अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:ग्रीन फिल्ड कालोनी में लॉकडाउन में फंसे मजदूरों का कहना हैं कि हम सभी को काम दो या घर जाने की इजाजत दो और कितना इंताजर करेंगें, अब तो परिवार को पालना मुश्किलें ही नहीं, बल्कि बहुत ही मुश्किल हो गया हैं। कोई मदद के तौर पर 1 से 2 किलों चावल, आटा देता हैं, तो कोई दाल का एक पैकेट देता हैं,तो कोई सरसों तेल देता हैं, पर इन सामानों से खाना बिल्कुल सम्पूर्ण रूप से पकता नहीं हैं। मजदूर राम सिंह, बलबीर सिंह, राजकुमार, द्वारका, राम दास, मुन्ना , ओमकार, राजा, आरती का कहना हैं कि खाना बनाने के लिए कोई लकड़ी नहीं देता, नाही गैस सिलिंडर देता हैं बिन मसाले का ना तो दाल बन पाता, नाही सब्जी बन पाती हैं। इन लोगों का कहना हैं कि उनके सामने इस वक़्त खाने-पीने,काम धंधे का मुख्य संकट हैं। उन लोगों ने यह भी बताया कि उनके झुग्गियों में मनोरजन के साधन नहीं हैं यानी उनके झुग्गियों में टेलीविज़न तक नहीं हैं।
उनका टाइम बिल्कुल पास नहीं हो रहा हैं। इन हालतों में वह लोग करें तो क्या करें। इन्हीं कारणों से काफी मजदूर परेशान होकर पैदल ही ग्रीन फिल्ड कालोनी से अपने घर के लिए पलायन कर चुके हैं और पलायन करने का सिलसिला अब भी जारी हैं। जरुरत हैं जिला प्रशासन को इसे रोकने की। क्यूंकि यह इलाका कंटेनमेंट एरिया घोषित हैं। इस लिए यह पूरा इलाका सील हैं और किसी भी निर्माण कार्य और कोई कारोबार नहीं चल रहा हैं। इस बारे में जिला उपायुक्त यशपाल यादव से बातचीत करने के लिए संपर्क किया पर उन्होनें अपना फोन नहीं उठाया। संभवता वह किसी कार्य में व्यस्त होंगें, बात करने के लिए उन्हें मैसेज भी किया गया फिर उनका फोन नहीं आया जैसे उनसे कोई बातचीत होगी इस बारे में तो इस खबर में जोड़ दिया जाएगा।
इस बारे में ग्रीन फील्ड कालोनी पुलिस चौकी इंचार्ज सुनील कुमार का कहना हैं कि रोजाना इस कालोनी से मजदूर पलायन कर रहे हैं। यह लोग सुबह- सुबह कई बार अपने गांव जाने के लिए रास्ते के बारे में पूछते हैं कई लोग उनसे पास मांगने के लिए चौकी में आते हैं जो उनके अधिकार क्षेत्र में हैं नहीं, वह लोग उनको हेल्प लाइन नंबर के बारे में बता देते हैं या फिर सेक्टर-12 स्थित जिला उपायुक्त के कार्यालय के बारे में बता देते हैं। उनका कहना हैं कि जब भी कंटेनमेंट से इस कालोनी को बाहर किया जाएगा तो मजदूरों की भारी कमी होगी और इससे बिल्डरों की भी मुश्किलें बढ़ेंगी. बिल्डरों ने बातचीत के दौरान बताया कि ग्रीन फिल्ड कालोनी का फैलाव लगभग 437 एकड़ में हैं, इनमें तीन सेक्टर बने हुए हैं A ,B, C हैं। इन कालोनी में लगभग 8000 बिल्डिंगें हैं, जिनमें लगभग 25000 लोग रहते हैं। इस कालोनी में 30 रास्ते हैं जिनमें गेट लगे हुए हैं, इन 30 रास्तों में लगभग 190 गालियां हैं। इस वक़्त इस कालोनी में 100 से अधिक प्लाटों पर निर्माणधीन बिल्डिंगें हैं, इन में कई ऐसी बिल्डिंगें हैं जिनमें 70 -80 -90 प्रतिशत कार्य हुए पड़े हैं और उसी बिल्डिंगों में लगभग 1000 से अधिक मजदूर रह रहे हैं। जो अब 6 हफ्ते के लॉकडाउन के अलावे और गिने चुने कोरोना के मरीजों मिलने के कारण कंटेनमेंट जोन घोषित हैं।
इस कारण से ग्रीन फिल्ड कालोनी में निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद हैं। वह चाहते हैं कि गिने चुने कोरोना के मरीजों के कारण पूरे ग्रीन फिल्ड कालोनी को सील करना उचित नहीं हैं,वह लोग उनके किए गए कार्रवाई पर सवाल खड़ा नहीं कर रहे हैं। क्यूंकि अब लॉकडाउन का दायरा फिर से 17 मई तक बढ़ा दिया गया हैं तो आमजनों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस कालोनी में सैकड़ों की तादाद में मजदूर पलायन कर चुके हैं,जो मजदूर बचे हुए हैं उन्हें रोकना बहुत जरुरी हैं और मजदूर लोग सिर्फ यही चाहते हैं कि उसे काम दिला दिया जाए। ताकि वह मेहनत कर अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। बिल्डरों का कहना हैं कि वह लोग भी अपने मजदूरों को काम देना चाहते हैं पर यह कालोनी कंटेनमेंट एरिया घोषित हैं इस लिए वह लोग निर्माण कार्य नहीं कर सकते हैं। यह कालोनी पिछले छह हफ्ते से बंद हैं। उनका कहना हैं कि जिला प्रशासन इस तरफ ध्यान दे कि जिन रास्ते और गलियों के फ्लैटों में कोरोना पॉजिटिव के केस मिले हैं सिर्फ उसी रास्ते और गलियों, बिल्डिंगों को सील करे, इस बारे में जिला प्रशासन वाकायदा जांच करवा ले फिर कंटेनमेंट एरिया में छूट दे, ताकि इन मजदूरों को काम धंधा दिया जा सकें और आधे अधूरे निर्माणधीन कार्य वाले बिल्डिंगों को पूरा किया जा सकें।
इस प्रकरण में कई लोगों से बात की गई तो उन लोगों का कहना हैं कि देखिए इस कालोनी में अच्छे खासे लोग रहते हैं और अच्छे -अच्छे पोस्टों पर नौकरी करते हैं और अच्छे- अच्छे पोस्टों से रिटायर्ड लोग भी हैं, जो समाज को कुछ दे सकतें हैं। लोगों ने यह भी बताया कि इस कालोनी में राष्टपति राम नाथ कोविंद जी साली जी भी रहती हैं उन्हें इस लिए मालूम हैं कि पिछले दिनों उन की धर्मपत्नी आई हुई थी। इस लिए वह लोग भी चाहते हैं कि जिला प्रशासन इस तरफ थोड़ा ध्यान से और कंटेनमेंट एरिया में छूट दे। कोरोना के मरीज जिस बिल्डिंग के फ्लैटों में उन्हीं को सील करे और बहुत ज्यादा हैं तो पूरी बिल्डिंग और गलियों को सील करें।