ नहीं है, बल्कि उल्टा लोगों के टैक्स का पैसा उनमें खर्च हो रहा है। इसी व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए हमने इस नाटक को किया। हमने इस मुद्दे को शाहजहां व औरंगजेब के संवादों के माध्यम से प्रस्तुत किया। सफेद पत्थर से बने ताजमहल के बाद शाहजहां काला ताजमहल बनवाना चाहते थे, लेकिन उनका बेटा ही इसके विरोध में हो गया था।
जनता भी औरंगजेब के साथ थी, लेकिन जब सत्ता परिवर्तन हुआ, तो औरंगजेब पर भी सके ख्वाब हाबी होने लगे। इससे पूरे मुगल साम्राज्य का अंत शुरू हो गया। आयोजन के दाैरान फरीदाबाद में रंग मंचन से जुड़े कलाकार आंनद सिंह भाटी व ईश्वर शून्य को संभार्य फाउंडेशन की तरफ से सम्मानित किया गया। संभार्य फाउंडेशन के एमडी अभिषेक देशवाल ने बताया कि 25 जनवरी को फेस्टिवल के अंतिम दिन नाटक भोलाराम का जीव मंचित होगा, जिसका निर्देशन आदित्य कृष्ण मोहन ने किया है। इस दौरान उद्यमी एसके गोयल, जगत मदान, शिक्षाविद एसपी फोगाट, ब्लॉक समिति सदस्य राजकुमार गोगा, रविंद्र फौजदार, कृष्ण भाटी आदि मौजूद थे।