अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : अदालत के आदेश पर जिला प्रशासन ने आज शुक्रवार को गांव अनखीर में तक़रीबन 3000 गज जमीनों को खाली करा लिया। खाली कराई गई जमीनों पर पिछले कई सालों से गांव के ही लोग कब्ज़ा किया हुआ था। उन जमीनों पर गाय और भैंस बांध कर रखे हुए थे और कुछ पक्के मकान बना कर रह रहे थे. यह जमीन रविश त्रेहान का हैं। वहीँ, वहां रह रहे लोगों का कहना हैं कि पिछले कई सालों से वह लोग इस जगह पर रह रहे हैं पर वह लोग गरीब आदमी हैं इस लिए उनकी प्रशासन में कहीं भी सुनवाई नहीं होती हैं। इसलिए प्रशासन में सिर्फ उन्हीं लोगों की सुनवाई होती हैं जो लोग पैसे वाले होते है। डियूटी मजिस्टेट तहसीलदार मीतू धनखड़ का कहना हैं कि वह डियूटी मजिस्टेट के रूप में यहां पर उपस्थित हैं और कुछ दिन पहले भी इस जगह पर आई थी और कार्रवाई भी की थी. आज जो उस दिन जो बकाया निर्माण रह गया था आज उस पर से कब्ज़ा हटा दी हैं। उनकी डियूटी कोर्ट के आदेश पर जिला उपायुक्त ने लगाईं गई थी।
वकील मंगल कुमार का कहना हैं कि गांव अनखीर में रविश त्रेहान की काफी जमीन हैं जिन पर गांव के ही लोगों ने पिछले कई सालों से कब्ज़ा किया हुआ हैं. इस मसले पर तक़रीबन 8 सालों से कोर्ट में केस चला रहा था। इस केस के मसले में कोर्ट ने रविश त्रेहान के पक्ष फैसला दिया था । वावजूद इसके कब्ज़ाधारियों ने उनकी जमीनों को खाली नहीं किया। इसके बाद वह फिर से कोर्ट चले गए वहां से अदालत ने जिला प्रशासन को कब्जाधारियों के चंगुल से पहाड़ों की जमीनों को खाली करा कर असली मालिक रविश त्रेहान को सौपने के आदेश दिए थे।इसी क्रम में आज जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साए में और डियूटी मजिस्टेट तहसील दार मीतू धनखड़ की उपस्थिति में कब्ज़ा की गई जमीनों को खाली करा लिया गया। इस दौरान भारी पुलिस बल का नेतृत्व सूरजकुंड थाने के एसएचओ अर्जुन देव व अनखीर पुलिस चौकी के इंचार्ज रणधीर सिंह कर रहे थे। वकील मंगल कुमार का कहना हैं कि रविश त्रेहान की यहां पार काफी जमीन हैं जो लोगों ने कब्ज़ा किए हुए हैं का मामला इस वक़्त अदालत में अभी विचाराधीन हैं।
कार्रवाई के दौरान उपस्थित पटवारी ने कहा कि यह पहाड़ों की जमीन हैं और यह जमीन तक़रीबन 5 कनाल यानी की 3000 गज हैं। उधर,प्रमोद तंवर और वहां के कई लोगों का कहना हैं कि वह लोग इन जमीनों पर तक़रीबन 25 -30 सालों से रह रहे हैं. इन्हीं जमीनों पर जन्में और बड़े हुए हैं.ऐसे में कोई इन्सान यहां से उन्हें कैसे हटा सकता हैं. पर कोर्ट का आदेश हैं इस लिए उनका सम्मान करते हैं. उनका कहना हैं कि उन लोगों ने इस मसले पर पुलिस कमिश्नर ,सीएम विंडों पर शिकायत दी हुई हैं पर उनकी शिकायत पर जिला प्रशासन ने अभी तक कोई सुनवाई नहीं की.क्यूंकि वह लोग गरीब आदमी हैं और जिला प्रशासन में बैठे अधिकारीयों को पैसा चढ़ावा के रूप में नहीं चढ़ा सकते हैं। रविश त्रेहान जैसे पैसे वाले लोग हैं जो प्रशासन को पैसे चढ़ा कर उन्हें खरीद लेते हैं और अपने मन के मुताबिक वह लोग काम अधिकारीयों से करवा लेते हैं।