अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: बदरपुर क्षेत्र स्थित यूनिवर्सल अस्पताल ने एक ऐसे मरीज जिसे पिछले तीन सालों से खून की उल्टियां तो हो रही थीं तथा पैर भी काला पड़ गया था, का सफल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन प्रदान किया तथा मरीज का पैर भी कटने से बचाया। सफल ऑपरेशन पर मरीज ने अस्पताल के डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया है।अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेश जैन ने बताया कि मरीज उमर जोकि नूंह मेवात का रहने वाला है, को पिछले तीन सालों से बार-बार खून की उल्टियां हो रही थीं तथा पैर का कालापन भी बढ़ता जा रहा था। दिल्ली के सफदरजंग और एम्स अस्पताल में उसने दिखाया तो उसे पता चला कि उसकी छाती की महाधमनी (अयोटा), जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में थोरसिक अयोटा एल्मियूजम कहा जाता है, जिसकी वजह से फेफड़ों पर दबाव आ जाता है, इसकी वजह से उसे खून की उल्टियां हो रही थीं।
उसके साथ ही पेट की रक्तवाहिनी, जिसे इलायक आटरी के अंदर ब्लॉकेज था, इसकी वजह से पैरों में खून नहीं जा रहा था तथा पैर काला भी पड़ रहा था। इसके बाद मरीज यूनिवर्सल अस्पताल में आया जहां हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.शैलेश जैन ने मरीज की जांच कर बीमारी के बारे में विस्तार से बताया और अयोटा की एंजियोग्राफी की गई। एंजोग्राफी में पाया गया कि फेफड़े की महाधमनी जिसका आकार ढाई से तीन सेंटीमीटर होता है वह बढक़र 10 सेंटीमीटर हो गया है, जिसे थयोरोसिक अयोटा एन्यिुरिम कहा जाता है वह फूल गई थी जिसकी वजह से मरीज को खून को उलटियां हो रही थीं और कमर में भयानक दर्द था। इस बीमारी में अगर नस फट जाए तो मरीज को इतना समय भी नहीं मिल पाता है कि वह घर से अस्पताल तक भी आ सके। साथ ही पैर को खून का बहाव देने वाली रक्त वाहिनी भी 99 प्रतिशत बंद थी, जिसकी वजह मरीज को तुरंत ऑप्रेशन की सलाह दी गई और ऑप्रेशन के खतरे बारे में विस्तार से बताया गया। मरीज के ऑपरेशन में करीब 8 घंटे का समय लगा। मरीज का ऑपरेशन बिना चीरफाड़ के एंजियोग्राफी के माध्यम से एंडोवसकूरल तकनीक से किया गया। दोनों ऑपरेशन एक साथ किए गए। वह महाधमनी जो बड़ी हो गई थी उस हिस्से हिस्से पर एंडोवस्कुलर स्टैंड लगाया गया। मरीज की रक्तवाहिनी जो 99 प्रतिशत बंद थी उसको बैलून से फूलाकर स्टैंड डाला गया। मरीज इस समय बिल्कुल स्वस्थ है। ऑपरेशन में डॉ. शैलेश जैन, डॉ. राहुल चंदोला, डॉ. रहमान, डॉ. पवन, डॉ. मनोज, कुंवरपाल, नरेश, प्रियरंजन, शाबिर व खुशबू शामिल रहे।
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