अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: फरीदाबाद में एक तरफ जहाँ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण कल कान्त एन्क्लेव में एक दर्जन से ज्यादा इमारतों को ढहा दिया गया तो दूसरी तरफ अरावली क्षेत्र में निर्माण अब भी जारी हैं। बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एल एन पाराशर ने कहा कि फरीदाबाद-सूरजकुंड रोड के पास एक जगह पर रात्रि में ब्लास्ट कर पत्थर निकाले जा रहे हैं और एक बड़ा फ़ार्म हाउस बनाया जा रहा है। पाराशर ने कहा कि मुझे मौके ही कई तस्वीरें मिलीं हैं जहाँ के गड्ढों को देख लगता है कि ये गड्ढे ब्लास्ट से हुए हैं और यहाँ से पत्थर निकाले गए हैं। पराशर ने कहा कि इस फ़ार्म हाउस पर रात्रि-दिन काम चल रहा है जिसके बाहर एक फार्म लिखा है। यहाँ से करोड़ों के पत्थर निकाल बेंच दिए जा रहे हैं और कई एकड़ पर जमीन को समतल कर एक बड़ा फ़ार्म हॉउस बनाया जा रहा है।
पाराशर ने कहा कि सभी तस्वीरें मैं सुप्रीम कोर्ट में दिखाऊंगा जहाँ अरावली को लेकर मैंने याचिका दायर की है। पाराशर ने कहा कि यहाँ जो खेल चल रहा है वो किसी बड़े नेता या उसके किसी खास का हो सकता है क्यू कि अरावली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 1992 के बाद के निर्माण ढहाने के आदेश दिए हैं और यहाँ धड़ल्ले से फ़ार्म हाउस बनाया जा रहा है। खनन हो रहा है। पाराशर ने कहा कि शहर के कई बड़े अधिकारी भी शक के दायरे में हैं जिन्हे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मौके पर भी गया था जहाँ मैंने खुद ये निर्माण देखे हैं। पाराशर ने कहा कि अरावली को सरेआम लूटा जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी नहीं मानें जा रहे हैं जिसे देख लगता है कि हरियाणा में सरकार और प्रशासन नाम की चीज ही नहीं है। उन्होंने कहा कि लगता है हरियाणा सरकार ही सारा खेल करवा रही है तभी सरकार ने पीएलपीए एक्ट में संसोशन करवाने का प्रयास किया था। पाराशर ने कहा कि उनके द्वारा दायर याचिका पर जल्द होने वाली सुनवाई में ये सभी सबूत पेश किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं आरटीआई के माध्यम से पता करूंगा कि ये फ़ार्म हाउस किसका है और जानकारी मिलने पर इसके ऊपर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाने का मामला दर्ज करवाऊंगा।