अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, पूरे गुजरात से यहाँ आज कांग्रेस के कार्यकर्ता आए हैं। मतलब, पूरे गुजरात से, गुजरात के हर कोने से, हर गांव से, हर बूथ से हजारों बब्बर शेर यहाँ आए हैं और ये जो बब्बर शेर हैं, ये एक विचारधारा के लिए लड़ते हैं। ये आम बब्बर शेर नहीं है कि किसी भी चीज के लिए लड़ते है, ये विचारधारा की लड़ाई लड़ते हैं और मैं जानता हूँ कि यहाँ गुजरात में 25 साल से आप क्या सह रहे हो, मैं समझता हूँ।आपकी लड़ाई एक राजनैतिक पार्टी से नहीं है। ये लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच में नहीं है। सबसे पहले आपको समझना होगा कि आप किस चीज के खिलाफ लड़ रहे हो, किसके खिलाफ लड़ रहे हो। देखिए, सरदार पटेल जी की बीजेपी ने मूर्ति बनाई, सरदार पटेल जी की दुनिया में सबसे बड़ी मूर्ति बीजेपी नरेंद्र मोदी और आरएसएस के लोगों ने बनाई, सही है? सरदार पटेल जी थे क्या? उन्होंने अपनी जिंदगी किन लोगों के लिए दी, वो किससे लड़े और क्यों लड़े?
सबसे पहले सरदार पटेल जी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, आपने उनके शरीर की मूर्ति बनाई, मगर वो सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, वो गुजरात और हिंदुस्तान के किसानों की आवाज थे। मतलब जो भी उनके मुंह से निकलता था वो गुजरात और हिंदुस्तान के किसान के हित के लिए निकलता था। अगर आप सरदार पटेल जी को पढ़ोगे, उनके भाषण सुनोगे, उन भाषणों में किसानों के खिलाफ उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में एक शब्द नहीं कहा।सरदार पटेल जी ने गुजरात के जो इंस्टीट्यूशन थे, लोकतांत्रिक इंस्टीट्यूशन, संस्थाएं, उनको खड़ा किया। सरदार पटेल जी के बिना अमूल पैदा नहीं हो सकता था। तो बीजेपी एक तरफ सरदार पटेल जी की मूर्ति तैयार करती है, दुनिया में सबसे बड़ी मूर्ति खड़ी कर देती है और दूसरी तरफ जिस चीज के लिए सरदार पटेल जी जीए और मरे, जो भी… (वीडियो मिसिंग) ऐसा कभी नहीं हो सकता, माफ। अगर आज सरदार पटेल जी होते, मैं आपसे पूछता हूँ, गुजरात की जनता से पूछता हूँ, अगर आज सरदार पटेल जी होते, क्या वो उद्योगपतियों का कर्जा माफ करते, या किसानों का कर्जा माफ करते? अगर आज सरदार पटेल जी होते, तो किसानों के खिलाफ वो ये तीन कानून कभी लाते? सवाल ही नहीं उठता, मर जाते मगर ये कानून नहीं पास होने देते,
ये सच्चाई है।एक तरफ मूर्ति बनाते हैं और दूसरी तरफ उन्हीं की सोच पर आक्रमण करते हैं, उन्हीं का अपमान करते हैं। कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ में, राजस्थान में, मध्य प्रदेश में, पंजाब में, कर्नाटक में किसानों का कर्जा माफ किया। जहां हम सरकार में आए, हमने कहा पहला काम सरदार पटेल जी जो करते, वो हम करके दिखाएंगे और हमने कर्जा माफ कर दिया और यहाँ भी 3 लाख रुपए तक का कर्जा हम माफ करेंगे, हर किसान का।आप देखिए, मैंने आपसे पहले कहा आप लड़ किसके खिलाफ रहे हैं? आमतौर से लोकतंत्र में राजनैतिक पार्टियों के बीच में लड़ाई होती है। कांग्रेस और बीजेपी पार्टी के बीच में होती है और जो प्रदेश के, देश के जो इंस्टीट्यूशन होते हैं, संस्थाएं होती हैं, आमतौर से ये न्यूट्रल रहती हैं, ये अंपायर का काम करती हैं, चाहे वो पुलिस हो, इलेक्शन कमीशन हो, मीडिया हो, बाकी जो इंस्टीट्यूशन होते हैं, संस्थाएं होती हैं, ये अम्पायर का काम करती हैं, मगर गुजरात में जिन संस्थाओं को सरदार पटेल जी ने बनाया, जिन संस्थाओं की नींव सरदार पटेल जी ने रखी थी, चाहे वो पुलिस हो, चाहे वो मीडिया हो, चाहे वो जुडिशियरी हो, चाहे वो विधानसभा हो, इन सब संस्थाओं को बीजेपी ने कैप्चर कर लिया है, कंट्रोल कर रखा है। मतलब यहां पर आप एक राजनैतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे हो, यहाँ पर आप गुजरात का जो प्रदेश है, उसकी हर एक संस्था के खिलाफ, मीडिया के खिलाफ…, आमतौर से मीडिया अपोजीशन के साथ रहता है, रहता है न? (जनता ने कहा- हाँ)। आमतौर से मीडिया अपोजीशन के साथ रहता है, मगर, न। ये बेचारे यहाँ आते हैं, इनकी गलती नहीं है, इनको सच्चाई दिख रही है, मगर इनके जो मालिक जो पीछे बैठे हैं, वो कहते हैं, भईया देखो, मुंद्रा पोर्ट पर ड्रग्स मिले, इसके बारे में ज्यादा कुछ बोलना मत।भाईयों और बहनों, गुजरात ड्रग्स का सेंटर बन गया है और सारे के सारे ड्रग्स इसी मुंद्रा पोर्ट से निकल रहे हैं, मगर आपकी सरकार यहाँ पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, क्या कारण है? क्या कारण है कि हर 2-3 महीने में, मुंद्रा पोर्ट पर ड्रग्स मिलते हैं, जो गुजरात के युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रहे हैं, खत्म कर रहे हैं, मगर वहाँ पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता, कारण क्या है? कोई न कोई कारण तो होगा? अगर किसी गरीब व्यक्ति के घर में पुलिस वाले ड्रग्स ढूँढ़ लें, दो लाठी मारकर जेल में कर देते हैं, सही बात है? दो लाठी मारकर अंदर कर देंगे, मगर, यदि हजारों करोड़ के ड्रग्स मुंद्रा पोर्ट पर मिले, पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी, गुजरात मॉडल। गुजरात मॉडल 3-4 उद्योगपतियों का राज, 100 प्रतिशत मीडिया का कंट्रोल। उन उद्योगपतियों को जितनी भी जमीन चाहिए, दो मिनट में सरकार उनको दे देगी, मगर अगर गुजरात का गरीब हाथ जोड़कर आदिवासी, हाथ जोड़कर थोड़ी सी जमीन मांगे, सवाल नहीं उठता। चिल्लाओ, जितना चिल्लाना है, कुछ नहीं मिलेगा।भाईयों और बहनों, बिजली के रेट गुजरात में हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा हैं, नेक्सेस हैं। वही 2-3 कंपनियाँ हैं, वही नाम हैं, आपकी जेब में से पैसा निकलता है, सीधी उन्हीं 2-3 उद्योगपतियों की जेब में जाता है और ये आप सालों से देख रहे हो। लोकतंत्र पर आक्रमण गुजरात की जनता पर आक्रमण, कोई कुछ बोल नहीं सकता गुजरात में। गुजरात एक स्टेट है, जहाँ पर आंदोलन के लिए परमिशन लेनी पड़ती है। जिसके खिलाफ आप आंदोलन करोगे, उसी से परमिशन लेनी पड़ेगी, आंदोलन करने से पहले, ये है गुजरात।पूरे हिंदुस्तान को, अगर हिंदुस्तान के किसी भी व्यक्ति को व्यापार समझना हो, बिजनेस समझना हो, तो गुजरात उसको सिखा सकता है। आप सबसे आगे हो, मगर आपकी स्ट्रेंथ क्या थी? आपकी कॉम्पटीटिव एडवांटेज क्या थी, बड़े अरबपति नहीं, स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्री आपकी स्ट्रेंथ थी। जो छोटे व्यापारी होते हैं, मिडिल साइज व्यापारी होते हैं, वो आपकी स्ट्रेंथ थी। आप मुझे बताइए, वो जो आपकी स्ट्रेंथ थी, उसका क्या हुआ? क्या गुजरात की सरकार, जो छोटे व्यापारी होते हैं, जो स्मॉल एंड मीडियम बिजनेसेज होते हैं, क्या उनकी मदद करती है? नोटबंदी से जो छोटे व्यापारी हैं, मिडिल साइज व्यापारी हैं, उनको फायदा हुआ? आप किसी भी दुकानदार से पूछ लीजिए, आपको बताएंगे, सब के सब बताएंगे कि नोटबंदी ने हमें नष्ट कर दिया, गलत जीएसटी लागू की, वही सवाल आप फिर से पूछिए, किसी भी दुकानदार से पूछिए, जीएसटी से आपको फायदा है या नुकसान, वो आपको बताएगा, नुकसान, नुकसान, नुकसान। तो अगर किसानों को फायदा नहीं, मजदूरों को फायदा नहीं, छोटे व्यापारियों को फायदा नहीं, स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस को फायदा नहीं, तो फायदा किसको? फायदा किसको- वही 3-4-5 बड़े उद्योगपतियों को। पूरा का पूरा गुजरात, आपका पूरा का पूरा प्रदेश उन्हीं 4-5 लोगों के हवाले कर दिया है। एयरपोर्ट हो, पोर्ट हो, इंफ्रास्ट्रक्चर हो, टेलिकॉम हो, कुछ भी हो उन 5 पांचो के पांचो के पास, पूरा का पूरा उनके हवाले कर दिया है,ये आपकी सच्चाई है।