अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
सूरजकुंड (फरीदाबाद):36 वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में पर्यटक जहां एक ओर शिल्पकारों की कृतियों का अवलोकन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर छोटी व बड़ी चौपाल पर देशी व विदेशी कलाकार अपनी पारंपरिक वेशभूषा में शानदार प्रस्तुतियों से धमाल मचा रहे हैं। आज छोटी चौपाल हरियाणवी, पंजाबी के अलावा कत्थक नृत्य, सूफी गायन, गजल गायन के साथ-साथ जिम्बाब्वे एवं दक्षिणी सूडान के कलाकारों की प्रस्तुतियों का शानदार संगम का गवाह बनी। दर्शक इन सभी प्रस्तुतियों पर थिरकते रहे तथा उन्होंने शानदान प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद उठाया।शिल्प मेला में छोटी चौपाल पर प्रतिदिन की तरह सुबह से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर शाम तक चलता रहा। इस चौपाल पर झम्मलमीर एवं संजीवनी की पिता-पुत्री की जोड़ी ने गजल गायन में बेहतरीन प्रस्तुति से दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी।
उन्होंने वो वादे पे वादा किए जा रहे हैं हम इस आस पे जिए जा रहे हैं, तमन्ना है मैं देखूं और मुझे देखा करे कोई, बडा मासूम अरमां है, अगर पूरा करे कोई, दिल ना तोड मेरा खुदा के लिए जैसी प्रस्तुतियों से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।अगली प्रस्तुति में जिम्बाबवे के 11 कलाकारों ने बाबुम्बा नृत्य के माध्यम से अपने देश की समृद्ध संस्कृति की दर्शकों पर अमिट छाप छोडी। इस प्रस्तुति के दौरान कलाकारों एवं दर्शकों की अलग-अलग भाषाएं भी कोई बाधा नहीं बनी और दर्शकों ने इन कलाकारों की प्रस्तुति का भरपूर आनंद उठाया तथा तालियों की गडगडाहट से कलाकारों का हौंसला बढाया। दक्षिणी सूडान के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में अपने देश के परंपरागत समूह नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया।देश की प्रसिद्ध कत्थक नृतकी नयनिका घोष तथा उनकी टीम ने कत्थक नृत्य की शानदार प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्र मुग्ध किए रखा। उन्होंने मलहार की प्रस्तुति से समापन किया। इनके साथ मयूर भट्टïाचार्य, अभिषेक, सिद्धिका व अन्य कलाकार शामिल रहे।
नयनिका घोष ने 5 वर्ष की आयु से ही कत्थक नृत्य का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। उन्होंने महान कत्थक कलाकार बिरजु महाराज से भी कत्थक नृत्य का प्रशिक्षण लिया तथा अपनी प्रस्तुतियों से देश-विदेशों में अपने देश की संस्कृति का परचम लहराया है।सांस्कृतिक कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति में नरेश जैकब फिल्मी बैंड की टीम ने हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुतियों के साथ-साथ पंजाबी गीतों पर भी दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने इंतहा हो गई इंतजार की, आई ना कुछ खबर मेरे यार की, ये हमें है यकीं बेवफा वो नहीं, फिर वजह क्या हुई इंतजार की के अलावा पंजाबी गीतों एक मुंडा पंजाबी की प्रस्तुति पर भी दर्शकों को खूब नचाया। टीम की कलाकार तान्या ने जाता कहां है दिवाने, सब कुछ यहां है सनम, बाकी के सारे फसाने, झूठे हैं तेरी कसम की सुरीली प्रस्तुति से समां बांध दिया तथा दर्शक सब कुछ भुलाकर अपने स्थानों पर झूमने लगे। इसके उपरांत पंजाबी का एक मीर पंजाबी ने सूफी गायन की शानदार प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर सांस्कृतिक अधिकारी रेणु हुड्डï, डा. सुमन डांगी, तानिया चौहान के अलावा अन्य अधिकारीगण, स्कूली बच्चे व दर्शक मौजूद रहे।
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