अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:कोरोना महामारी के इस दौर में जहां पूरा देश महामारी से जूझ रहा है वहीं कुछ लोग इस आपदा को भी अवसर बनाने में जुटे हुए हैं। कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर में जहां लोग अपना जीवन बचाने की मशक्कत में लगे हुए हैं, वहीं कुछ लोग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचने के नाम पर लोगों की बची खुची जमा पूंजी भी उड़ा ले रहे हैं। फरीदाबाद के साइबर थाना की टीम ने इसी प्रकार लोगों के साथ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के नाम पर फ्रॉड करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के पांच सदस्यों को अरेस्ट करने में सफलता हासिल की है।
अरेस्ट किए गए आरोपियों में विशाल उर्फ रोहदास,नीतीश,अभिनव, चंद्रशेखर और ललित का नाम शामिल है जिसमें आरोपी विशाल उर्फ रोहदास अलीगढ़ के इगलास थाना का नाम वहां के टॉप 10 अपराधियों में शामिल है जिसके खिलाफ बलात्कार, हत्या, लड़ाई झगड़ा, अवैध हथियार सहित 13 मुकदमे दर्ज हैं जिसमें वह कई बार जेल भी जा चुका है। पुलिस द्वारा इन 5 आरोपियों में से दो आरोपी नीतीश और अभिनव को 1 हफ्ते पहले ही अरेस्ट करके जेल भेज दिया गया था और अन्य तीन आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। कोरोना से जूझ रहे मरीजों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आवश्यक ता होती है जिसकी इस समय मार्केट में बहुत ज्यादा किल्लत चल रही है जिसके चलते लोगों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का प्रबंध खुद से करना पड़ता है। जब कड़ी मशक्कत करने के पश्चात भी लोगों को कंसंट्रेटर उपलब्ध नहीं हो पाता तो वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचने वालों से संपर्क साधने के लिए इंटरनेट पर सर्च करते हैं।
लोगों से ठगी करने के लिए आरोपियों ने ऑनलाइन प्लेटफार्म का सहारा लिया हुआ था। आरोपियों ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इंडियामार्ट के ऊपर मेडीफ्लेक्स इंजीनियर्स पुणे के नाम से एक फर्जी कंपनी को रजिस्टर करवा रखा था जिसके माध्यम से इंडियामार्ट वेबसाइट पर कंसंट्रेटर सर्च करने वालों का फोन नंबर आरोपियों तक पहुंच जाता था।इसके पश्चात आरोपी कंसंट्रेटर खरीदने वालों से फोन पर संपर्क करते थे और बाकी जगह मिल रहे कंसंट्रेटर के दाम से कुछ कम दाम बता कर लोगों से अलग-अलग खातों में पैसे डलवा लेते थे जिसका प्रबंधन आरोपी ललित द्वारा किया जाता था। इसी तरीके का उपयोग करके आरोपियों ने फरीदाबाद के बीपीटीपी थाना क्षेत्र के रहने वाले सुमित से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के नाम पर 97400 रुपए हड़प लिए जिसकी शिकायत फरीदाबाद के साइबर थाना में करने के पश्चात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और षड्यंत्र की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए आरोपियों की धरपकड़ के निर्देश दिए जिसके पश्चात आरोपियों की धरपकड़ के लिए साइबर थाना प्रबंधक इंस्पेक्टर बसंत कुमार की अगुवाई में टीम का गठन किया गया जिसमें उप निरीक्षक राजेश कुमार, योगेश कुमार, सहायक उप निरीक्षक बाबूराम, नीरज, सत्यवीर, मुख्य सिपाही देवेंद्र, महिला मुख्य सिपाही अंजू , सिपाही बिजेंदर, अंशुल, संदीप, आजाद और अमित का नाम शामिल है। साइबर टीम की कड़ी मशक्कत और साइबर तकनीक ने रंग दिखाया और पुलिस ने आरोपियों को दिल्ली -एनसीआर क्षेत्र से अरेस्ट कर लिया।आरोपियों के कब्जे से 8.85 लाख रुपए नगद, 25 सिम कार्ड, 26 एटीएम, 2 आधार कार्ड, 7 मोबाइल फोन और वारदात में प्रयोग स्विफ्ट कार बरामद की गई है।पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने एनसीआर क्षेत्र में की गई कई वारदातों का खुलासा किया है जिसमें उन्होंने लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है जिसकी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।अरेस्ट किए गए आरोपियों में विशाल और चंद्रशेखर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, नितीश गाजियाबाद , ललित मुजफ्फरनगर और आरोपी अभिनव दिल्ली का रहने वाला है।पूछताछ पूरी करने के पश्चात पुलिस ने आरोपी विशाल उर्फ रोहतास तथा चंद्रशेखर को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है तथा आरोपी ललित को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपी ललित ग्राहकों से ट्रांसफर करवाए गए पैसों का प्रबंधन करता था इसलिए ललित द्वारा भिजवाए गए विभिन्न खातों में से पैसों की बरामदगी की जाएगी। पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने साइबर टीम द्वारा किए गए सराहनीय कार्य के लिए उनको बधाई दी और साइबर अपराधियों के विरुद्ध इसी प्रकार कड़ी कार्रवाई करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया।