अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :सराय खाव्जा चौक से ग्रीन वैली के बीच रेलवे फाटक के ऊपर बनने वाली रेलवे ओवर ब्रिज के कार्य में बिलंब ही नहीं,बल्कि काफी बिलंब होने के कारण फरीदाबाद के सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री कृषणपाल गुर्जर व पीडब्लूडी विभाग के कार्य प्रणाली पर अब अंगुली उठने लगे हैं। इस रेलवे फाटक पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने के लिए लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री सुरेश प्रभु व फरीदाबाद के सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर को पत्र लिख कर फ़ॉलोअप चुके हैं। हालांकि इस पुल की मंजूरी वर्ष 2013 में मिल चुकी हैं,वावजूद इसके वर्ष -2013 से लेकर 2018 यानी की अब तक अधर में लटका पड़ा हैं। इस प्रकरण में पीडब्लूडी विभाग के डीजीएम प्रवीण चौधरी का कहना हैं कि सराय खब्जा व ग्रीन वैली के बीच बने रेलवे फाटक के ऊपर जो रेलवे ओवर ब्रिज का कार्य होना हैं,उसमें सिर्फ जमीन अधिग्रहण करना बाकि हैं, इसके लिए वह लोग लैंड ऑनर के नाम की लिस्ट अभी तैयार की जा रहीं हैं और अगले हफ्ते में संभवता लैंड ऑनर के साथ उनकी मीटिंग हो जाएगी। उनका कहना हैं कि जमीन अधिग्रहण के बाद आरओबी का कार्य पूर्ण रूप से शुरू कर दी जाएगी।
ग्रीन वैली के रहने वाले के. के. भारद्वाज , हरिश सहगल व ऋषिपाल बैंसला का कहना हैं कि सराय खब्जा रेलवे फाटक के इस पार ग्रीन वेल्ली ,चार्मवुड विलेज ,ग्रीन फील्ड कालोनी ,लक्कड़पुर व दयाल बाग के अलावा काफी कालोनी हैं,इन जगहों पर बड़े -बड़े वीआईपी के साथ आदि लोग रहते हैं यह भी नहीं की यहां पर सिर्फ फरीदाबाद के निवासी रहते हैं, बल्कि ज्यादात्तर लोग भारत सरकार में कार्यरत व वहां से सेवानिवृत लोग ही रहते हैं। ऋषिपाल बैंसला,के.के भारद्वाज व हरिश सहगल ने बताया कि उपरोक्त जगहों पर लाखों के संख्या में लोग रहते हैं और ज्यादात्तर लोग नौकरी करने वाले हैं, क्यूंकि रेलवे फाटक के उस पार में नेशनल हाइवे -2 ,सराय खब्जा चौक हैं जोकि दिल्ली -फरीदाबाद व फरीदाबाद -नॉएडा को जोड़ता हैं की तरफ जाने के लिए रोजाना हजारों लोग रेलवे फाटक के अंदर से रेलवे लाइन पार करने को मजबूर हैं इस दौरान अब तक सैकड़ों लोग रेल हादसे के शिकार हो चुके हैं। इस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उन्होनें वर्ष 2010 -11 में कांग्रेस सरकार को पत्र लिख कर सराय खब्जा रेलवे फाटक पर पुल बनवाने की मांग की थी
जोकि वर्ष -2013 में इस पुल को बनवाने की मंजूरी मिल गई। यह पुल पीडब्लूडी विभाग को बनाना हैं और इस के लिए पैसा एनसीआर बोर्ड को देना हैं। उन सभी लोगों का यह भी कहना हैं कि हरियाणा सरकार के 21 अगस्त 2013 के मेमो के अनुसार प्रदेश में कुल 10 आरओबी बनाए जाने थे जिनमें से 9 रेलवे ओवर ब्रिज बनाए जा चुके हैं और 10 वां आरओबी सराय खब्जा हैं जोकि आज तक लापरवाह अधिकारीयों की वजह से अधर में लटका पड़ा हैं। हरिश सहगल ,के. के. भारद्वाज व ऋषिपाल बैंसला ने संयुक्त रूप से यह भी बताया कि सराय ख्वाजा रेलवे लाइन के निचे एक रेलवे अंडरपास बना हुआ हैं जिसमें बारिश का पानी कई फुट तक भर जाता हैं जिसका आम लोगों को भरे हुए पानी का अंदाजा नहीं रहता हैं और उस पानी में अपने फॉर व्हीलर को घुसा देते हैं और उसमें वह फॉर व्हीलर बुरी डूब जाता हैं तथा लोग उसमें बुरी तरह से फंस जाते हैं और लोगों को बचना बहुत ही मुश्किल हो जाता हैं। इसमें तो कई लोग ऐसे हैं जो मरते -मरते बचे हैं।
उनका कहना हैं कि वह अंडरपास बिल्कुल सुनसान जगह पर हैं और वहां पर मदद करने के लिए भी कोई इंसान दूर दूर तक नजर नहीं आता हैं। उन्होनें कहा कि इन प्रकरण के फॉलोअप करने के लिए सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, रेल मंत्री सुरेश प्रभु व प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भी फॉलोअप किया गया पर अभी इस पत्रों का यहां के लोगों को कोई फायदा नहीं मिला। इस संबंध में पीडब्लूडी विभाग के डीजीएम परवीन चौधरी का कहना हैं कि सराय खब्जा रेलवे फाटक के ऊपर जो रेलवे ओवर ब्रिज बनना हैं के कार्य में सिर्फ जमीन का अधिग्रहण होना बाकि हैं, इसके लिए वह लेंड ऑनर के नाम की लिस्ट बनाई जा रहीं हैं,संभवता अगले हफ्ते में लैंड ऑनरों के साथ उनकी मीटिंग हो जाएगी। उनका कहना हैं कि जमीन अधिग्रहण का कार्य खत्म होते ही पुल निर्माण का कार्य अबिलम्ब शुरू कर दी जाएगी।