अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :कानूनी नियमों की किस तरीके से धज्जियां उड़ाई जाएं ,अगर आप में से किसी को भी सीखना हैं तो आप ग्रीन फील्ड कालोनी के बिल्डरों से सिख सकते हैं। इन पर डीटीपी इंफोर्स्मेंट द्वारा जितनी भी सख्ती बरतें और तोड़फोड़ की कार्रवाई कर लें पर यह बिल्डर लोग अपनी मोटी कमाई का रास्ता तो कहीं न कहीं से अवश्य निकाल ही लेते हैं। कई बिल्डर लोग ऐसे हैं जिसमें जरुरत से कहीं जाएदा एरिया कवर किए हुए हैं। इस एवज में बिल्डर लोग ग्राहकों से मोटी रकम ऐंठ लेते हैं। बिल्डर राजपाल चौहान का कहना हैं कि प्लाट नंबर -2028 उन्हीं का हैं इसमें सिंगल यूनिट हैं और नक़्शे के मुताबिक चार मंजिला बना हुआ हैं। सवाल के जवाव में उनका कहना हैं कि उन्होनें जरुरत से कहीं जाएदा निर्माण नहीं किया हुआ हैं।
इस प्रकरण में डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार का कहना हैं कि कानूनी नियमों से ऊपर कोई भी नहीं हैं और जब भी उन्हें इस तरीके की शिकायतें मिलती हैं। उसकी जांच वह जरूर करते हैं जहां तक प्लाट नंबर – 2028 व 1166 की बात हैं वह उसकी जांच अवश्य करेंगें। इसके बाद सख्त कार्रवाई जल्द ही करेंगें हैं। एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त बताया कि प्लाट नंबर -312 में अवैध रूप से कई दुकानें बनाई थी और उसके ऊपर बिल्डरों ने फ्लैट बना ली थी जिसको डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार ने पोकलेन मशीनों की मदद से बिल्कुल ध्वस्त कर दिया था जिसमें जिला प्रशासन के लाखों रूपए खर्च आए थे। इसके कुछ दिन बीत जाने बाद उन बिल्डरों ने फिर से उस निर्माण को चोरी छिपे बना लिया और ऊपरी मंजिल वाले फ्लैट को बेचने देने की खबर हैं।
उसने यह भी बताया कि उसी बिल्डिंग के नीचे आधा दर्जन से अधिक दुकानें फिर से बिल्डर ने बना ली हैं और उसमें ईटों की दीवारों से ढक दी हैं और उसके ऊपर पेंट करवा दी हैं जिसे बाद में खोल कर एक -एक करके उन दुकानों को बेच देंगें। डीटीपी इंफोर्स्मेंट द्वारा किए गए सख्त कार्रवाई से इन बिल्डरों को सबक लेना चाहिए था पर इन बिल्डरों के उल्टा होसलें बुलंद हो गए। इसके बाद भी जितने भी निर्माण इन बिल्डरों ने बनाए हैं उसमें भी अवैध निर्माण करके अपनी मोटी कमाई का रास्ता निकाल लेते हैं।
ताजा मामला प्लाट नंबर -2028 व 1166 की हैं। फ्लैट नंबर -2028 में जरुरत से कहीं जाएदा निर्माण करने की शिकायतें लम्बें समय से आ रहीं हैं। इसके बाद 1166 में निचले हिस्से में 4 दुकानें व ऊपर फ्लैट बनी हुई हैं यह दुकानें काफी समय से वैसे ही बनी हुई हैं और इन दुकानों में इन दिनों लोग शराब पिने का कार्य करते हैं। खबरें जो मिली हैं यह भी दुकानें अवैध रूप से बनाई हुई हैं। इस संबंध बिल्डर राजपाल चौहान का कहना हैं कि उन्होनें अपनी बिल्डिंग प्लाट नंबर -2028 नक़्शे के मुताबिक बनाई हुई। इससे अलग बिल्कुल नहीं बनाई हैं। इस मामले में डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार का कहना हैं कि अवैध निर्माण बिल्कुल बर्दास्त नहीं करेंगें और उस शख्स को बिल्कुल नहीं छोड़ेगें जो नक़्शे के वावजूद कानूनी नियमों का जानबूझ कर मजाक उड़ा रहे हैं,उनका कहना हैं कि प्लाट नंबर -2028 व 1166 की जांच करवा रहे हैं। उस पर जल्द ही सख्त कार्रवाई करेंगें।