अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : देश भर में चार दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व का आज उगते सूर्य को अर्ध्य देने के बाद समाप्त हो गया। इस त्यौहार को मनानें के लिए देश -दुनिया में जिन -जिन हिस्सों में पूर्वांचल के लोग रह रहे हैं वह लोग वहीँ पर अपनी पूरी आस्था के साथ छठ पूजा अर्चना करते हैं। इसी क्रम में देश के अलग -अलग हिस्सों में पानी में खड़ी होकर उगते सूर्य की पूजा करती हुई नजर आ रहे लोगों की तस्बीरें आई हैं जो इस खबर में प्रस्तुत की गई हैं।
बतातें हैं कि रोजी -रोटी कमाने के उद्देश्य से लोग अपने -अपने घरों व परिवारों को छोड़ कर दूर -दराज चले गए पर वह लोग अपने संस्कृति व छठ पूजा के प्रति अपनी आस्थाओं को नहीं छोड़ा क्यूंकि चार दिनों तक लगातार चलने वाला बहुत ही कठिन पर्व हैं जो लोग जहां हैं वह लोग वहीँ के मंदिरों में सामाजिक संस्थाओं के जुड़ कर छठ पूजा अर्चना करते हैं पर बहुत ऐसे लोग भी हैं जो अपने काम धंधों को छोड़ कर और अपने कंपनियों से छुटियां को लेकर अपने गांव -घर चले जाते हैं और वहीँ पर अपने पूरे परिवार के साथ छठ पर्व पूरे उत्साह के साथ मनातें हैं।
आज पूर्वांचल के लोगों ने फरीदाबाद के 29 के हाउसिंग बोर्ड कालोनी में स्थित हनुमान मंदिर में पूर्वांचल छठ पूजा समिति व सेक्टर -30 के शिव मंदिर में छठ महापर्व पूजा समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आस पास के महिलाओं ने छठ पूजा की। इसके अलावा में दिल्ली के पुष्प विहार के सेक्टर -4 अंजुला श्रीवास्तव व बिहार के दरभंगा जिले में छठ पूजा अर्चना की जिसमें श्रीमती अरुणा सिन्हा, सुधा सिन्हा व दो अन्य महिलाओं के साथ छठ पूजा करती हुई तस्बीर में दिखाई दे रहीं हैं इनमें एक महिला श्रीमती अरुणा सिन्हा फरीदाबाद की रहने वाली हैं वह पिछले कई सालों से ट्रेनों में सवार होकर फरीदाबाद से अपने पूरे परिवार के साथ दरभंगा जिले में पूरे आस्था के साथ पहुंचती हैं और छठ पूजा करती हैं, वहीँ वंदना सिन्हा का कहना हैं कि उसकी भी अपनी इक्छा हैं कि छठ पूजा में अपने पुरे परिवार के साथ मनाए पर उनका एक बेटा अथर्व सिन्हा हैं और उसकी स्कूल की बिल्कुल छुटी नहीं होती हैं क्यूंकि उसकी पढाई भी काफी जरुरी हैं। इस वजह से वह अपने सासू मां मंजुला सिन्हा व जेठानी श्रीमती अरुणा सिन्हा, श्रीमती सुधा सिन्हा के साथ दरभंगा जिले में अरुण ,अनिल, अंजनी व सुजीत सिन्हा के निवास पर नहीं पहुंच पाती हूँ इस कारण से अपने परिवार के साथ छठ पूजा एक साथ नहीं कर पाती हूँ यह तो उनकी मजबूरी हैं पर वह यहां पर छठ पूजा में जरूर शामिल होती हैं ।