अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मुख्यमंत्री मनोहर लाल 4 मंजिल मामले में कब खामोशी तोड़ेगे, आपकी ख़ामोशी से बिल्डरों में बहुत ही ज्यादा बेचैनी हैं। क्यूंकि सरकार द्वारा 4 मंजिल की नई इमारत बनाने पर 9 महीने पूर्व में प्रतिबंध लगाईं थी। सरकार की इस घोषणा के बाद बहुत से बिल्डर बीच मझधार में फंस गए। अब यही बिल्डर लोग कर्ज में डूब गए हैं, उनका प्रॉपर्टी कारोबार से जुड़े सभी नेटवर्क और सिस्टम की ऐसी तैसी हो गई हैं। फरीदाबाद में अफवाहों का बाजार ये गर्म हैं की सरकार जल्द ही ग्रेटर फरीदाबाद में 4 मंजिल बनाने की सरकार परमिशन दे सकती हैं। बाकी के सेक्टरों में अभी 4 मंजिल पर प्रतिबंध जारी रहेगा। इन अफवाहों से पर्दा उठाने के उद्देश्य से, इस मामले में डीटीपी प्लानिंग वेद प्रकाश से बातचीत की गई तो उनका कहना हैं कि सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी अपना काम कर रही हैं जहां तक बात हैं ग्रेटर फरीदाबाद में 4 मंजिल की परमिशन मिल सकती हैं, और सेक्टरों में 4 मंजिल पर प्रतिबंध जारी रहेगा। ऐसी कोई सूचना सरकार की तरफ से उनके पास नहीं हैं,और नहीं आई हैं।
बीते कई महीनों से प्रॉपर्टी कारोबारी के बीच ये खबर बड़ी तेजी फ़ैली हुई हैं, की फरीदाबाद जिले के ग्रेटर फरीदाबाद विकिसत एरिया हैं, यहां पर सरकार कभी 4 मंजिल बनाने की इजाजत दे सकती हैं, व और कई सेक्टरों में अभी 4 मंजिल पर प्रतिबंध रहेगा। ऐसे में प्रतिबंध के बाद बीच मझधार में फंसे कई बिल्डर लोग अब मुश्किल हैं। और करोड़ों के कर्ज नीचे दबे हुए हैं। अब उनके कपड़े लेनदार फाड़ने की खबरें आई हैं, बोलना तो बहुत चाहते हैं,पर मीडिया के सामने आना नहीं चाहते हैं। क्यूंकि बड़े बिल्डर लोग सत्तापक्ष के सांसद ,विधायक व मंत्रीगण के करीबी हैं, और लाइसेंसधारी हैं, उनको अपनी आवाज अपने अंदर में ही रखने में फायदा नजर आता हैं। पता चला हैं कि शहर भर के बिल्डर अब ग्रेटर फरीदाबाद में अपने कार्यालय खोल रहे हैं, और खोल लिए हैं। और ग्रीन फील्ड , अशोका एन्क्लेव समेत कई अन्य सेक्टरों में प्रॉपर्टी का धंधा अब खत्म सी हो गई हैं, जो बचे हैं उनमें कोई न कोई पेंच संभव हैं, इसके लिए ग्राहक फ्लैट खरीदने से पूर्व डीटीपी एनफोर्समेंट कार्यालय से अवश्य संपर्क करें और सही,गलत का पता कर लें, इन इलाकों में प्रॉपर्टी में काफी गिरावट आई हैं।
फीवा के पूर्व प्रधान आकाश गुप्ता का कहना हैं कि एक 4 मंजिला इमारत बनाने में लगभग 250 से अधिक सामानों की जरूरत पड़ती हैं। इसमें सीमेंट, ईंट , डस्ट, रेती , रोड़ी, सरिया, पानी , लकड़ी, लोहे की खिड़की दरवाजे व बिजली के सामानों सहित कई अन्य सामान शामिल हैं। तब जाकर एक 4 मंजिला इमारत खड़ी होती हैं। ये तब संभव हैं , जब बिल्डर के पास अपना एक बड़ा सिस्टम हैं। बीते नौ महीनों में इन सभी कारोबारी के धंधे पर काफी बुरा असर पड़ा है। जो मजदूरों को जोड़ कर बिल्डरों ने रखा हुआ था, अब काम नहीं मिलने की वजह से वह सभी मजदूर छोड़- छोड़ कर यहां से पलायन कर रहे हैं। गुप्ता का कहना हैं कि सरकार को चाहिए की इस मसले पर जल्द फैसला लें, ताकि बिल्डर अपने बिल्डिंग बनाने का कार्य शुरू कर सकें, क्योंकि नौ महीना का समय एक लंबा समय हैं, सरकार के स्तर पर इतना ज्यादा समय लगना लोगों को हैरान करती हैं जो कर रही हैं। एक अन्य बिल्डर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरकार की इस फैसले से वह लोग भी प्रभावित हैं जो सेक्टरों में रहते हैं। जिनके परिवार में माता-पिता, दो बच्चे हैं , और इनके परिवार हैं जो बूढ़े माता -पिता को पसंद नहीं करते हैं। बेटे-बहुओं की जात्ती से बहुत ही ज्यादा परेशान हैं, और बहुत ज्यादा दुखी हैं। ऐसे लोग बिल्डरों से मिलकर 4 मंजिल बिल्डिंग बनाते हैं, जिससे उन्हें रहने के लिए फ्लैट मिल जाती हैं, और खर्च करने के लिए पैसा भी, जिससे वह अपना जरुरत पूरा कर लेते हैं, इसमें बुरा क्या हैं।गिने चुने लोगों ने सरकार से शिकायतें की, और सरकार ने एक दम से 4 मंजिल की नई बिल्डिंग बनाए जाने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी, जो बीते नौ महीने से लगातार जारी हैं, अब तो सरकार को लगे प्रतिबंध को तुरंत हटा देना चाहिए। ये उनकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग हैं।
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