अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: खेड़ी कलां गाँव में 24 घंटे में 8 मौते होने से गाँव के लोगो में भय का माहौल व चर्चा का विषय बना हुआ है जिनमे एक मौत कोरोना संक्रमणं से हुई तथा अन्य सात मौते किसी न किसी बीमारी के कारण हुई है। किसान संघर्ष समिति नहर पार फरीदाबाद के संयोजक व समाजसेवी सत्यपाल नरवत ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने अपनी 58 साल की उम्र में गाँव में इतनी मौते एक साथ होती नहीं देखी। उन्होंने प्रशासन से इसकी जाँच की मांग की है। कोविड-19 महामारी के दौरान मौतो का होना चिंता का विषय है।
लोग इसे 5-G से भी जोड़कर देख रहे है। कुछ समय पहले अक्षय कुमार की 2.0 फिल्म आई थी जिसमे 4-G से चिडियो को मरते दिखाया गया था और आज वास्तव में चिड़िया कहि दिखाई नहीं देती। किसान नेता सत्यपाल नरवत ने बताया कि उनके गाँव में खेड़ी कलां में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 25 बैड का कोविड सेंटर बनाया हुआ है जिसमे ऑक्सीजन भी साथ है। आठ एकड़ जमीन में हॉस्पिटल बना हुआ है जो जमीन पंचायत द्वारा दी गई है अगर गाँव का कोई कोरोना संक्रमित हो जाता है और उसको ऑक्सीजन बैड की आवश्यकता है तो उसे हॉस्पिटल में ऑक्सीजन बैड तुरंत नहीं मिल पाएगा। क्योकि 25 बैड भरे हुए रहते है और एमरजेंसी में स्ट्रेचर पर भी ऑक्सीजन लगाकर मरीज को रखा जाता है उन्होंने मांग की है कि कम से कम एक बैड गाँव के मरीज के लिए आरक्षित रहना चाहिए। उन्होंने वरिष्ठ चिकित्षा अधिकारी डॉ. हरजिंदर से ये आग्रह किया है की जो कोरोना के मरीज यहां पर इलाज प्राप्त कर रहे है वे हॉस्पिटल की चार दीवारी के अंदर ही घूमे, बहार सड़क पर आकर न घूमे ताकि संक्रमण न फैले और गाँव के लोगो में भय न हो। गाँव में इस समय वायरल बुखार भी फैला हुआ है। खेड़ी कलां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वैक्सीन भी लगाई जाती है और कोरोना टेस्ट भी किए जा रहे है। आम मरीज भी हॉस्पिटल में आते है। जिस कारण हॉस्पिटल में भीड़ काफी रहती है ग्रेटर फरीदाबाद में बसी सभी सोसाइटी खेड़ी कलां के अधीन आती है यहाँ पर SMO डॉ हरजिंदर सहित आधे से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी भी कोरोना संकर्मित हो चुके है।थोड़ा स्टाफ होने की वजह से काफी परेशानी डॉक्टरों व कर्मचारियों को आ रही है सभी 16 से 20 घंटे तक कार्य कर रहे है। जोकि सराहनीय है। किसान नेता सत्यपाल नरवत व समस्त गाँव वासियो ने प्रेस के माध्यम से मांग की है कि इस हॉस्पिटल का दर्जा बढ़ाकर सबडिविजनल हॉस्पिटल का दर्जा किया जाए। डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारी तत्काल बढ़ाए जाए और वेंटीलेटर की व्यवस्था भी की जाए। अब डेढ़ लाख के करीब आबादी इस हॉस्पिटल के आधीन आती है। इस मामले में जिला उपायुक्त यशपाल यादव से मोबाइल फोन पर बातचीत करने की कोशिश की गई पर उन्होनें अपना फोन नहीं उठाया। संभवता वह किसी कार्य में व्यस्त होंगे। आगे उनसे से 24 घंटों में 7 लोगों के मृत्यु के सबंध में कोई जानकारी उनकी तरफ से मिलती हैं तो इस खबर में एड कर दी जाएगी।
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