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अपराध फरीदाबाद

फरीदाबाद साइबर पुलिस ने इस हफ्ते 7 केस सुलझाते हुए 18 आरोपितों को अरेस्ट कर 32,88 ,600/- रुपए किए बरामद- जसलीन कौर


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: आजकल तकनीक के दौर में अलग-अलग तरह से लोगों को ऑनलाइन सुविधाएं मिल रही है। जिसके माध्यम से लोग अपने ज्यादातर काम करने के लिए तकनीक पर ही निर्भर हैं। साइबर अपराधी लोगों की इसी निर्भरता का फायदा उठाकर विभिन्न प्लेटफॉर्म से लोगों का डाटा प्राप्त करके उनको झांसे में लेकर उनके साथ ठगी कर रहे हैं। साइबर ठगी के लिए साइबर अपराधी लोगों को विभिन्न प्रकार से लालच देते हैं, जिनमें से कुछ बड़े प्रकार QR, UPI ,टेलीग्राम टास्क फ्रॉड, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फ्रॉड, लोन फ्रॉड, अश्लील विडियो बनाकर ब्लैकमेल करके, लोगों के खाते में बहाने से पैसे डलवाने का लालच देना, बैंक अधिकारी बनकर ओटीपी प्राप्त करना प्रमुख है।
साइबर अपराध के तरीके:
*UPI फ्रॉड:*
आजकल साइबर ठग QR कोड का इस्तेमाल करके भी लोगों को लूटते हैं, वो आपको ऐसे जरुरी दिखने वाले लिंक या QR कोड भेजते है। जिन्हे स्कैन करने पर या खोलने पर आपके बैंक अकाउंट से सीधे पैसे चुरा लिए जाते है। अतः इससे बचने के लिए किसी अनजान व्यक्ति से मिले QR को कभी स्कैन न करें। जरुरी हो तो सिर्फ भरोसेमंद लोगों के QR कोड ही स्कैन करें। यदि आपके पास कोई भी संदिग्ध QR कोड आता है तो उसके संबंध में तुरंत बैंक को सूचित करें। स्कैमर्स अलग-अलग तरीके से लोगों को यूपीआई के जरिए अपना शिकार बनाते हैं। स्कैमर्स किसी यूजर के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते हैं और फिर उन्हें कॉल कर कहते हैं कि गलती से उनका पैसा ट्रांसफर हो गया है। इसके बाद उनसे पैसे रिफंड करने को कहा जाता है। इसके लिए उन्हें यूपीआई का लिंक भेजा जाता है। जैसे ही इस लिंक पर यूजर क्लिक करते हैं, उनके फोन का कंट्रोल स्कैमर्स के पास पहुंच जाता है और वे डिजिटल वॉलेट या बैंक अकाउंट से पैसा गायब कर देते हैं। QR कोड का प्रयोग पेमेंट लेने के लिए किया जाता है ना कि देने के लिए।
*ऑनलाईन शॉपिंग फ्रॉड:*
आजकल साइबर फ्रॉड करने वाले लोग किसी भी वेबसाइट के नाम से मिलती -जुलती एक दूसरी साईट बना देते है। इसे ओपन करने पर बिलकुल असली साइट के जैसी दिखती है। ऐसी साइट बनाने के बाद गूगल एडवर्ड्स पर डाल कर इन्हे ट्रेंड करा दिया जाता है। ऐसा करने पर ये साईट सर्च इंजन में भी ऊपर दिखाई देती है। इस साईटस पर काफी कम कीमत में सामान दिखाया जाता है। जिससे ग्राहक प्रभावित होते है और सस्ते के चक्कर में ऑनलाईन पेमेंट कर देतें है। ग्राहकों से पेमेंट लेने के बाद ये लिंक डिएक्टिवेट हो जाते है। अतः इस तरह की ठगी से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि जिस भी साइट से शॉपिंग करना चाहते हैं उसका प्रॉपर QR ब्राउज़र के एड्रेस बार में टाइप करके ही साइट पर जाएँ और खरीदारी करें। 
ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड से कैसे बचें-
ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले साइबर अपराधी किसी बैंकिंग वेबसाइट की हूबहू डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं। जिस पर आरबीआई की सभी शर्त व गाइडलाइन भी मेंशन करते हैं। 
• जो ऐप्स प्रीपेमेंट फीस, प्रोसेसिंग फीस या प्री क्लोजर फीस ज्यादा मांगे उनके इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए। 
• अनवेरीफाइड ऑनलाइन बैंकिंग ऐप्स जो उधार देते हो उनसे बचना चाहिए. ऐसे फ्रॉड ऐप आपसे आपकी गोपनीय जानकारियां जैसे बैंक खाते संबंधित डिटेल्स, क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी, पिन कार्ड या एड्रेस मांगते हैं.
• किसी ऐप से लोन लेने से पहले ऐप स्टोर पर ऐसे ऐप की रेटिंग चेक करें. 
• अगर ऐसे ऐप आरबीआई और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी से जुड़े हुए खुद को बता रहे हैं तो एक बार वेरिफाई जरूर कराएं.
• किसी भी ‘प्रोसीड’ ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी जरूरी विवरणों को जरूर देखें। नियम और शर्तों को पहले ध्यान से पढ़े।  
साइबर पुलिस की उपलब्धियां:
दिनांक 9 फरवरी से 15 फरवरी  तक फरीदाबाद की साइबर पुलिस ने 7 केस सुलझाते हुए 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर 32,88,600 /- रुपए किए बरामद। 
4 केस साइबर सेंन्ट्रल, 2 साइबर बल्लभगढ़ तथा 1 मामला साइबर एनआईटी ने सुलझाए 
गिरफ्तार किए गए आरोपितों में सुरेश, अंशु, सूरज, हेमंत, हिमांशु धीरज, प्रवेश, निशिथ, अतुल , सागर, ऋतिक, घनश्याम, अंकित, विकास, प्रमोद, इरफान, जीशान तथा महिला आरोपित  ज्योति का नाम शामिल है। उक्त आरोपित यूपीआई या शॉपिंग फ्रॉड के माध्यम से साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे जिनके मुकदमे फरीदाबाद के तीनों साइबर थानों में दर्ज किए गए थे। इस सप्ताह में साइबर पुलिस ने 1773 शिकायतों का निस्तारण करते हुए 8,30,426 /- रुपए करवाए रिफंड वा 1,38,141/- रुपये बैंकों में सीज किए गए ।

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