अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : भारतीय जनता पार्टी पिछलें विधानसभा चुनाव में बलात्कारी संत गुरमीत राम रहीम से लिए गए समर्थन का एहसान उतारना चाहती थी इस कारण से बीते 25 अगस्त के दिन पंचकूला में बाबा के लाखों समर्थक कोर्ट के नजदीक पहुंचने दिया गया। इसका मतलब था कि इन भीड़ों को देख कर अदालत अपना फैसला रोक दें और बाबा संत गुरमीत राम रहीम को बचाया जा सकें। यह कहना हैं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता लखन कुमार सिंगला का।
सिंगला का कहना हैं कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की जो सरकार बनी हैं, उसमें रेप व हत्या के आरोपी बाबा संत राम रहीम की रहमों करम पर बनी हैं और यही एक बड़ा वजह है कि इस केस में बाबा की मदद करके भाजपा सरकार अपना एहसान उतारना चाहती थी। इस कारण से प्रदेश सरकार ने लाखों के तदाद में बाबा के भक्तों को पंचकूला तक बिना चैकिंग के पहुंचने दिया। उनका कहना हैं कि संभवता हैं कि लाखों की भिड़ों को देखने के बाद अदालत अपना फैसला रोक दें और बाबा संत राम रहीम की ओर से भाजपा की सरकार को सहवासी मिल सकें और अगले विधान सभा चुनाव में उनका समर्थन बना रहे और फिर से प्रदेश में उनकी सरकार बन सकें।
उनका कहना हैं कि जिस तरीके से मीडिया में भाजपा के केंद्रीय व प्रदेश के कई मंत्रियों के बाबा संत राम रहीम के चरणों में नस्त मस्तक और साथ में खड़े होते हुए के फोटों सामने आए जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा, उद्योग व पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल, दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, वी. के. सिंह, महाराष्ट के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीज , अनिल जैन के अलावा आदि हस्तियों की हैं। उनका कहना हैं कि उद्योग व पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल को भली भांति मालूम था कि 25 अगस्त को सीबीआई हाईकोर्ट से बाबा गुरमीत राम रहीम के केस का फैसला आने वाला हैं । वावजूद इसके इससे पहले 9 अगस्त को उनके सिरसा आश्रम में वे मिलने गए और आश्रम में पौधारोपण किया। उन्होनें अपने मंत्री पद की गरिमा का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा कि वह रेप के आरोपी से गले मिल रहे हैं ,संभवता हैं कि उपरोक्त मंत्रियों की बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम के साथ निजी संबंध है ऐसे मंत्रियों की सीबीआई से जांच कराए जाने की जरुरत हैं। उनका कहना है कि पंचकूला में जितने भी लोग बारे गए हैं उसका जिम्मेदार प्रदेश सरकार हैं। इन सभी मंत्रियों के खिलाफ सीबीआई में मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए ।