अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: बंद पेटियों में लोहे का सामान बता कर धोखे से अंग्रेजी शराब की सैकड़ों बोतलों को ट्रांसपोर्ट के जरिए से बिहार भेजने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया हैं। पुलिस ने शराब की बोतलों से भरे बंद पेटियों को अपने कब्जे में ले लिया हैं। इस मामले में क्राइम ब्रांच -17 की टीम आगे की कार्रवाई कर रही हैं। इस संबंध में थाना सेक्टर -58 में एक मुकदमा दर्ज किया गया हैं। पुलिस ने कुल 54 पेटियां बरामद की हैं।
पुलिस प्रवक्ता बताते हैं कि इरशाद नाम के शख्स ने कल पुलिस थाना सेक्टर 58 में शिकायत दी थी जिसमें उसने बताया था कि वह एनआईटी एरिया का रहने वाला है और उसका ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। मूल्ला होटल के पास उसका ट्रांसपोर्ट का ऑफिस है जिसमें वह सामान को एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचाने का कार्य करता है। उसने बताया कि गत 5-6 जून को उसे किसी अनजान नंबर से 59 बंद पेटी सामान बिहार पहुंचाने का आर्डर मिला। उन्होंने इरशाद को बताया कि इसमें लोहे का कुछ सामान है जो बिहार जाना है। उसने बताया कि गत 7 जून को एक पंजाब नंबर का कैंटर वह सामान लेकर उसके पास आया। इरशाद ने सामान का बिल फोन पर मंगवाकर 59 पेटियों को अपनी गाड़ी में भरवाकर बिहार के लिए रवाना कर दिया। उसने बताया कि इसके लिए उसको ₹15000 दिए गए थे। रास्ते में ड्राइवर को गाड़ी में से शराब की बदबू आने लगी जिस पर उसने चेक किया तो उस पेटी में शराब भरी हुई पाई गई। इरशाद ने इसके बारे में सामान के मालिक को फोन किया तो उसने बताया कि पांच पेटी जिसमें से शराब लीक हो रही है वह रास्ते में कहीं फेंक दें और बाकी की 54 पेटी बिहार पहुंचा दें और जब यह समान बिहार पहुंच जाएगा तो उसे ₹20000 और दिए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने इरशाद को धमकी दी कि अब यह समान बिहार नहीं पहुंचा तो उसे जान से मार देंगे। इरशाद इस बात से डर गया और उसने गाड़ी वापस बुला ली और सेक्टर 58 ट्रांसपोर्ट एरिया में सारा सामान उतारकर तिरपाल के नीचे ढक दिया और इसकी सूचना पुलिस को दे दी। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की गई। बरामद की गई 54 में से 40 पेटी मैकडॉनल्ड तथा 14 पेटी इंपीरियल ब्लू की शामिल थी। क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा अवैध शराब को पुलिस कब्जे में लेकर मामले में जांच की जा रही है जिसमे सामान की डिलीवरी देने का आर्डर देने वाले आरोपियों की तलाश की जाएगी।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments