अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: क्राइम ब्रांच के साइबर सेल ने आज देश का पहला एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया हैं, जो मैजिक पेन का इस्तेमाल करके 40 लोगों को लगभग एक करोड़ रूपए का चुना लगाने वाले चार आरोपितों को अरेस्ट किया हैं। पुलिस ने इन चारो आरोपितों से साढ़े तीन लाख रूपए नकद बरामद किए हैं। पुलिस की माने तो कम रकम का चैक मैंजिक पैन से भरवाकर व पीडित के रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर की कॉल को अपने नम्बर पर डाईवर्ट करके बैंक में जमा राशी की जानकारी ले लेते थे। ये खुलासा आज डीसीपी मुख्यालय डा. अर्पित जैन ने आज ये खुलासा अपने कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस दिए हैं।
डीसीपीडॉ अर्पित जैन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आरोपितों का वारदात करने का तरीका कुछ इस प्रकार था कि आरोपित अपने आप को मारुति-हुंडई कम्पनी का कर्मचारी बताकर लोगों को कॉल करते थे। उनकी गाड़ी की वारन्टी एक्सटेंड करवाने के नाम पर कम रकम का चैक मैजिक पैन से भरवाया जाता था। इसके पश्चात् पीड़ित के रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर की कॉल अपने नम्बर पर डाईवर्ट की जाती थी और आरोपित बैंक में जाकर उस चैक में रकम बदलकर बैंक में जमा करवा देते थे।
बैंक कर्मचारी द्वारा रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर पर वेरिफिकेशन कॉल की जाती थी जिसे आरोपितों द्वारा ही वेरीफाई किया जाता था। क्यूंकि चेक के असल मालिक की कॉल आरोपित अपने नंबर पर डाइवर्ट करवा लेते थे। आरोपितों ने सैक्टर- 15 के रहने वाले पीडित अशोक खन्ना को इसी तरह से झांसा देकर उनसे 1100/- रुपये का चैक मैजिक पैन से भरवाकर उसके सैन्ट्रल बैंक आफॅ इंडिया के खाते से करीब 1,90,000/- रु. धोखाधडी से निकाल लिए। पीड़ित अशोक ने इसकी शिकायत पुलिस स्टेशन साइबर अपराध, फरीदाबाद में की जिसपर दिनांक 16 जनवरी -2021 को पुलिस स्टेशन साइबर अपराध में IPC की धारा 406,419,420, 467,468, 471,120बी व 34 के तहत मुकदमा अंकित किया गया। पुलिस कमिश्नर ओ पी सिंह ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए आरोपितों को जल्द पकडने के आदेश जारी किए थे। उनका कहना हैं कि साइबर टीम ने तकनीक का प्रयोग करते हुए 4 आरोपितों को दिल्ली के हर्ष विहार एरिया से अरेस्ट करके पुलिस रिमांड पर लिया हैं। अरेस्ट किए गए आरोपितों के नाम पवन उर्फ़ गौरव, राहुल , बलबीर और अमित उर्फ़ मोना है। उनका कहना हैं कि आरोपितों ने इसी तरह से एनसीआर एरिया में कई लोगों से लगभग एक करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर चुके हैं। सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि आरोपित जस्टडायल से लोगों के नंबर हासिल करते थे। आरोपित पवन और बलवीर लोगों को फसाने का काम करते थे और आरोपित राहुल और अमित चेक को कैश कराने का काम करते थे। आरोपित पवन और बलबीर दोनों आपस में दोस्त हैं।