अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:हरियाणा महिला आयोग की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दो दिवसीय समागम का वीरवार को आगाज हो गया है। सूरजकुंड के राजहंस होटल में अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का शुभारंभ राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन श्रीमती रेखा शर्मा ने किया। प्रथम सेशन में महिला सशक्तिकरण के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान कैसे करें महिलाएं रहा। हरियाणा महिला आयोग की चेयर पर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि हरियाणा राज्य महिला आयोग (एचएससीडब्ल्यू) अपने 25 वें स्थापना दिवस पर आज वीरवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला शिखर सम्मेलन “एशियन कंट्रीज समिट” – दुर्गा एंपावरिंग वूमेन नामक दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन शुरू किया गया है। कार्यक्रम सूरजकुंड स्थित होटल राजहंस के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। महिला आयोग का दो दिवसीय समागम वीरवार से 11 बजे शुरू हुआ। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी महिलाओं ने शिरकत की।
हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयर पर्सन रेनू भाटिया द्वारा यह अंतर्राष्ट्रीय महिला शिखर सम्मेलन “एशियन कंट्रीज समिट” – दुर्गा एम्पावरिंग वूमेन नामक दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनना है और इसके लिए महिलाओं में जागरूकता लाना है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबर के अधिकार दिए हैं। किसी भी देश को में सुख, समृद्धि महिला सशक्तिकरण से ही से ही आती है। महिलाएं देश की रक्षा करने में भी अपनी अहम भागीदारी सुनिश्चित कर रही है। हरियाणा महिला आयोग की वजह से आज हरियाणा का स्वरूप बदल गया है। सशक्त महिला का मतलब सिर्फ काम करने या कमाने से नहीं सशक्त महिला का असली मतलब उसे महिला से है जो अपने सारे फैसले खुद ले सकती है। आज महिलाओं के प्रति पुरुष समाज को सोच का बदलना बहुत जरूरी है आज समाज में महिला पुरुष के साथ ट्रांसजेंडर की भी बातें होती हैं और जब तक समाज को जानवरों में बांटा जाएगा तब तक समाज को आयोग की जरूरत पड़ेगी। महिला आयोग का काम उसे दिन खत्म होगा जब किसी बच्ची को गर्भ में ना मरने दिया जाए बच्ची के पैदा होने पर उसे किसी रंग या कपड़े के लिए नहीं टोका जाए जितनी आजादी बेटों को दी जाती है उतनी आजादी बेटियों को भी दी जाए इसकी शुरुआत हमें अपने परिवारों से ही करनी होगी क्योंकि परिवार में ही हम अपने बच्चों में जेंडरो का भेदभाव करते आ रहे हैं। जैसे संस्कार हम अपनी बेटियों को देते हैं उतने ही संस्कार हमें अपने बेटों को भी देने की जरूरत है और अपनी बच्चियों को सिखाएं कि वह अपनी चुप्पी को तोड़े न कि उन्हें चुप रहने को कहा जाए और बेटों की तरह भी बेटियों को अपना जीवन साथी चुनने का पूरा हक दिया जाए। मध्यप्रदेश की पहली पूर्व विधायक शबनम मौसी ने कहा कि 2000 में मध्य प्रदेश की में विधायक बनी। इसके बारे में उन्होंने कहा कि मुझे कार्यक्रम में बुलाने पर रेनू भाटिया और हरियाणा के सभी लोगों का भी धन्यवाद करती हूँ। इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश, यूपी और मुंबई में अपने संकट भारी जीवन की स्वयं की चर्चा करते हुए कहा कि मेरा मुख्य गरीबों की सेवा करना है। महिलाओं को समाज में आगे लाना चाहिए पुरुषों के बराबर महिलाओं को भी सम्मान मिलना चाहिए और अब वक्त है कि ट्रांसजेंडरों को भी अच्छी नजर से देखा जाए उनको समझ में सम्मान और इज्जत दी जाए उन्हें भी दूसरों की तरह प्रेम से गले लगाया जाए। ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट गौरी सावंत ने कहा कि महिला और पुरुष के समान ट्रांसजेंडर को भी समाज और परिवार के लोगों को बराबर का सम्मान देना चाहिए। इस कार्य के लिए मैंने जिंदगी में संघर्ष की शुरुआत की है। भारत की उन्नति में हम अपना विशेष योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकार चाहिए। महिला व पुरुष के बराबर ट्रांसजेंडर को भी अधिकार चाहिए। और हमें समाज में वोट का अधिकार मिल गया है। ट्रांसजेंडर को अब 50 प्रतिशत लोग अच्छा रिस्पांस दे रहे हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा, ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट गौरी सावंत, वरिष्ठ टीवी एंकर मीमांसा मलिक, पहली महिला ट्रांसजेंडर विधायक शबनम मौसी, एडवोकेट रितु कपूर, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट शाहिदा परवीन, जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड चेयरपर्सन दरक्षा आंध्रवी, पत्रकार सलमा सुल्तान, चाद की एम्बेसडर दिल्लालुशयनी व कांता सिंह डिप्टी रेप्रेज़ेंटटिव यूनाइटेड नेशनल वुमेन इण्डिया रही।
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