अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: क्राइम ब्रांच -30 की टीम ने आज एक बैंकट हॉल के मालिक से मोबाइल फोन पर 20 लाख रुपए रंगदारी मांगने न देने पर जान से मारने की धमकी देने वाले तीन आरोपितों को अरेस्ट किया हैं। पुलिस ने इस केस को मात्र 48 घंटे में सुलझा लेने का दावा किया हैं। इन तीनों आरोपितों में दो आरोपित आपस में चाचा भतीजा हैं। अरेस्ट किए गए आरोपितों के नाम हारून , नितीश व राकेश हैं।
एसीपी क्राइम सुरेंद्र श्योराण ने आज पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अरेस्ट किए गए आरोपितों में हारून,नीतीश व नीतीश के चाचा राकेश का नाम शामिल है आरोपित नीतीश तथा राकेश बल्लभगढ़ के रहने वाले हैं,दोनों आपस में चाचा भतीजे हैं, वहीं आरोपित हारून दिल्ली के मुस्तफाबाद का निवासी है। 2 दिन पहले पुलिस थाना एनआईटी में सेक्टर-21 इलाके के रहने वाले व्यापारी राकेश ने शिकायत दी थी जिसमें उन्होंने बताया कि वह शादी के लिए फार्म हाउस किराए पर देते हैं। 2 दिन पहले उन्हें किसी अनजान नंबर से फोन आया था जिसमें आरोपित ने उनसे 20 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी और पैसे नहीं देने की सूरत में उनके और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके पश्चात थाने में मामला दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की।
क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तकनीकी सहायता के आधार पर आरोपितों को मात्र 48 घंटे के अंदर काबू कर लिया। प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपित हारून तथा आरोपित नीतीश कुछ समय पहले जेल में बंद थे। आरोपित हारून अवैध हथियार तथा नीतीश लड़ाई झगड़े के मामले में बंद था। वहां दोनों की दोस्ती हो गई और तीन चार महीने पहले दोनों आरोपित जेल से बाहर आ गए। आरोपित नीतीश का चाचा राकेश जो सट्टा खाई का काम करता है जिसे पिछले दिनों सट्टेबाजी में लाखों रुपए का नुकसान हुआ था। आरोपितों को पैसों की जरूरत थी इसलिए उन्होंने रंगदारी मांगने का योजना बनाई। आरोपित राकेश को पता था कि व्यापारी के पास अच्छा खासा पैसा है और वह आसानी से पैसे दे देगा। राकेश ने यह बात अपने भतीजे आरोपित नीतीश को बताई और नीतीश ने इसकी जानकारी अपने साथी हारून को दी। आरोपित राकेश ने कहा कि वह इसी एरिया के रहने वाले हैं इसलिए उनकी आवाज पहचान में आ सकती है तो उन्होंने हारून से व्यापारी को फोन करवाया। पुलिस द्वारा आरोपितों से पूछताछ जारी है। मामले में गहनता से पूछताछ करने के लिए आरोपितों को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा और इसमें शामिल अन्य किसी आरोपित के बारे में जानकारी हासिल करके कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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