अगर आप इसके खिलाफ लड़ना चाहो, आंदोलन करना चाहो, तो फिर पहले भईया, परमिशन लेना। उन्हीं 3-4 उद्योगपतियों की परमिशन लेना, उससे पहले जनता की आवाज मत उठाना। क्या सरदार पटेल जी ने अंग्रेजों से आंदोलन करने के लिए परमिशन ली थी? क्या सरदार पटेल जी अंग्रेजों के सामने गए और उन्होंने उनसे पूछा कि भईया, हमें परमिशन दे दो? अगर आप सरदार पटेल जी से कहते कि एक ऐसा दिन आएगा कि जनता की आवाज उठाने के लिए गुजरात में परमिशन लेनी पड़ेगी, सरदार पटेल जी आपको क्या कहते? सरदार पटेल जी कहते, उस सरकार को उठाकर बाहर फेंको, निकालो। जो सरकार गुजरात की जनता से कहती है कि आंदोलन करने से पहले तुम्हें परमिशन लेनी होगी, उसको निकालो, सरदार पटेल जी कहते, ये सच्चाई है।तो आप किसी एक राजनैतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे हो, आप उसी विचारधारा से लड़ रहे हो, जिसके खिलाफ़ सरदार पटेल जी लड़े थे और सरदार पटेल जी भी आपके जैसे कांग्रेस के कार्यकर्ता थे, कांग्रेस के नेता थे। पिछले चुनाव में मीडिया के मित्रों ने कहा था- कांग्रेस पार्टी तो लड़ाई में नहीं है, याद है आपको? कांग्रेस पार्टी लड़ाई में नहीं है। मैसेज आया था ऊपर से कह दो, कांग्रेस पार्टी लड़ाई में नहीं है और 6 महीने में बीजेपी की हवा निकाल दी आपने, 6 महीने में हवा निकाल दी। थोड़ी सी कमी रही, मगर आप बब्बर शेर जैसे लड़े। एक साथ खड़े हो गए, विचराधारा के लिए लड़े, गुजरात के किसानों के लिए लड़े, व्यापारियों के लिए, स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस वालों के लिए, युवाओं के लिए और वही इस बार होगा। देखिए, मीडिया कुछ भी कह ले और इनको कहना पड़ता है, इन बेचारों की गलती नहीं है, ऊपर से ऑर्डर आता है। कुछ भी कह दें, मैं आपको बता रहा हूँ कि गुजरात की जनता आपके साथ खड़ी हुई है, गुजरात की जनता तंग है, गुजरात की जनता गुस्से में है, दुखी है।बस आपको गुजरात की जनता के साथ खड़ा होना है और आपकी सरकार, गुजरात की जनता की सरकार, गुजरात की आवाज की सरकार बन जाएगी। सरकार बनने के बाद गुजरात की जनता के लिए कांग्रेस पार्टी क्या करेगी। पहले मैंने कहा किसानों का कर्जा माफ करेगी, 3 लाख रुपए, पहला काम।दूसरा काम, आपको याद होगा, कोविड आया था। याद है भूल गए? याद है न? आपको मालूम है, गुजरात में कितने लोगों की मृत्यु हुई- 3 लाख लोग। 3 लाख लोगों की मृत्यु हुई। आपने सोशल मीडिया पर, व्हाट्सएप पर, फेसबुक पर आपने देखा होगा, अस्पताल के सामने आपने लोगों को देखा होगा। क्या बीजेपी की सरकार ने कंपंसेशन दिया? सरदार पटेल जी की इन्होंने मूर्ति बनाई। अगर आज सरदार पटेल जी जिंदा होते और आप उनसे पूछते, सरदार पटेल जी, गुजरात में 3 लाख लोग कोविड के शिकार हुए, क्या उनको कम्पंसेशन, उनके परिवारों को कम्पंसेशन दिया जाना चाहिए, हां या न? (जनता ने कहा- हां) क्या सरदार पटेल जी कहते, नहीं देना है कम्पंसेशन, सवाल ही नहीं उठता। तो जो सरदार पटेल जी कहते, वो कांग्रेस पार्टी करेगी, 4 लाख रुपए कम्पंसेशन हर व्यक्ति को देगी।किसानों का बिजली बिल माफ करेगी और 300 यूनिट बिजली के जनरल कस्टमर्स को देगी। 