अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: 200 करोड़ रूपए के फरीदाबाद नगर निगम में हुए घोटाले के मामले में चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर की अग्रिम जमानत आज अदालत ने नामंजूर कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डा. पंकज सिंह की अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी । विजिलेंस ने अदालत को बताया कि इस मामले में चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर मुख्य आरोपित है। अगर उसको जमानत मिली तो मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। अदालत ने विजिलेंस का पक्ष मजबूत माना और अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। अब डीआर भास्कर अग्रिम जमानत याचिका ऊपरी अदालत में लगा सकता है ।
आपको बतादें कि, यह घोटाला वर्ष मई 2020 में उजागर हुआ था। फरीदाबाद नगर निगम के 4 पार्षदों ने तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर को शिकायत दी थी कि नगर निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतबीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है। नगर निगम आयुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई। ठेकेदार सतबीर को भुगतान में अनियमितताएं पाए जाने पर उन्होंने विजिलेंस से जांच की सिफारिश की। वर्ष 2020 से विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही थी।
इसके बाद विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर, कार्यकारी अभियंता प्रेमराज, कनिष्ठ अभियंता शेर सिंह, लिपिक पंकज कुमार, प्रदीप, लेखा शाखा लिपिक तस्लीम के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की उचित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया।विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर की 4 फर्मों के बैंक खातों की जांच की। उसके खातों में नगर निगम की तरफ से 190 करोड़ रुपये का भुगतान मिला। विजिलेंस जांच कर रही है कि इसमें कितने रुपये का काम ठेकेदार द्वारा किया गया और कितना रुपया उसे बिना काम किए मिला। विजिलेंस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि वह आरोपित चीफ इंजीनियर डी आर भास्कर को तलाश और तेज कर दी गई हैं, जल्द ही उसे अरेस्ट कर लिया जाएगा।
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