अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : 12 /2 ,सेक्टर -37 में अवैध निर्माण करने के मामले में सराय थाना में छह बिल्डरों के खिलाफ जालसाजी,धोखाधड़ी व हरियाणा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट सहित करीब एक दर्जन से अधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया हैं। यह मुकदमा ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम की शिकायत पर दर्ज की गई हैं। इस मामले में एसएचओ अनिल कुमार का कहना हैं कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी के बाद तथ्य नहीं मिलने पर आरोपी बिल्डरों को गिरफ्तार किया जाएगा। आपकों बतादें कि यह खबर atharv news ने काफी समय से प्रमुखता से दिखता रहा हैं जिसका असर पिछलें 24 अक्टूबर से दिखाई देने लगा हैं और आगे भी आपकों पुलिस की किस तरह की कार्रवाई चल रहीं हैं के बारे में प्रमुखता से बताता रहेगा।
ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त सतबीर मान ने सराय थाने में शिकायत दी हैं कि 12 /2 ,सेक्टर -37 के डीएम रोड पर संजय गर्ग निवासी ई -37 ,दयालबाग कालोनी, संजीव जैन निवासी मकान नंबर -1186 सी -1 बसंत कुंज, नई दिल्ली, मनोज कुमार झा निवासी 1594 सेक्टर -28, सुरजीत कसाना निवासी सेक्टर -37, राम सिंह निवासी फरीदाबाद व कपिल गर्ग निवासी ॐ टेंट , सेक्टर – 37 के खिलाफ 12 /2 , सेक्टर -37 में अवैध रूप से चार मंजिला ईमारत सहित कई इमारतों को बना लिए थे। जिससे नगर निगम को मिलने वाले टेक्सों का भारी नुकसान तो हुआ ही हैं के अलावा निगम के साथ एक साजिश के तहत धोखाधड़ी भी किया गया हैं। इस मामले में सराय थाना पुलिस ने बिल्डर संजय गर्ग, संजीव जैन, मनोज कुमार झा, सुरजीत कसाना, राम सिंह व कपिल गर्ग के खिलाफ सेक्शन -7 ऑफ़ अर्बन एरिया एक्ट 1975, 249, 250, 251, 252, 254, 261, 263 ऑफ़ हरियाणा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट 1994, 350 ए , 350 बी, 3006 ऑफ़ हरियाणा म्युनिसिपल एक्ट 1994 एंड भारतीय दंड सहिंता की धारा 420, 406, 467, 468, 471 व 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया हैं।
आपकों बतादें कि पिछलें करीब दो सालों से इन बिल्डरों द्वारा कानून को ठेंगा दिखातें हुए धड़ल्लें से चार मंजिला इमारतें खड़ी कर ली थी जिसकी वजह से सरकार व जिला प्रशासन को काफी बदनामी का सामना करना पड़ा था। जब यह मामला सरकार व डिप्टी कमिश्नर समीरपाल सरों के संज्ञान में आया तो पूरी सख्ती से कार्रवाई करते हुए बीते 24 अक्टूबर -2017 को तीन पोकलेन व 3 जेसीबी मशीनों की सहायता से चार इमारतें को तोड़ कर जमीदोष कर दी गई जिसमें से दो इमारतें चार मंजिला था। उधर ,बिल्डरों ने atharv news से नाम नहीं लिखने के शर्तों पर बताया कि उन्होनें अपने पैसों से जमीनों को खरीद कर यहां बिल्डिंगें बनाई थी और इन बिल्डिंगों को बनाने हेतु काफी लोगों से ब्याज पर कर्ज लिया था जिससे दो पैसों की आमदनी का रास्ता बनाया था और वह लोग अपने परिवार का पालन पोषण ठीक से कर सकेंगें पर वह लोग उस समय बर्बाद हो गए जब जिला प्रशासन ने बिना सोचे -समझे ही उनके बिल्डिंगों के साथ उनके अरमानों पर भी बुल्डोजर चला दिया और अब उन्हें atharv news के माध्यम से मालूम हुआ हैं कि तोड़फोड़ के बाद बर्बाद हो चुके सभी बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर दिया। यह हरियाणा सरकार व जिला प्रशासन का कैसा कानून हैं जो आम आदमियों के जीने का साधन को ही कुचल रहीं हैं।