अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली/कोलकाता:भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार के खिलाफ मंगलवार को ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या और अन्य शीर्ष नेताओं द्वारा इस मार्च में भाग लिया गया । इस विरोध प्रदर्शन में भाजयुमो को विकास भवन तक भारी पानी के छिड़काव के साथ रोक दिया गया। शांतिपूर्ण मार्च में पुलिस कार्रवाई से 1,500 से अधिक कार्यकर्ताओं को चोटें आईं। जो कि शर्मसार कृत्य है क्योंकि यह मार्च शांतिपूर्ण था। तृणमूल कांग्रेस सरकार के तहत, पश्चिम बंगाल ने एआईटीसी और उनके गठबंधन दलों के उम्मीदवारों के समर्थन के आधार पर स्कूलों और कॉलेजों में नियुक्ति के साथ शिक्षा प्रणाली का व्यवस्थित विनाश देखा है।
जबकि हजारों युवा जिन्होंने राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी) पास की है,बी.एड और डी.ईएल.एड,नेट और एसएलईटी योग्यता वाले उम्मीदवार साइड-लाइन हुए। टीएमसी समर्थक भले ही वे अयोग्य या कम-योग्य हों, स्कूलोंऔर कॉलेजों में पढ़ाने के लिए नौकरी दी जा रही है। नियमों का उल्लंघन सरकार की नाक के नीचे नही सरकार खुद करवा रही है।
पिछले 400 दिनों से जो शिक्षक एसएलएसटी चयन के लिए अर्हता प्राप्त कर चुके थे लेकिन, बाद में टीएमसी कैडरों को समायोजित करने के लिए उन्हें दरकिनार कर दिया गया था; वे अपने रोजगार के अधिकार की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। हालांकि, डब्ल्यूबी राज्य प्रशासन ने उनकी दुर्दशा के प्रति पूरी तरह से आंखें मूंद ली हैं ।
यहां तक कि मूल योग्यता सूची के अनुसार नियुक्ति की मांग करने वाले माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को भी नजरअंदाज कर दिया है। उत्तर बंगाल में तो स्थिति और भी खराब है। 2011 में जीटीए समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद से कोई एसएससी या कॉलेज सेवा आयोग (सीएससी) भर्ती ही नहीं हुई है। आज तक सरकार एआईटीसी के दबाव में साक्षात्कार आयोजित किए बिना भी जिसे चाहे भर्ती कर रही है। ऐसी नाइंसाफी के खिलाफ भारतीय जनता युवा मोर्चा ने यह मार्च निकाला था। भाजयुमो के शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं पर पानी की एक-एक बूंद का छिड़काव सीएम ममता को उनके शेष कार्यकाल के लिए परेशानी का कारण बनेगा। बंगाल का एक-एक युवा इस नाइंसाफी का हिसाब मांगेगा। यह बंगाल के लोगों से भाजयुमो का वादा है, ”सूर्य ने विरोध के बाद कहा। उन्होंने आगे कहा- “पश्चिम बंगाल युगों से विचारकों और क्रांतिकारियों का देश रहा है। अन्याय का विरोध करना हर बंगाली के खून और आत्मा का हिस्सा है । लेकिन ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली यह असहिष्णु सरकार बंगाल के लोगों का सामना करने की हिम्मत भी नहीं कर रही है । पुलिस को अपने निजी गुंडों के रूप में इस्तेमाल कर रही है। ममता बनर्जी के शासन में बंगाल पुलिस बाउंटी हंटर्स की तरह काम कर रही है।
भाजयुमो के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद राजू बिस्ता ने टिप्पणी की- “टीएमसी
पुलिस द्वारा आज अभूतपूर्व बल प्रयोग, लाठीचार्ज, पानी की बौछार पश्चिम बंगाल से अपने अधिकारों की मांग के लिए एकत्र हुए 5,000 से अधिक युवाओं को चुप कराने के लिए दिखाता है कि टीएमसी डरी हुई है न्याय की गुहार लगाते युवा से। भाजयुमो हर बंगाली युवा के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे कितनी ताकत का इस्तेमाल करते हैं। हम नहीं रुकेंगे। भाजयुमो टीएमसी को आगे के राजनीतिकरण और शिक्षा
प्रणाली के भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होने देगा। हम पश्चिम बंगाल के युवाओं को न्याय मिलने तक अथक प्रयास करेंगे और हम शिक्षा प्रणाली को टीएमसी से बचाने और पश्चिम बंगाल को इस तानाशाही, निरंकुश शासन से बचाने के लिए काम करना जारी रखेंगे।”इस विरोध में डॉ. सुकांत मजूमदार , भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद बालुरघाट,भाजयुमो राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद दार्जिलिंग राजू बिस्ता भाजयुमो पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष डॉ इंद्रनील खान , पुरुलिया सांसद ज्योतिर्मय महतो और शक्ति सिंह, भाजयुमो राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और प्रभारी भाजयुमो पश्चिम बंगाल, और
अन्य भाजपा नेता व भारी संख्या में युवा मोर्चा कार्यकर्ता उपस्थित थे।