
अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद। फरीदाबाद नगर निगम की कमिश्नर अनीता यादव ने आज एसडीओ ओ पी मोर के मामले में पूर्व निगमायुक्त मोहम्मद साईन द्वारा आदेश जारी के करने के बाद भी जांच न करने को लेकर आज बल्लभगढ जोन के संयुक्त आयुक्त अमरदीप जैन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कमिश्नर ने बल्लभगढ शहर में लगातार बढते अवैध निर्माण व अतिक्रमण, लगातार कम होती कर बसूली, निगमायुक्त द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराने सहित कई अन्य मामलो में वेरुखी की बात कही है।
संयुक्त आयुक्त को लिखे पत्र में कमिश्नर ने कहा है कि गत दो नवम्बर 2018 को ओल्ड जोन के संयुक्त आयुक्त द्वारा तत्कालीन निगमायुक्त को लिखे अपने पत्र जिसमें उन्होंने नहर पार व्यापक स्तर पर अवैध निमार्णों की बात कही थी तो पहले तो तत्कालीन कमिश्नर ने सबंधित सहायक अभियंता ओ पी मोर के खिलाफ एफ आई आर के आदेश जारी किए थे तथा फिर छह दिसम्बर 2012 को निगमायुक्त ने ओपी मोर को निलंबित करने के आदेश जारी करते हुए बल्लभगढ के संयुक्त आयुक्त को मामले की जांच कर रपट देने को कहा ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। संयुक्त आयुक्त को लिखे पत्र में निगमायुक्त ने लिखा है कि कार्यालय में उपलब्ध रपट के अनुसार ए सी एम सी कार्यालय की मार्फत उक्त पत्र बल्लभगढ संयुक्त आयुक्त को भेजा गया, लेकिन उसका अभी तक कोई जबाव नहीं आया, न ही अभी तक ओ पी मोर के खिलाफ एफ आई आर की गई और न ही उनको निलंबित किया गया।
कारण बताओं नोटिस में कमिश्नर ने कहा है कि वीरवार को इस संदर्भ में कार्यालय को संयुक्त आयुक्त की तरफ से मिले पत्र में इस जांच को न कर पाने का कारण काम की अधिकता बताया गया है जो कि संतोषजनक नहीं है। कमिश्नर ने संयुक्त आयुक्त ने से कोताही बरतने के बारे में कारण पूछते हुए यह भी पूछा है कि क्यो न उनके इस रुख की लिखित जानकारी सरकार को दी जाए। इसके साथ ही एक अन्य पत्र में कमिश्नर ने कहा है कि बल्लभगढ जोन में पहले 2015-16 में 23.55 करोड की कर बसूली हुई थी, सन 2016-17 में यह बसूली मात्र 13.24 करोड रुपए रह गई, इसी प्रकार से शहर में अवैध निर्माण, अतिक्रमण हटाने इत्यादी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कमिश्नर के इस पत्र के बाद प्रशासनिक गलियारों में हडकम्प का आलम है ।