अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: डीटीपी इंफोर्समेंट एंव विजिलेंस विभाग की लापरवाही के चलते ग्रीन फील्ड कॉलोनी में फ्लैट्स खरीदने वाले लोग लुटे जा रहे हैं, और बिल्डर लोग मालामाल हो रहे हैं, पर इसे रोकने वाला कोई नहीं हैं,क्यूंकि फ्लैट्स खरीदारों की रक्षक अब तो सिर्फ भगवान हैं। बिल्डरों में तो अब कानूनी नियम की बिल्कुल खौफ नहीं हैं, कि हरियाणा सरकार ने चार मंजिलों पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाईं हुई हैं,इसके बाद भी वैध निर्माणों में भी अवैध निर्माण बनाने से नहीं चूकते हैं, इनकी इन्हीं हरकतों की वजह से हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से बनने वाले चार मंजिलों के ऊपर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दी थी। फिर भी बिल्डर लोग खरीदारों को लूटने का कोई ना कोई रास्ता अवश्य ढूंढ ही लेते हैं।
हालांकि की डीटीपी राजेंद्र टी शर्मा ने नए साल 2023 में ग्रीन फील्ड के 5 बिल्डरों के खिलाफ केस दर्ज करवा चुकी हैं,जिनके नंबर और नाम इस प्रकार हैं -नंबर -412 में रश्मि, पत्नी विनय कुमार, प्लाट नंबर- 1096 ,रेखा गर्ग पत्नी राजेश गर्ग, प्लॉट नंबर -827, निदेशक निशांत जैन व प्लाट नंबर -1443, शुभम अग्रवाल व इनके पिता सुनील अग्रवाल व सुनील कुमार व अन्य बिल्डर हैं। इसके बावजूद बिल्डरों ने अपने -अपने वैध चार मंजिलों के बिल्डिंगों में अवैध रूप से बाथरूम- टॉयलेट बनाना नहीं छोड़ते हैं,क्यूंकि उन्हें फ्लेट खरीदारों को ये दिखाना होता हैं कि फ्लैट के सभी कमरों के साथ में बाथरूम -टॉयलेट बिल्कुल अटैच हैं। चाहे वह मटैरियल इसमें घटिया लगा हो ,क्यूंकि चार मंजिलों वालों में एक फ्लेट्स की कीमत लगभग एक से ढेड़ करोड़ रूपए के बीच हैं। उपरोक्त प्लॉटों पर कई पुराने बिल्डिंगें हैं, जिनमें लोग फ्लेट्स खरीद कर अपने परिवार के साथ रह रहे हैं,कई ऐसी बिल्डिंगें भी हैं,जो तैयार होकर बिकने के लिए खड़ी हैं। ताजा खबर जो आई हैं, इनमें प्लाट नंबर- 2505 , ग्रीन फील्ड पर बने निर्माणधीन बिल्डिंगे हैं, जिसके पिछले हिस्से के दोनों तरफ अवैध रूप से बाथरूम -टॉयलेट बनाई हुई हैं।
इस मामले में बिल्डर दीपक बंसल का कहना हैं कि बाथरूम- टॉयलेट तो अवश्य बनाई हुई हैं, पर ये वैध या अवैध हैं ये आर्चीटेक से पूछ कर बताऊंगा, इसके 24 घंटे बीत जाने के बाद भी उनका जबाव नहीं आया हैं। इसके बाद प्लाट नंबर -1582, ग्रीन फील्ड जोकि निर्माणाधीन बिल्डिंग हैं इसके पीछे के हिस्से में भी अवैध निर्माण बनी हुई हैं, इन दोनों बिल्डिंगें की तस्बीरें इस खबर में प्रकाशित की गई हैं। इसके अतिरिक्त प्लाट नंबर- 1418, ग्रीन फील्ड हैं, इसके पीछे भी दोनों साइडों में टॉयलेट -बाथरूम बने हुए हैं, और ये बिल्डिंग बिल्डर आशीष गर्ग का हैं। इस मामले में बिल्डर आशीष गर्ग का कहना हैं कि उनकी बिल्डिंग में अवैध निर्माण जैसी कोई चीज नहीं हैं, जो भी हैं उसका कम्पाउन्ड वल हैं। उनकी बिल्डिंग की जिसने भी शिकायत दी हैं, वह गलत दी हैं। इसके अलावा शिकायतकर्ता ने प्लाट नंबर -1404, 3121 व 2719 की शिकायतें की हैं, इसपर जांच और कार्रवाई करना डीटीपी एनफोर्समेंट एंव विजिलेंस विभाग की हैं , इसलिए उक्त वैध बिल्डिंग में अवैध निर्माणों वाले सभी नंबरों को डीटीपी इंफोर्समेंट एंव विजिलेंस राजेंद्र टी शर्मा को भेज दी गई हैं। जिसपर उन्होंने कहा कि बने हुए सभी अवैध निर्माणों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई होगी। इस मामले में डीटीपी इंफोर्समेंट एंव विजिलेंस राजेंद्र टी शर्मा का कहना हैं कि इन सभी बिल्डिंगों पर बने सभी अवैध निर्माणों को जल्द चेक किया जाएगा ,और बिल्डिंग बनाने वाले सभी बिल्डरों और प्लॉटधारकों के खिलाफ जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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