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फरीदाबाद

फरीदाबाद: परेशान बायर्स ने आज सेक्टर- 76 स्थित बिल्डर कंपनी एडल डिवाइन कोर्ट सोसायटी में इकट्ठे होकर किया प्रदर्शन

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: सेक्टर- 76 स्थित एडल डिवाइन कोर्ट हाई राइज सोसायटी में 10 साल बीत जाने के बावजूद भी पजेशन नहीं मिल पाया।  पजेशन न मिलने से परेशान बायर्स ने आज रविवार को सेक्टर- 76 स्थित एडल डिवाइन कोर्ट सोसायटी में इकट्ठे होकर प्रदर्शन किया तथा एनसीएलटी कोर्ट में चल रहे मामले को फास्टट्रैक कोर्ट तथा जल्द से जल्द पजेशन देने की मांग की। लोगों ने बताया कि बिल्डर की ओर से वायदे के अनुसार पजेशन नहीं दिया गया, वहीं बिल्डर ने अब स्वयं को दिवालिया घोषित कर दिया है जिससे फ्लैट मिलने की आस काल के गाल में चली गई है। कोर्ट में भी वर्ष -2016 से केस लड़ रहे है लेकिन कुछ हो नहीं पा रहा है। यदि जल्द से जल्द फ्लैट्स पर मालिकाना हक नहीं दिया जाता है तो हम लोग धरना देने को मजबूर हो जाएंगे। 

दरअसल, सेक्टर- 76 में ऐरा बिल्डर ने ऐरा हाईराइज तथा लॉ राइज नामक दो प्रोजेक्ट लॉन्च किए। बाद में ऐरा नाम बदलकर एडल लैंडमार्क कर दिया गया। बिल्डर ने लॉ राइज सोसायटी का निर्माण कार्य पूरा कर दिया, हालांकि यहां भी मूलभूत सुविधाओं की कमी है। लॉ राइज सोसायटी में लोगों ने बिना पजेशन लिए रहना शुरु कर दिया परंतु बिल्डर ने हाईराइज का निर्माण कार्य शुरू ही नहीं किया। यहां बायर्स ने स्वयं ही नींव ड़ाली तथा काम शुरू किया परंतु फंड की कमी की वजह से काम पूरा नहीं हो पाया। लोगों ने बताया कि बिल्डर ने वर्ष 2012 में प्रोजेक्ट लॉन्च किया तथा वर्ष 2015 तक पजेशन देने का वायदा किया। वर्ष 2018 में लोगों ने एनसीएलटी में केस डाला गया लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। बिल्डर ने प्रोजेक्ट में फ्लैट्स बनाकर देने का वायदा किया था जिसमें से करीब 850 बायर्स ने फ्लैट खरीद लिए।

लोगों ने की 80 से 85 प्रतिशत भुगतान

बिल्डर की ओर से यहां फ्लैट्स की कीमत करीब 30 से 40 लाख रुपए रखी गई जिसमें लोगों ने फ्लैट्स के लिए करीब 80 से 85 प्रतिशत भुगतान कर दिया है।  लोगों ने बैंक लोन लेकर, कर्ज लेकर तथा मेहनत की गाढ़ी कमाई लगाकर फ्लैट खरीदे लेकिन बिल्डर की ओर से लोगों को पजेशन नहीं दिया गया, ऐसे में लोग अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे है।

लॉ राइज में भी बनी हुई है दिक्कत- 

लॉ राइज में भी लोगों को पजेशन नहीं मिला है। यहां लोगों ने स्वयं संघर्ष करके बिजली विभाग से कनेक्शन लिया है। लोगों ने करीब छह महीने यहां जनरेटर से काम चलाया है। यहां लॉ राइज सोसायटी को चारों से कवर नहीं किया गया। लावारिस जानवर सोसायटी के अंदर घूमते है वहीं सिक्योरिटी की भी व्यवस्था नहीं है।  

700 करोड़ रुपया बकाया है एडल लैंडमार्क पर

जानकारी के अनुसार एक फाइनेंस कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में दावा पेश कर एडल लैंडमार्क पर 700 करोड़ रुपया बकाया बताया है। दावे पर सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल ने समाधान के लिए बिल्डर के सभी 17 प्रोजेक्ट पर इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल तैनात कर दिया है। इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल ने सभी लेनदारों से सबूतों सहित अपने बकाया की दावेदारी प्रस्तुत करने को कहा था। अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए रियल एस्टेट ग्रुप एडल लैंडमार्क लिमिटेड ने ईसीएल फाइनेंस लिमिटेड से वर्ष 2013 में 170 करोड़ रुपये का लोन लिया था। भुगतान नहीं होने के कारण ब्याज व अन्य चार्ज के बाद ऋण की यह राशि अब करीब 700 करोड़ रुपये हो चुकी है। इसके भुगतान के लिए फाइनेंस कंपनी ही एडल लैंडमार्क को लॉ ट्रिब्यूनल में घसीट ले गई। जानकारी के अनुसार ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एडल लैंडमार्क को समन जारी कर ऑडिट रिपोर्ट,  एनसीएलटी की रिपोर्ट, लोन की डिटेल्स, बैंक अकाउंट आदि डिटेल्स भी मांगी है।

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