3,000 इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलेंगे और लड़कियों के लिए मुफ्त में शिक्षा कांग्रेस पार्टी देगी। हजारों स्कूलों को बीजेपी की सरकार ने बंद किया है। सरदार पटेल जी की मूर्ति लगाई हुई, हजारों स्कूलों को बंद कर रहे हैं। तो हम 3000 इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलेंगे और मुफ्त में लड़कियों को शिक्षा देंगे और जो मिल्क प्रोड्यूसर्स हैं, उनको 5 रुपए की सब्सिडी और गैस सिलेंडर, जो आज हजार रुपए का है, वो हम 500 रुपए में देंगे।जो यूपीए के समय में 400 रुपए हुआ करता था, जो आज हजार रुपए है और सबसे बड़ी चीज, जिसे मैं खत्म करना चाहता हूँ, बेरोजगारी और महंगाई। मैंने आपसे कहा कि बीजेपी की पॉलिसीज ने, नोटबंदी ने, जीएसटी ने जो स्मॉल और मीडियम बिजनेसेज हैं, छोटे व्यापारी हैं, उनकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। भाईयों और बहनों, सच्चाई ये है कि 2-3 अरबपति इस प्रदेश को रोजगार नहीं दे सकते हैं। रोजगार कौन देता है? रोजगार छोटे बिजनेस, स्मॉल और मीडियम बिजनेस, व्यापारी और किसान देता है और जब तक इनकी सरकार नहीं बनेगी, जब तक किसानों की, छोटे व्यापारियों की स्मॉल और मीडियम बिजनेस वालों की सरकार नहीं होगी, जो सरकार उनकी पूरी मदद करे, तब तक इस प्रदेश में रोजगार पैदा नहीं हो सकता है, आप जितनी भी कोशिश कर लीजिए। अगर स्मॉल एंड मीडियम इंडस्ट्री मजबूत नहीं हुई गुजरात में, यहाँ पर रोजगार पैदा नहीं हो सकता। अगर बैंक के दरवाजे किसानों के लिए, स्मॉल एंड मीडियम बिजनेसेस के लिए, डायमंड इंडस्ट्री के लिए, टैक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए नहीं खुले, तो यहाँ पर रोजगार पैदा नहीं हो सकता है और गुजरात के जो युवा हैं, भटकते फिरेंगे, मगर उनको रोजगार नहीं मिलेगा और कांग्रेस पार्टी का फोकस उन युवाओं को रोजगार देने पर होगा। पूरा का पूरा फोकस हम गुजरात के युवाओं को रोजगार देने में लगा देंगे और 10 लाख युवाओं को हम रोजगार देंगे।आपके सामने चुनाव है और मैं आपको बता रहा हूँ, मैं पिछली बार भी आया था, इस बार भी आया हूँ, मैं आपको बता रहा हूँ, अगर आप लड़ गए, पिछली बार की तरह अगर आप लड़ गए, मैं आपको गारंटी देकर कह रहा हूँ, यहाँ पर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने जा रही है। आप देखिए, पिछले 5 साल में कितना भ्रष्टाचार हुआ है। आमतौर से क्रिकेट टीम में अगर एक प्लेयर फेल होता है, एक प्लेयर को हटा देते हैं। गुजरात की सरकार की जो टीम है, उसमें एक प्लेयर को नहीं, पूरी की पूरी टीम को हटाकर फेंक दिया है। मतलब ये जानते हैं कि पिछले 5 सालों में जिन्होंने गुजरात के लिए कुछ नहीं किया, सिर्फ भ्रष्टाचार किया है और गुजरात की जनता को ये सब दिख रहा है। तो आप लड़ जाइए, मैं आपके साथ हूँ। आप लड़ जाइए और मैं आपको गारंटी देकर बता रहा हूँ, अगर आप लड़ गए, अगर आप कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के लिए लड़ गए, अगर आप किसानों की आवाज के लिए, मजदूरों की आवाज के लिए, जनता की आवाज के लिए लड़ गए, मैं आपको गारंटी करके कह रहा हूँ, कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता जीत जाएगा। आप हमारी शक्ति हो, आप हमारी रीढ़ की हड्डी हो और मैं दिल से आपका धन्यवाद करना चाहता हूँ, कि आप कांग्रेस पार्टी का झंडा उठाते हो, कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के लिए लड़ते हो और गुजरात में आपने बहुत-बहुत मुश्किल सही है। मैं समझता हूँ, दम लगाकर लड़िए, गुजरात में कांग्रेस पार्टी को जिताइए, गुजरात की जनता की और अपनी सरकार बनाईए।
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