अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में छात्रों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्लास्टिक कचरा मुक्त भारत अभियान (स्वच्छता ही सेवा 2019) का आयोजन किया है। अभियान का आयोजन केन्द्रिय मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट जागरूकता के लिए की गई पहल के अनुरूप किया गया था। इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न विद्यार्थी गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता, प्लास्टिक अपशिष्ट जागरूकता स्टाल और प्लास्टिक कचरा पृथक्करण और पुनः उपयोग से संबंधित विभिन्न गतिविधियां शामिल थी। कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरण विज्ञान विभाग के अंतर्गत वसुंधरा एनवायरनमेंट सोसाइटी द्वारा डा. रेणुका गुप्ता, फैकल्टी इंचार्ज, पर्यावरण विज्ञान विभाग की देखरेख में किया गया।
विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मक कृतियों के माध्यम से सिंगल यूज प्लास्टिक और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के दुष्प्रभावों पर एक गंभीर संदेश प्रस्तुत किया। विद्यार्थियों की रचनात्मक कृतियों को खूब सराहा गया। प्लास्टिक अपशिष्ट जागरूकता स्टाल पर, वसुंधरा सोसाइटी के विद्यार्थी सदस्यों ने दैनिक कामों में प्लास्टिक के उपयोग की वस्तुओं को कम करने के चरणबद्ध उपायों को प्रदर्शित किया। उन्होंने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम कचरे के पृथक्करण एवं निपटान और जलीय जानवरों पर प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया। पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग, डीन (एचएएस) डाॅ. राज कुमार, पर्यावरण विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डाॅ. आशुतोष दीक्षित और विभाग के संकाय सदस्य उपस्थित थे। कुलपति ने इवेंट गैलरी का दौरा भी किया तथा विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर बोलते हुए, कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने सिंगल यूज प्लास्टिक से देश को मुक्त बनाने के लिए सभी से एकजुट प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को सक्रिय रूप से प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने और विश्वविद्यालय परिसर में प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त होना न केवल पर्यावरण के हित में है, बल्कि जलीय जीवन के लिए भी है, जो सिंगल यूज प्लास्टिक की खपत से प्रभावित हो रहे है। उन्होंने विद्यार्थियों से इस अभियान को एक जन आंदोलन बनाने की अपील की।
कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने विद्यार्थियों को परिसर में और आसपास के प्लास्टिक कचरे के निपटान के नए तरीके खोजने के लिए भी प्रोत्साहित किया। विभाग की संकाय प्रभारी और वसुंधरा सोसाइटी की समन्वयक डॉ. रेणुका गुप्ता ने कार्यक्रम की जानकारी दी और सिंगल यूज प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग के प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक का अनुचित निपटान पर्यावरण में जहरीले रसायनों को जोड़ रहा है और मानव खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर रहा है। ऑन द स्पॉट पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र राज ने जीता। दूसरा स्थान एमबीए प्रथम वर्ष की छात्रा कोमल पांचाल ने हासिल किया और तीसरा स्थान बीएससी रसायन विज्ञान द्वितीय वर्ष की छात्रा श्रद्धा चुघ, और एमएजेएमसी के अभिमन्यु ने साझा किया। बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता में एमएससी पर्यावरण विज्ञान की नीतू, प्रियंका, कंचन और मोनिका की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। बीटेक सीई प्रथम सेमेस्टर की अनुष्का ने दूसरा स्थान हासिल किया। इसी तरह, एमएससी पर्यावरण विज्ञान द्वितीय वर्ष की श्वेता और काजल सैनी ने तीसरा स्थान हासिल किया। एमओजेएमसी से अमोदिता जोशी और उनकी टीम को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। विजेताओं को प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। वसुंधरा एनवायरनमेंट सोसायटी के विद्यार्थी अंशुल द्वारा कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद प्रस्तुत किया गया।