अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : 12 /2, सेक्टर -37 में अवैध रूप से बने तथा बचे हुए शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों पर लिए गए स्टे पर कल अदालत में बहस होने की संभावना हैं। इसके बाद अदालत अपना फैसला सुना सकती हैं। अदालत का फैसला बिल्डरों के खिलाफ आ सकता हैं और बचे हुए खूबसूरत दुकानों पर फिर से नगर निगम पोकलेन मशीन चल सकता हैं।
मालूम हैं कि यह खूबसूरत शॉपिंग अदालत के स्टे के बुनियाद पर खड़ा हैं जिसकी तारीख की बीते 15 नवंबर को थी। इस तारीख पर पीडब्लूडी द्वारा अदालत में एक रिपोर्ट पेश करना था जो पीडब्लूडी ने अपना रिपोर्ट बीते 15 नवंबर को अदालत में पेश कर दिया। इस बाबत अदालत ने इससे अगला तारीख 17 नवंबर को दे दिया हैं यानी की दो दिनों के बाद। बताया गया हैं कि कल शुक्रवार को अदालत में दोनों पक्षों के वकीलों के बीच बहस होना हैं के बाद अगले दो -तीन दिनों में नगर निगम के पक्ष में फैसला दे सकता हैं जिसके बाद ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम अपनी तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम दे सकता हैं।
आप्को बतादें कि पिछले महीनें नगर निगम प्रशासन ने 12 /2 ,सेक्टर -37 में सबसे पहले तोअवैध रूप से प्लॉटिंग की गई थी और वह भी इंडस्ट्रीज की जमीनों पर जोकि कानून में जुर्म हैं। इसके बाद इन जमीनों को सस्ते दामों में खरीद कर,बिल्डरों चार -चार मंजिलों की इमारतें खड़ी कर ली थी। इन बिल्डरों ने अवैध निर्माणों को बनाने के एवज में सत्ता पक्ष के मंत्रियों को करोड़ों रूपए अंदर खाने देने की शिकायतें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर के समीप पहुंच गई थी। इसके बाद सीएम के आदेश पर बीते 24 अक्टूबर- 2017 को सुबह के वक़्त भारी पुलिस बल के साए में निगम प्रशासन ने तीन पोकलेन व चार -पांच जेसीबी मशीनों की सहायता से बड़ी -बड़ी बिल्डिंगों को तोड़ दिए थे।
लोगों में उसी समय चर्चा हो गई थी कि भाजपा नेताओं के बड़ी -बड़ी दुकानें बच गई हैं उसे नहीं तोडा गया हैं और सिर्फ उनकी इमारतों को तोड़ दिया गया हैं। हालाँकि जिला प्रशासन ने बिल्डरों द्वारा लिए गए स्टे निरस्त करने हेतु एक एप्लीकशन फाइल की थी, जिसका फैसला अगले एक हफ्ते में आने की संभावना हैं। फ़िलहाल शुक्रवार को अदालत में बहस होना हैं। उम्मीद हैं कि यह फैसला निगम के पक्ष में आएगा और बचे हुए शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों को तोड़ दिया जाएगा।