अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:विश्व संवाद केंद्र एवं जे.सी. बोस विश्वविद्यालय, वाईएमसीए के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सौजन्य से सृष्टि के प्रथम पत्रकार महर्षि नारद मुनि की जयंती पर संगोष्टी का आयोजन किया गया। राष्ट्र हित केंद्रित पत्रकारिता विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में ख्याति प्राप्त पत्रकार, जिले के विभिन्न मीडिया संगठनों के प्रतिनिधि, सामाजिक धार्मिक संगठन एवं प्रबुद्ध नागरिक जन मौजूद रहे।
विवेकानन्द सभागार में कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुलसचिव डॉ एसके गर्ग, मुख्य वक्ता संसद टीवी के संपादक श्याम किशोर ̈सहाय,विशिष्ट अतिथि विश्व संवाद केंद्र हरियाणा के महासचिव राजेश कुमार,संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग के चेयरमैन डॉ पवन सिंह, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग कार्यवाह डॉ अरविंद सूद, प्रचार विभाग प्रमुख माधव जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता रहे संसद टीवी के संपादक श्याम किशोर सहाय ने पत्रकारों के प्रकाशस्तंभ होने के लिए देवर्षि नारद के महत्व को दर्शाने के लिए दर्शकों के लिए एक काल्पनिक स्थिति स्थापित करके अपने वक्तव्य की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने ‘राष्ट्र’ शब्द के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा ‘राष्ट्र’ शब्द भारतीय सभ्यता की एक अवधारणा है। यहां तक कि वेदों में भी इस विशिष्ट शब्द का उपयोग अनेक बार किया गया है। अपने शब्दों को समाप्त करते हुए,उन्होंने दर्शकों से आह्वान किया कि वे जितना संभव हो उतना अनुसंधान करें,
क्योंकि खोज विकास का एकमात्र तरीका है। इस अवसर पर बोलते हुए कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग ने इस तरह के एक अद्भुत और सफल आयोजन के लिए छात्रों और सीएमटी विभाग को बधाई दी। वह आगे देवर्षि नारद के गुणों के बारे में बात करते हैं, जिन पर सभी का भरोसा था, जो एक ऐसी चीज है जिसे हर समकालीन पत्रकार को सीखना चाहिए और समाज में अपनी विश्वसनीयता स्थापित करनी चाहिए। संगोष्ठी में संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग अध्यक्ष डॉ पवन सिंह मलिक ने अपने उद्बोधन में पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए उसे चार स्तरों में वर्गीकृत किया; पत्रकार (जो समाचार साझा करते हैं), आकांक्षी पत्रकार (वह जो एक पत्रकार बनने के लिए अध्ययन कर रहे हैं), शिक्षक (वह जो महत्वाकांक्षी पत्रकारों का मार्गदर्शन करता है), ऑडियंस ( वह जो साझा जानकारी का उपभोग और उपयोग करता है) उन्होंने अपने वक्तव्य में पत्रकार के गुणों को साझा किया कि वर्तमान पत्रकार को बहु-प्रतिभाशाली होने की आवश्यकता है। उन्हें नए मीडिया के बारे में पता होना चाहिए। विश्व संवाद केंद्र हरियाणा के महासचिव राजेश कुमार ने अपने संबोधन में राष्ट्र निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, और उभरते पत्रकारों को अपने काम और अपने राष्ट्र के प्रति ईमानदार रहने के लिए कहा क्योंकि वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और भारत की सरकार और नागरिक के बीच एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी दर्शकों को देवर्षि नारद जयंती की बधाई दी। उन्होंने राष्ट्र निर्माण के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त की और युवा पत्रकारों से कहा कि वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और भारत की सरकार और नागरिकों के बीच महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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