अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि गर्मी के मौसम के मद्देनजर जिला में तापमान बढ़ना शुरू गया है। इससे गर्मियों में होने वाली शारिरीक परेशानियों का खतरा भी बढ़ गया है। गर्मियों में इन शारिरीक परेशानियों के साथ लोगों को स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डिहाइड्रेशन, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन, हीट स्ट्रोक जैसी समस्या हो सकती है। इससे बचाव को लेकर हमें विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। गर्म हवाएं व लू से शारीरिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे किसी व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।डीसी विक्रम सिंह ने ऐसे में सभी जिलावासी अपने दैनिक कार्यक्रमों की सूची बनाने से पूर्व अपने मोबाइल,रेडियो,टीवी या अखबार के माध्यम से अपने स्थानीय मौसम की जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें। ताकि घर से बाहर निकलते समय गर्म हवाओं व लू के प्रकोप से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि सभी जिलावासी पर्याप्त मात्रा में जितनी बार संभव हो शरीर के तापमान के अनुरूप पानी पियें भले ही उन्हें प्यास ना लगी हो।
इसके साथ ही जब भी धूप में घर से बाहर निकले तो हल्के रंगों के ढीले फिटिंग के तथा सूती कपड़े पहने व इसके साथ सूरक्षात्मक चश्में, छाता, पगडी, दुपट्टा, टोपी, जूते या चप्पलों का उपयोग जरूर करें। यात्रा के समय अपने साथ पीने का पानी अवश्य रखें।डीसी ने कहा कि सभी जिलावासी अपने पालतू जानवरों को छाया में रखें और उन्हें निरंतर पीने का पर्याप्त पानी देते रहें। घर का तापमान रहने के योग्य बना रहे इसके लिए रात में घरों की खिड़कियां खुली रखें। उन्होंने जिला के सभी औद्योगिक संस्थानों से अपील करते हुए कहा कि सभी संस्थान अपने कार्यक्षेत्र पर ठंडा पेयजल उपलब्ध करवाएं। इसके साथ ही प्रयास करें कि श्रमिकों को प्रत्यक्ष सूर्य के समक्ष होने वाले कार्यों से बचाया जा सके। मौसम में हो रहे बदलावों को ध्यान में रखते हुए श्रमयुक्त कार्यों को दिन के ठंडे समय के दौरान करें व बाहरी गतिविधियों के दौरान आराम के समय में भी बढ़ोतरी करने के प्रयास करें। कार्यक्षेत्र पर गर्भवती मजदूरों का चिकित्सकीय परामर्श की स्थिति में अतिरिक्त ध्यान देना होगा।डीसी ने बताया कि हम अक्सर अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां करते है जो बाद में परेशानी का सबब बनती है। ऐसे में गर्मी के मौसम में वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़े व कोशिश करें कि दिन में 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचा जा सके। इसके अतिरिक्त शरीर मे पानी की कमी वाले पेय पदार्थ जैसे कि शराब,चाय कॉफी के सेवन से दूरी बनाए रखने में ही समझदारी है।डीसी विक्रम ने कहा कि यदि आपका कार्यक्षेत्र इस प्रकार का है कि आपको धूप में कार्य करना है। तो आप धूप से बचाव के लिए टोपी या छाते का उपयोग करें तथा अपने सिर,गर्दन व चेहरे पर नम कपड़ा जरूर रखें। इसके साथ साथ शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनी रहे इसके लिए घर के बने पेय जैसे लस्सी, नींबू पानी,छाछ आदि का प्रयोग करें।जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय गुप्ता ने बताया कि गर्मी के स्ट्रोक,गर्मी के दाने या गर्मी से ऐंठन जैसे कि कमजोरी,चक्कर आना,सिर दर्द, मितली और दौरे के लक्षणों को पहचाने यदि आप थकान व कमजोरी व बीमार जैसा महसूस कर रहें है तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श करें।
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